Thursday, May 16, 2024
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आगामी दिनों में ब्रजधाम में रहेगा भीड़ का भारी दबाव

⇒वृंदावन, गोवर्धन, कोकिलावन, बेलनवन आदि स्थलों पर बढने लगी भीड
⇒यातायात और भीड को नियंत्रित करने लिए पुलिस प्रशान ने तैयार किया प्लान
मथुराः श्याम बिहारी भार्गव। बेलनवन से बांकेबिहारी तक तो गोवर्धन से कोकिलावन तक श्रद्धालुओं की भीड उमड रही है। नव वर्ष पर लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के ब्रजधाम में आगमन की संभावना व्यक्त की जा रही है। वहीं दूसरी ओर कोरोना की तीसरी लहर की चकल्लस भी जोरशोर से शुरू हो गई है। हालांकि अभी जिला प्रशासन ने नव वर्ष पर आने वाले श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों के लिए कोरोना की तीसरी लेहर को लेकर कोई अतिरिक्त गाइड लाइन जारी नहीं की है। जिला प्रशासन अभी प्रमुख धार्मिक स्थलों पर उमडने वाली भीड को नियंत्रित करने और इस दौरान यातायात व्यवस्था को दुरूस्त रखने की जद्दोजह में जुटा है। मथुरा के मांट थाना क्षेत्र में स्थित है महालक्ष्मी जी का मंदिर। यहां पौष माह के हर गुरुवार को मेला लगता है। पौष माह के गुरुवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु महालक्ष्मी जी के दर्शनों को आते हैं। इस बार भी भीड का भारी दबाव रहा। शनिवार को कोकिलावन शनिधाम मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड उमडती है। वहीं सप्तकोसीय गिरिराज धाम परिक्रमा मार्ग में भी श्रद्धालुओं की संख्या बढ गई है। इसमें आगामी कुछ दिनों तक लगातार वृद्धि होने की संभावना है। नए साल की शुरुआत से पहले मथुरा-वृंदावन में करीब 25 लाख भक्तों के आने की उम्मीद है। ये आंकड़ा पिछले साल 18 लाख श्रद्धालुओं का था। ऐसे में मथुरा प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्थाओं को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है। उम्मीद की जा रही है कि 24 दिसंबर से 2 जनवरी तक करीब 15 लाख श्रद्धालु आएंगे। इसको लेकर बांके बिहारी मंदिर की तरफ से नई गाइडलाइन जारी हो गई है। वृंदावन आने वाले भक्त बांके बिहारी के दर्शन करते हैं। इसके बाद भक्त दूसरे मंदिरों की तरफ जाते हैं। श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए मंदिर प्रबंधन ने गाइड लाइन जारी की है। मंदिर प्रबंधक मुनीश कुमार के मुताबिक भक्त दर्शन करने के लिए आते समय वन वे के जरिए ही आएंगे। मंदिर में प्रवेश 2 और 3 नंबर गेट से रहेगा। जबकि बाहर जाने के लिए 1 और 4 नंबर गेट का इस्तेमाल करेंगे। पहले आने वाले गेट से श्रद्धालु बाहर भी निकल पा रहे थे। अब ऐसा नहीं होगा। इसके अलावा किसी तरह का कीमती सामान लेकर और जूते चप्पल पहनकर मंदिर की तरफ न आएं। क्योंकि जिस गेट से वह प्रवेश करेंगे उससे वह बाहर नहीं आएंगे। इस तरह श्रद्धालु परेशानी से बच सकते हैं प्