Tuesday, May 7, 2024
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पिटाई प्रकरण: नवोदय विद्यालय के सीनियर छात्रों में बढ़ती अनुशासनहीनता से जूनियर छात्रों में डर का माहौल

(मोबाइल खो जाने पर पूछताछ के दौरान इंटरमीडिएट के छात्रों ने हाई स्कूल के छात्रों के साथ की मारपीट)

(अभिभावकों का कहना विद्यालय के हाऊस में सीनियर छात्र जूनियर छात्रों से करते हैं रैगिंग)

रायबरेली, महाराजगंज क्षेत्र के बावन बुजुर्ग बल्ला स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में कक्षा 11 व 12 के छात्रों द्वारा कक्षा 10 के छात्रों की पिटाई कर दी गई। जिससे विद्यालय परिसर में अफरा-तफरी का माहौल रहा। दशवीं के छात्रों पर पिटाई का डर इस क़दर हावी रहा कि रात भर दशवीं के छात्रों ने हाउस के बाहर ही इधर उधर छुप कर रात गुजारी। घटना में कक्षा 10 के एक छात्र को गंभीर चोटें भी आई हैं। शुक्रवार को विद्यालय पहुंचे अभिभावक अधिकांश कक्षा 10 के छात्र को अपने घर लेकर चले गए। बताते हैं कि ब्रहस्पतिवार शाम को दशवीं के छात्र अनमोल भारती का मोबाइल खो गया था, जिसकी तलाश में वह सभी छात्रों से पूछताछ कर रहा था। इस दौरान जब उसने सीनियर छात्रों से मोबाइल के सम्बन्ध में पूछा तो सीनियर छात्र आक्रोशित हो गए और दशवीं के छात्रों की सामूहिक रूप से पिटाई कर दी। जिससे छात्रों में हड़कंप मच गया। छात्रों और अभिभावकों के अनुसार कक्षा 10 के छात्रों पर डर इस कदर हावी रहा कि रात भर अधिकांश छात्र हाउस के बाहर ही अपने आप को सीनियर छात्रों से बचाने के लिए इधर उधर छुपते रहे। सुबह होते ही छात्रों ने अपने अभिभावकों को सूचना दी। अभिभावकों ने मामले की शिकायत विद्यालय प्रशासन से करनी चाही लेकिन विद्यालय प्रशासन इस मामले पर उदासीन रहा। जिसके बाद मामले में आक्रोशित अभिभावकों ने डायल 112 पर सूचना दी, तब विद्यालय प्रशासन हरकत में आया। विद्यालय प्रभारी प्रधानाचार्या सपना सिंह ने बताया कि वृहस्पतिवार शाम को मोबाइल खोने पर छात्रों के बीच मामूली कहासुनी हुई थी,जिसके बाद अब स्थिति सामान्य है। विद्यालय प्रबंधन की प्रभारी ने यह भी बताया कि पूर्व में विद्यालय के प्रधानाचार्य सेवानिवृत्त हो चुके हैं और उप प्रधानाचार्य भी अवकाश पर हैं। गौरतलब तो यह है कि छात्रों और अभिभावकों के कथनानुसार सीनियर छात्रों द्वारा हाउस में जूनियर छात्रों के साथ रैगिंग की जाती है जो कि एक अपराध भी है यहां तक कि एक अभिभावक बताते हैं कि कभी कभी सीनियर छात्र और अध्यापकों में भी झड़प हो जाती है लेकिन विद्यालय प्रबंधन ऐसे मामलों पर कड़ी प्रतिक्रिया देने में विवश रहता है। अब ऐसे में उच्चाधिकारियों को विद्यालय के अनुशासन पर चर्चा करनी चाहिए जिससे अन्य छात्रों पर इसका असर न पड़ सके।