Wednesday, November 20, 2024
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एनटीपीसी ने ओएनजीसी के साथ संयुक्त उपक्रम कंपनी बनाने के लिए समझौता किया

दोनों महारत्न कंपनियां अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं, भंडारण, ई- परिवर्ततनीयता, औरईएसजी (पर्यावरणीय, सामाजिक एवं प्रबंधन) के अनुकूल परियोजनाओं में अवसरोंका पता लगाएंगी
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। ऊर्जा मंत्रालयके तहत सार्वजनिक कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैसमंत्रालय के तहत पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ओएनजीसी) ने अक्षय ऊर्जा व्यापार के वास्ते एक संयुक्त उपक्रम कंपनी बनाने के लिएसमझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौता ज्ञापन से दोनों कंपनियां अब ऊर्जा क्षेत्र में अपनी मौजूदगी को तेजी से आगे बढ़ने में सक्षम होंगी।
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर एनटीपीसी के निदेशक (वाणिज्यिक) ए के गुप्ता औरओएनजीसी के निदेशक (वित्त) एवं व्यापार विकास तथा संयुक्त उपक्रम केप्रभारी श्री सुभाष कुमार ने किए। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर की यहगतिविधि वर्चुअल कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एनटीपीसी के मुख्य प्रबंधक निदेशक (सीएमडी) गुरदीप सिंह और ओएनजीसी के प्रबंध निदेशक (सीएमडी) शशि शंकरकी उपस्थिति में हुई। इस मौके पर दोनों कंपनियों के अन्य निदेशक और अधिकारीभी मौजूद थे।

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न्याय बंधु ऐप से मिलेगी निशुल्क कानूनी राय

कानपुर नगर, जन सामना ब्यूरो। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कानपुर नगर ने बताया है कि न्याय बंधु ऐप से मिलेगी निशुल्क कानूनी राय। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के विधि मंत्रालय की ओर से अधिवक्ताओं, वादकारियों, समाज के कमजोर वर्ग के लोगों को निशुल्क विधिक सेवा प्रदान करने के लिए एप लांच किया गया है। “न्याय बंधु “ऐप के जरिए घर बैठे कानूनी राय व सहायता ली जा सकती है। मा0 जनपद न्यायाधीश /अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कानपुर नगर, अशोक कुमार सिंह के निर्देशानुसार इसकी जानकारी देते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ऐश्वर्या प्रताप सिंह ने बताया है कि “न्याय बंधु” मोबाइल ऐप गरीब व जरूरतमंद लोगों को रजिस्टर्ड प्रो बोना एडवोकेट्स से संपर्क कर निःशुल्क कानूनी सेवा लेने में मदद करेगा। उन्होंने बताया है कि यह हिंदी/अंग्रेजी में उपलब्ध है। इसका प्रयोग विभिन्न श्रेणियों के लोग कर सकते हैं। इनमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, संविधान के अनुच्छेद 23 में यथा निर्दिष्ट मानव के दुर्व्यवहार अथवा बेगार के शिकार व्यक्ति, स्त्री और बालक, वह व्यक्ति जो अभिरक्षा में है तथा औद्योगिक कर्मकार, बहु विनाशक, जाति हिंसा, जाति अत्याचार, बाढ़, सूखा, भूकंप अथवा औद्योगिक संकट के शिकार लोग कानून के तहत निर्धारित राशि से कम सालाना आय वाले व्यक्ति व अन्य हो सकते हैं।

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पाइपलाइन परियोजनाओं में भारत को आत्मनिर्भर बनाना महत्वपूर्ण -धर्मेंद्र प्रधान

लगभग 8000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की समीक्षा की
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने लगभग 8000 करोड़ रुपये की पाइपलाइन परियोजनाओं की समीक्षा की। तेल और गैस कंपनियों की उपरोक्त परियोजनाएं कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं। आत्मनिर्भर भारत पर जोर देते हुए मंत्री श्री प्रधान ने इन परियोजनाओं के पूर्ण स्वदेशीकरण का आह्वान किया।
गेल (जीएआईएल), सितंबर 2020 तक घरेलू बोलीदाताओं से 1 लाख लाख टन स्टील की खरीद के लिए 1000 करोड़ रुपये से अधिक की लाइनपाइप निविदाओं को संसाधित (प्रोसेस) करेगी। इसके अंतर्गत 800 किलोमीटर लाइन पाइप के निर्माण के लिए स्टील की आपूर्ति की जायेगी। वर्तमान वित्तीय वर्ष के अंत तक यह मात्रा दोगुनी होने की उम्मीद है। इससे मेक इन इंडिया की पहल को बढ़ावा देने और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को आगे बढ़ाने में प्रोत्साहन मिलेगा।

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गृह मंत्रालय ने कोविड-19 के मद्देनजर लगाई गई वीजा और यात्रा पाबंदियों में ढील दी

विदेश में फंसे कुछ श्रेणियों के ओसीआई कार्डधारकों को भारत वापस आने की अनुमति दी
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने कोविड-19 के मद्देनजर लगाई गई वीजा और यात्रा पाबंदियों में ढील देते हुए विदेश में फंसे कुछ श्रेणियों के ओसीआई (भारत के प्रवासी नागरिक) कार्डधारकों को भारत वापस आने की अनुमति दे दी है।
विदेश में फंसे निम्‍नलिखित श्रेणियों के ओसीआई कार्डधारकों को भारत आने की अनुमति दी गई है: ऐसे छोटे बच्चे, जिनका जन्‍म विदेश में भारतीय नागरिकों के यहां हुआ है और जो ओसीआई कार्ड धारक हैं। ऐसे ओसीआई कार्डधारक जो परिवार में मृत्यु जैसी आपात स्थितियों के कारण भारत आना चाहते हैं।

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प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल में चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया

प्रधानमंत्री ने राज्य में तत्काल राहत कार्यों के लिए 1,000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की
प्रधानमंत्री ने मृतकों के परिजनों के लिए 2 लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ द्वारा मचाई गई भीषण तबाही से उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने के लिए आज पश्चिम बंगाल का दौरा किया। इस दौरे में उनके साथ केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, केंद्रीय राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो एवं प्रताप चन्द्र सारंगी के अलावा देबाश्री चौधरी भी थीं। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल के चक्रवाती तूफान प्रभावित जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया।
इसके बाद प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल में किए जा रहे राहत एवं पुनर्वास कार्यों की समीक्षा करने के लिए राज्य और केंद्र सरकारों के सभी वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक की अध्यक्षता की। प्रधानमंत्री ने तत्काल राहत कार्यों के लिए पश्चिम बंगाल को 1,000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की। इस राज्य से सहायता का ज्ञापन प्राप्त होने के बाद केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल में तूफान से हुई क्षति का आकलन करने के उद्देश्‍य से राज्य का दौरा करने के लिए एक अंतर-मंत्रालय टीम तैनात करेगी, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर आगे सहायता दी जाएगी।

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अम्‍फान चक्रवात के मद्देनजर स्थिति पर प्रधानमंत्री के सम्‍बोधन का मूल पाठ

नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। फिर से साइक्‍लोन ने भारत के तटीय क्षेत्र को, विशेष करके पूर्वी क्षेत्र को प्रभावित किया और उसमें भी सबसे ज्‍यादा दुष्‍परिणाम पश्चिम बंगाल के हमारे भाइयों-बहनों को, पश्चिम बंगाल के नागरिकों को, यहां की संपत्ति को बहुत हानि पहुंचाई है।
साइक्‍लोन की संभावनाओं से लेकर लगातार मैं इससे संबंधित सभी लोगों से संपर्क में था। भारत सरकार भी सतत् राज्‍य सरकार के संपर्क में थी। साइक्‍लोन का नुकसान कम से कम हो, इसके लिए जो भी आवश्‍यक कदम उठाने चाहिए उसके लिए राज्‍य सरकार और केंद्र सरकार ने मिल करके भरसक प्रयास किया। लेकिन उसके बावजूद करीब-करीब 80 लोगों का जीवन हम नहीं बचा पाए, इसका हम सबको दुख है। जिन परिवारों ने अपना स्‍वजन खोया है, उनके प्रति केंद्र सरकार, राज्‍य सरकार और हम सबकी संवदेनाएं हैं और इस संकट की घड़ी में हम उनके साथ हैं।

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क्या कोरोना जेलों का सुधार करवा पायेगा ?

मुंबई सेंट्रल जेल के अंदर संक्रमण के बाद, महाराष्ट्र ने जेलों में बंद आधे लोगों को अस्थायी रूप से रिहा करना शुरू कर दिया है। महाराष्ट्र सरकार ने एक परिपत्र जारी किया, जो अस्थायी रूप से जमानत और आपातकालीन पैरोल पर राज्य की जेलों में बंद आधे कैदियों को रिहा करने की सुविधा प्रदान करता है। उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और दिल्ली सहित राज्यों ने अपनी जेलों में कोविद -19 मामले दर्ज किए हैं। चीफ जस्टिस एस ए बोबडे ने कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए जेल के अधिकारियों से पूछा है कि वे कोरोना को फैलने से कैसे रोकेंगे। उन्होंने जेल में रखे गए क्षमता से ज्यादा कैदियों को कोरोना के खतरे पर चिंता जताई।
उन्होंने जेल अधिकारियों को कोरोना पर लगाम लगाने की वैकल्पिक योजना देने को कहा। केरल की जेल में कोरोना से संक्रमित कैदियों को अलग रखने की व्यवस्था की गई है। अमेरिका और ईरान की जेलों में कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए कम जोखिम वाले कैदियों को रिहा किया जा रहा है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह का कोई सुझाव नहीं दिया। उसने सभी कैदियों की जांच कराने, कोरोना से संक्रमित कैदियों को अलग रखने और उनका तुरंत इलाज कराने पर जोर दिया। चीफ जस्टिस बोबडे ने कहा, “सरकार ने वायरस को फैलने से रोकने के लिए सामाजिक तौर पर दूरी रखने की सलाह दी है। लेकिन जेलों में क्षमता से अधिक कैदी हैं, जिससे दूरी रखना मुश्किल है।”

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महिलाओं ने अपने घर पर ही वट वृक्ष की पूजा विधि विधान से की

कानपुर, स्वप्निल तिवारी। कोरोना महामारी के चलते महिलाओं को वट वृक्ष के पास जाकर पूजा करने नहीं जा सकती थी वही सुहागिन महिलाओं ने अपने घर पर ही वट वृक्ष की पूजा विधि विधान से की गई सुहागिन महिला बारादेवी निवासी लक्ष्मी तिवारी ने बताया कि इस दिन वट के पूजन का विशेष महत्व होता है मान्यता है कि ब्रह्मा, विष्णु, महेश और सावित्री वट वृक्ष में ही रहते हैं लंबी आयु और शक्ति धार्मिक को महत्व को ध्यान में रखकर इस वृक्ष की पूजा की जाती है। लेकिन इस बार लोगों को यह पूजा अपने घर में ही रहकर करनी चाहिए जिससे हम सभी सुरक्षित रहे वही शहर के विभिन्न जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए वट वृक्ष की पूजा करती हुई दिखी सुहागिन महिलाएं।

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आत्मनिर्भर भारत

आत्मनिर्भरता का जो संदेश भारत को दिया गया है वो इससे ज्यादा क्या आत्मनिर्भर बनेगा कि श्रमिक वर्ग अव्यवस्था के चलते पैदल ही चल निकला है अपने घरों की ओर। ये आत्मनिर्भरता का ही सबूत है कि उम्मीद, सहयोग और परिस्थितियों से लड़कर बिना हताश हुए वो लगातार चल रहा है। भूख – प्यास, धूप छांव की परवाह किए बिना बस चल रहा है। आजकल जो तस्वीरें वायरल हो रही है मजदूरों की वह हमें बेबस कर देने के लिए काफी है। खून से रिसते पैर, फफोलों से भरे हुए पैर लेकर नंगी जमीन पर बस चल रहा है। पैदल यात्री और कुछ जमीन पर नंगे पैर चलते लोग या एक ही साइकिल पर तीन चार लोगों की सवारी, गर्भवती स्त्रियां अपने पेट का भार उठाए  न जाने कितने किलोमीटर से चले आ रही है। पुलिस की लाठियां भी झेल रहा श्रमिक वर्ग की अभी न जाने कितनी यात्रा बाकी है? घर वापसी के बाद वह क्या खाएगा और परिवार को खिलाएगा क्या यह भी एक सवाल मुंह बाए खड़ा है उसके सामने? लाकडाउन के चलते इन दिनों मजदूरों के साथ लगातार सड़क दुर्घटनाएं घट रही है। डरा हुआ श्रमिक वर्ग जल्दी से जल्दी अपने घर पहुंच जाना चाहता है। शासन को चाहिए कि उचित व्यवस्था करके मजदूरों के पलायन को रोके। -प्रियंका माहेश्वरी

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माहे रमजान में प्रवासी श्रमिकों की मदद के लिए मुस्लिम युवकों ने कसी कमर

घाटमपुर/कानपुर, शिराजी। लू लपट भीषण गर्मी एवं तपती दोपहर में सैकड़ों किलोमीटर की थका देने वाली यात्रा करके अपने घरों को लौट रहे प्रवासी श्रमिकों की मदद के लिए स्थानीय मुस्लिम युवकों ने कमर कस ली है। जिसके चलते लगभग एक सप्ताह से यह मुस्लिम युवक  मूसा नगर रोड स्थित कस्बे के बाहर एकांत में पानी के पाउच केले बिस्कुट नींबू खीरा आदि भारी तादाद में लेकर गुजरने वाले हर प्रवासी श्रमिकों के छोटे-बड़े वाहनों, बसों को रोक रोक कर निस्वार्थ भावना से कोरोनावायरस जैसी घातक बीमारी को नजरअंदाज करते हुए दिन भर भीषण गर्मी व तपती दोपहर में अपनी भूख प्यास व तकलीफों को नजरअंदाज करके रोजेदार मुस्लिम युवक कई कई दिनों से थका देने वाली यात्रा कर रहे प्रवासी श्रमिकों के दर्द को महसूस कर रहे हैं। शिक्षक कमर जिया कुरैशी ने बताया की इस्लाम हमेशा अपनी तकलीफों को नजरअंदाज कर दूसरों के दुखों के लिए खड़े होने की शिक्षा देता है।

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