Friday, May 3, 2024
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माहे रमजान में प्रवासी श्रमिकों की मदद के लिए मुस्लिम युवकों ने कसी कमर

घाटमपुर/कानपुर, शिराजी। लू लपट भीषण गर्मी एवं तपती दोपहर में सैकड़ों किलोमीटर की थका देने वाली यात्रा करके अपने घरों को लौट रहे प्रवासी श्रमिकों की मदद के लिए स्थानीय मुस्लिम युवकों ने कमर कस ली है। जिसके चलते लगभग एक सप्ताह से यह मुस्लिम युवक  मूसा नगर रोड स्थित कस्बे के बाहर एकांत में पानी के पाउच केले बिस्कुट नींबू खीरा आदि भारी तादाद में लेकर गुजरने वाले हर प्रवासी श्रमिकों के छोटे-बड़े वाहनों, बसों को रोक रोक कर निस्वार्थ भावना से कोरोनावायरस जैसी घातक बीमारी को नजरअंदाज करते हुए दिन भर भीषण गर्मी व तपती दोपहर में अपनी भूख प्यास व तकलीफों को नजरअंदाज करके रोजेदार मुस्लिम युवक कई कई दिनों से थका देने वाली यात्रा कर रहे प्रवासी श्रमिकों के दर्द को महसूस कर रहे हैं। शिक्षक कमर जिया कुरैशी ने बताया की इस्लाम हमेशा अपनी तकलीफों को नजरअंदाज कर दूसरों के दुखों के लिए खड़े होने की शिक्षा देता है।पवित्र माह रमजान में इसी तर्ज पर हम सब लोग आपस में पैसे कलेक्ट कर के और उनसे खाद्य सामग्री मंगवा कर लगभग एक सप्ताह से लगातार बांट रहे हैं। पहले तहरी व अन्य खाद्य पदार्थ बांटे जाते थे। लेकिन एस डी एम वरुण कुमार पांडे के निर्देश के बाद अब हम मौसमी फल बिस्कुट पानी के पाउच आदि वितरित कर रहे हैं। इसमें हमारे साथ अलीम कुरैशी नदीम कुरेशी मोहम्मद आकिब मोईन शानू जाहिद नाजिम अदनान शैफी फैजान शाहबाज आज जुरैर शहजाद दानिश शादाब कदीर अतीक महताब एहतिशाम ताज बाबू अहमद रजा आदि युवक निस्वार्थ भाव से अपने खून पसीने की जायज कमाई से संघर्ष कर रहे प्रवासी श्रमिकों की खिदमत में लगे रहते हैं। अगर कोई प्रवासी श्रमिक पैसे की समस्या बताता है तो हम लोग नगद पैसे देकर भी उसकी मदद करते हैं। हम लोगों ने दो स्थानों पर अलग अलग कैम्प व्यवस्था की है जिसमें एक कैंप में ओ आर एस घोल, नींबू पानी बिस्कुट पानी के पाउच आदि सामान बांटा जाता है। तथा दूसरे कैंप में पानी के पाउच पारले जी बिस्कुट केले खीरा आदि सामान भूखे प्यासे लंबी यात्रा पर निकले अपने देश के गरीब प्रवासी श्रमिकों की मदद के लिए लगे रहते हैं।