Friday, April 26, 2024
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आओ नशीली दवाओं के दुरुपयोग, अवैध तस्करी रोकनें में सक्रिय भागीदारी बढ़ाएं

नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ़ अंतर्राष्ट्रीय दिवस 26 जून 2022 पर विशेष
नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने सामुदायिक सहायता की ज़रूरत हैं
मादक पदार्थों के प्रयोग से दुष्प्रभाव- परिवार से विच्छेदन, अपराध प्रवृति में वृद्धि, शारीरिक व मानसिक कमजोरी के रूप में सामने आती है – एड किशन भावनानी
अंतरराष्ट्रीय स्तरपर मादक पदार्थों के सेवन और नशीली दवाओं के दुरुपयोग तथा उसकी अवैध तस्करी के मामलों से करीब-करीब हर देश पीड़ित है और यह समस्या दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही है। खासकर मानवीय युवा पीढ़ी जिन्हें भविष्य की बागडोर संभालनीं है, यानें हमारी अगली पीढ़ी बनने वाले युवा और बच्चों की रुचि मादक पदार्थों में बढ़ती ही जा रही है हम अपने आसपास भी देखते होंगे कि बच्चे भी सिगरेट, बीड़ी, बीयर पीने की ओर आगे बढ़ते दिखाई दे रहे हैं जो वैश्विक समस्या बनती जा रही है इसीलिए ही नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस 26 जून के उपलक्ष में हम इस आर्टिकल के माध्यम से, आओ नशीली दवाओं के दुरुपयोग, अवैध तस्करी को रोकने सक्रिय भूमिका बढ़ाएं पर परिचर्चा करें।

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वृद्धाश्रम की वेदना

सिसकती है कई ज़िंदगीयां उस दोज़ख के भीतर एक गुमनाम सी उम्र ढ़ोते, सुलगती है ममता और वात्सल्य पिता का ज़ार-ज़ार रोते..
मन को झकझोरने वाले द्रश्य पनपते है कलयुग के कारीगरों की करतूतों को उजागर करते, वृद्धों की आँखों से पश्चाताप छलकता है असुरों को पैदा करने की सज़ा पाते..
उस जननी के ख़्वाबगाह से बहते अश्कों की भयावह गाथा कोई क्या जानें, जन्म दिया जिसे वही छोड़ गया वृद्धाश्रम की चौखट के पीछे..
खून से सिंचा जिस औलाद को अपने शौक़ परे रखकर, सपने जिनके पूरे किए उसी ने कलंकित किया माता-पिता के मासूम हृदय को..

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योग मतलब ऊर्जा का स्रोत

आज पूरे विश्व में योग की महत्ता बढ़ गई है। शारीरिक बीमारियों से लेकर मानसिक तनाव को दूर करने में योग सक्षम है। सुबह सुबह का योग व्यक्ति को दिन भर ऊर्जावान बनाए रखता है। ऐसे बहुत से आसन है जो व्यक्ति की शारीरिक दुर्बलता को दूर करता है। 21 जून यानी उत्तरी गोलार्ध का सबसे लंबा दिन है जिसे कुछ लोग ग्रीष्म संक्रांति भी कह कर बुलाते हैं। भारतीय परंपरा के अनुसार संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है। कहा जाता है कि दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने में बहुत लाभकारी होता है और इसी वजह से 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। योग का अर्थ है “जुड़ना” यानि मन को वश में करना। सदियों पहले महर्षि पतंजलि ने मुक्ति के आठ द्वार बनाए थे जिन्हें हम अष्टांग योग कहते हैं। मौजूदा वक्त में अष्टांग योग के कुछ अंगों जैसे आसन, प्राणायाम व ध्यान को ही हम जान पाए हैं। सही मायनों में आठ अंकों की पूरी जानकारी ही योग को पूर्ण करती है।
1. यम : मतलब संयमित या मर्यादित व्यवहार
2. नियम: जीवन में कुछ नियम जरूर स्थापित करना चाहिए
3. आसन: मौजूदा वक्त में यह सबसे प्रचलित है अनेक तरह के व्यायाम आसन को प्रतिपादित करते हैं।
4. प्राणायाम: आती जाती सांसों के प्रति सजगता
5. प्रत्याहार: इंद्रियों पर नियंत्रण
6. धारणा: मन को एकाग्र करना
7. ध्यान: जो कहता है कि जब लगातार धारणा बनी रहती है तो ध्यान घटित होता है और ध्यान के नाम पर हम जो भी विधि या प्रक्रिया अपनाते हैं वह हमें धारणा अर्थात एकाग्रता की ओर ले जाती है ध्यान मतलब शून्यता
8. समाधि: यह शब्द सम यानि समता से आया है। महर्षि पतंजलि कहते हैं कि जब योगी स्वयं के वास्तविक स्वरूप में लीन हो जाता है तब साधक की वह अवस्था समाधि कहलाती है
समाधि पूर्ण योगस्थ स्थिति का प्रकटीकरण है। कबीर इस अवस्था को व्यक्त करते हुए कहते हैं, “जब जब डोलूं तब तक परिक्रमा, जो जो करूं सो सो पूजा।”
बुद्ध ने योग को निर्वाण और महावीर ने कैवल्य कहा है।हमारी प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद में अष्टांग योग के यम एवं नियम इन दो नियमों के आधार पर शारीरिक व्याधियों की उत्पत्ति और प्रतिबंधन हेतु सर्वाधिक प्रयोग किया गया है। उल्लेखित है श्योगे मोक्षे च सवार्सॉ वेदना नाम वर्तनम्श् अर्थात योग के माध्यम से समस्त वेदनाओं का शमन आयुर्वेद बताता है। आयुर्वेद में वर्णित आचार रसायन योग के अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य आदि सिद्धांतों के परिपालन से रसायन की तरह शरीर का पोषण करने का निर्देश देता है।आयुर्वेद द्वारा निर्दिष्ट आहार, निद्रा, ब्रह्मचर्य योग के विस्तृत महत्व को प्रतिपादित करता है। योगाभ्यास के द्वारा आयुर्वेद के चिकित्सा सिद्धांतों का परिणाम परिष्कृत रूप में प्राप्त किया जा सकता है। योग हमारे शरीर को भौतिक रूप से ही स्वस्थ नहीं करता बल्कि मानसिक रूप से भी सुदृढ बनाता है।

प्रियंका वरमा माहेश्वरी
गुजरात

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क्यों नारी को हीन बनाया बनाया गया!

जिस देश में नारी आदि काल से ही पूजी जा रही हैं उसी देश में नारी का सम्मान का हनन,मानसिक और शारीरिक रूप से सालों से होता रहा हैं।जिसमे सिर्फ मां सीता या द्रौपदी ही नहीं अनेक नारियां हैं जिनके बारे में हम ज्यादा कुछ जानते ही नहीं।अहिल्या शीला क्यों बनी?दत्तात्रेय की माता की कहानी, सतीत्व की परीक्षा क्यों ली गई?देखा हैं कभी किसी पुरुष के सत की परख हुई हो, ऐसी कोई भी कहानी इतिहास में लिखी दिखी हैं कभी? क्यों सावित्रियाँ ही पति को यम से वापस ले आती हैं,देखा हैं कोई नर जिसकी पत्नी के मृत्यु के बाद अपनी पत्नी को वापस पाने के लिए यम से भिड़ा हो?
सीता को माता कहलाने के लिए जो सहना पड़ा वह सती बनी,पर क्या क्या कीमत चुकाई ये हम विदित ही हैं।वैसे क्यों हरण हुआ सीता का,राम और लक्ष्मण के स्वरूपनाखा के साथ हुए मसखरे वर्तलाप की वजह से ही तो। इसमें सीता के स्त्रीदाक्षिण्य में कोई कमी तो न थी। द्रौपदी का को अपमान हुआ वह भी पांच पांच बाहुबली पतियों के सामने ये क्या बताता हैं निर्मल्य मानसिकता या अपना द्युत धर्म के पालन करने की जूठी जिद्द!वहीं द्रौपदी को माता का दर्जा नहीं मिला लेकिन एक नरसंहार को जन्म मिला।द्रौपदी की वेदना को वाचा उसके पतियों ने दी जो वाकई में दर्दनाक थी।महाभारत के युद्ध के बाद आसमान में गिद्धों के बदल छा गए थे ये उस संहार के चित्र को स्पष्ट कर रहा हैं की विनाश की मात्रा कितनी थी।ये समाज की लघु दृष्टि को साबित करती हुई घटनाएं हैं।
एक जमाने में ऋषि पत्नियां भी वाग संवाद में हिस्से लेती थी,यहां तक की किसी भी गोष्टी में निर्णयकर्ता भी नियत की जाती थी।वे विदुषियां थी तभी तो उनको इतना मान सम्मान भी मिलता था।आज कल के जमाने में देखा जाएं तो नारी उत्पीड़न की वजहें बहुत ही सामान्य होने के साथ साथ बहुत ही गहन भी हैं।नारी शारीरिक बल के अलावा हरेक मामलों में पुरष से आगे हैं।व्यवहारिक मामलों में नारी से कोई मुकाबला पुरुष का नहीं हैं,मानसिक बल स्त्री के पास ज्यादा हैं, भावनात्मक लगाव कभी भी पुरुष से कम नहीं रही हैं वह।क्या ये नारी के मान को हीन बनाना एक पुरुष उन्नति के लिए प्रायोजित कार्यक्रम हैं? जैसे हम विद्यार्थी काल में लाइन बनाके अपने सहपाठी से कहते थे,” उस लाइन को छेड़े बगैर छोटी कर के दिखाओ।”और क्या किया जाता था,उसी लाइन के साथ में एक बड़ी लाइन खींच के पहली लाइन को छोटी बना दिया करतें थे,तो कालक्रम में स्त्री को अबला और बाद में कमतर साबित कर दिया गया ताकि पुरुषों के अपेक्षित सम्मान या ईगो को पूरा किया जा सके।

जयश्री बिरमी
अहमदाबाद

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बीते दिनों हुई दहेज हत्या की घटना के आरोपी गिरफ्तार

सलोन/रायबरेली,पवन कुमार गुप्ता। दहेज लोभियों की मांग पूरी ना होने पर ससुराल जनो ने बीती दो दिन पहले महिला को फंदे पर लटकाकर उसकी हत्या कर दी है ।सूचना पर पहुँचे सलोन सीओ और कोतवाल ने फॉरेसिंक टीम को बुलाकर घटना स्थल की गहनता से जांच कराई।वही लड़की के पिता ने पति समेत कई लोगो के विरुद्ध बेटी को जान से मार डालने की तहरीर देकर हत्या का मुकदमा भी दर्ज कराया था। सलोन कोतवाली क्षेत्र के पूरे शिव सेवक मजरे ममुनी ऋचा पांडे(25)पत्नी नितेश मिश्रा की बुधवार तड़के घर के बेडरूम के अंदर चूल्ले से लाश लटकती पाई गई थी। सूचना पर सीओ अमित सिंह भी घटना स्थल पर पहुंचे थे। इस घटना में सीओ अमित सिंह ने बताया था कि मृतका के पिता की तहरीर पर आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया है। कोतवाली प्रभारी सजंय त्यागी ने बताया कि कुछ लोगो को हिरासत में लेकर पूंछतांछ की जा रही है।

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तेज रफ्तार बाइक ने खड़े ट्रक चालक को रौंदा,दोनों घायल

हाथरस।  हाथरस जंक्शन क्षेत्र के सिकंद्राराऊ मागर् स्थित केलौरा चैराहे के पास खड़े ट्रक में तेज रफ्तार से आती एक बाइक टकरा गई। दुघर्टना में बाइक चालक तथा ट्रक के चालक को गंभीर चोट आयी हैं। दोनों घायलों को बागला जिला अस्पताल में भतीर् कराया गया है।बताया जाता है थाना हाथरस जंक्शन कोतवाली क्षेत्र के केलौरा चैराहे के पास प्रधान ढाबे पर ट्रक चालक सुरजीत उम्र 40 साल पुत्र रोशन लाल निवासी गया बिहार रात्रि लगभग एक बजे अपने ट्रक के टायर चैक कर रहा था।

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उद्यमियों की समस्याओं का प्राथमिकता से करें निस्तारण-डीएम

हाथरस। जनपद के उद्यमियों की समस्याओं का त्वरित निस्तारण करने के उद्देश्य से जिला स्तरीय उद्योग बंधु समिति एवं व्यापार मंडल के साथ कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक करते हुए जिलाधिकारी रमेश रंजन ने सम्बन्धित समस्त विभागीय अधिकारियों को उद्यमियों की समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण करने तथा व्यापार मंडल, व्यापार बंधुओं को वृक्षारोपण कर संरक्षित करने का आव्हान किया।जिलाधिकारी ने गत बैठक में दिये गए निदेर्शों पर की गई कायर्वाही के बारे में जानकारी ली तथा जनपद में होेने वाले औद्योगिक निवेश में तेजी से कायर्वाही करने के निदेर्श दिए। उन्होंने सभी अधिकारियों से उद्यमियों द्वारा किये गये आवेदन पत्र पर शीघ्र कायर्वाही करने के निदेर्श दिए। उन्होंने कहा कि बैठक का उद्देश्य उद्यमियों की समस्याओं का निस्तारण करना है।

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रेलवे ट्रैक पर मिला युवक का शव, हत्या का आरोप

सिकन्द्राराऊ। पुरदिलनगर मागर् स्थित अंडरपास पुल के निकट रेलवे ट्रैक पर आज सुबह एक युवक का शव पड़ा मिलने से सनसनी मच गई। घटना स्थल पर लोगों की भीड़ जुट गई। सूचना पर पहुँची पुलिस ने लोगोें से मृतक की शिनाख्त कराई। मृतक की पहचान जनपद एटा के गांव लखीमपुर निवासी राजकुमार के रूप में हुई है। घटना की सूचना मृतक के परिजनों को दी गई। सूचना पाकर परिजन भी पहुँच गए। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमाटर्म के लिए भेजा है। मृतक के परिजनों ने हत्या का आरोप लगाते हुए कायर्वाही की मांग की है।

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साहब! ग्राम प्रधान व रोजगार सेवक 213 की बजाय कर रहे 119 रूपये का भुगतान

सासनी। साहब! हम गरीब मजदूर हैं और दिन भर मेहनत मजदूरी करके अपना पेट पालन करते हैं। लेकिन ग्राम प्रधान व रोजगार सेवक हमारे हक पर कट मार कर 213 रूपये के स्थान पर मात्र 119 रूपये का भुगतान कर रहे हैं। हमें हमारा पूर्ण भुगतान कराया जाए।उक्त गुहार आज मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों द्वारा एसडीएम से शिकायत करते हुए दिए गए शिकायती पत्र में कहा गया है कि ग्राम पंचायत खेड़ा फिरोजपुर सासनी के ग्राम प्रधान और रोजगार सेवक द्वारा मनरेगा के मजदूरों को 213 रूपये के स्थान पर 119 रूपये का भुगतान किया है। ग्राम प्रधान से मनरेगा मजदूरों ने इस संबंध में शिकायत की तो ग्राम प्रधान व रोजगार सेवक ने धमकी दी कि अगर किसी ने भी इस संबंध में कोई शिकायत आदि की तो उन्हें आगे से कोई भी कार्य नहीं दिया जाएगा।

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बरौली में संघर्ष,5 घायल

हाथरस। थाना हाथरस जंक्शन कोतवाली क्षेत्र के गांव बरोली में बीती रात रंजिशन संघर्ष हो गया और संघर्ष में एक ही परिवार के 5 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए तथा झगड़े की खबर से पूरे गांव में भारी खलबली मच गई और सूचना पाकर मौके पर थाना पुलिस भी पहुंच गई।थाना क्षेत्र के गांव बरौली में बीती रात्रि को रंजिशन एक ही परिवार के लोगों में आपस में पहले वाद विवाद फिर संघर्ष हो गया।

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