Wednesday, November 27, 2024
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महावीर जयंती शोभायात्रा निकाली जायेगी 3 अप्रैल को

हाथरस। महावीर जयंती शोभायात्रा 3 अप्रैल को धूमधाम के साथ निकाली जायेंगी। 2 अप्रैल को पहली बार महावीर मेला महोत्सव का आयोजन किया जायेगा। हलवाई खाना स्थित छोटे जैन मंदिर पर श्री जैन नवयुवक सभा अध्यक्ष उमाशंकर जैन की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में शोभायात्रा को धूमधाम से निकालने का निर्णय लिया गया। बैठक का शुभारंभ अनिल जैन द्वारा मंगलाचरण करके किया गया। बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि काफी समय से महावीर जयंती के मौके पर महावीर मेला का आयोजन नहीं हुआ है। जबकि पहले महावीर मेला होता रहा है। इस लिये इस बार नयाबांस स्थित जैन बगीची पर 2 अप्रैल को महावीर मेला का आयोजन होगा। मेला में विभिन्न तरह के स्टॉलों के अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाएंगे और आचार्य विद्यासागर जी के परम शिष्य बाल ब्रह्मचारी प्रतिष्ठाचार्य राकेश भईयाजी के सानिध्य में होने वाले दो दिवसीय महोत्सव के तहत 2 अप्रैल को ही रथ यात्रा की बोलियां लगायी जायेंगी।

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कवि सम्मेलन का आयोजन 11 मार्च को

सिकंदराराऊ, हाथरस। मेला फूलडोल पुरदिलनगर कमेटी द्वारा 11 मार्च की शाम को 8 से कवि सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ दत्तात्रेय द्विवेदी ने बताया कि इस कवि सम्मेलन में वरिष्ठ कवि बलराम सरस एटा, कुशल संचालक राम राहुल टूंडला, जय कुमार जय भरतपुर राजस्थान, श्रीमती रचना गोस्वामी गढ़मुक्तेश्वर, श्रीमती मृदुल वार्ष्णेय जयपुर, कुमारी अलका अद्भुत एटा,प्रसिद्ध व्यंग्यकार देवेंद्र दीक्षित शूल, ओज के सशक्त कवि राणा मुनि प्रताप सिसोदिया हाथरस, प्रमोद विषधर व सत्य प्रकाश शर्मा पुर्दिलनगर काव्य पाठ करेंगे संयोजक द्विवेदी ने सभी काव्य प्रेमियों से आग्रह किया है कि समय से पधार कर काव्य रसपान करें।

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मजदूर पर दबंगों ने लाठी डंडे से किया हमला

ऊंचाहार, रायबरेली। मामला कोतवाली क्षेत्र के गांव पूरे सेवक का है, जहां गुरुवार को गाँव में आयोजित शादी समारोह में टेंट लगाने गदागंज थाना क्षेत्र के बंडई मजरे हथकुई गांव निवासी प्रदीप कुमार आया था। बताते हैं कि वो शादी कार्यक्रम में खा पीकर सो रहा था, तभी आरोप है कि उसके गांव का एक व्यक्ति अपने दो साथियों के साथ आया और उस पर लाठी डंडे से हमला कर उसे मारपीट कर घायल कर दिया। पीड़ित ने शुक्रवार को कोतवाली पहुंचकर तहरीर दी है।

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भारत की आंतरिक सुरक्षा में सीआईएसएफ की भूमिका और उसका योगदान सर्वाेच्च है – परियोजना प्रमुख

पवन कुमार गुप्ता, ऊंचाहार, रायबरेली। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के 54 वें स्थापना दिवस पर एनटीपीसी ऊंचाहार के परियोजना प्रमुख अभय कुमार सैमयार ने कहा कि सीआईएसफ आज सिर्फ उद्योगों तक सीमित नहीं है । राष्ट्र की सुरक्षा में इस सशस्त्र सेना बल का योगदान अतुलनीय है।
उन्होंने कहा कि भारत की आंतरिक सुरक्षा में सीआईएसफ की भूमिका और उसका योगदान सर्वाेच्च है। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के स्थानीय यूनिट में स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में परियोजना प्रमुख ने सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि ऊंचाहार एनटीपीसी की बाउंड्री की सुरक्षा के साथ-साथ सीआईएसएफ ने सामाजिक सेवा में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया है।

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ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में साइन किए गए एमयू के प्रगति की समीक्षा की

कानपुर देहात। मुख्य विकास अधिकारी सौम्या पांडेय की अध्यक्षता में विकास भवन कार्यालय में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में साइन किए गए एमयू के प्रगति की समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान अवगत कराया गया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट प्राप्त एमयू विभागों द्वारा अपने-अपने प्रगति का डाटा एकत्र कर आगामी एक-दो माह में योजनाओं को धरातल पर उतारने हेतु सभी विभाग अपनी-अपनी कार्य योजना प्रस्तुत करने हेतु चर्चा की गई, बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से प्राप्त एमयू को धरातल में उतारने हेतु उनकी समस्याओं का निस्तारण किया जाए, जहां कहीं भूमि आदि की समस्या आ रही है, उन्हें सुनकर उनका भी निस्तारण करें तथा प्रगति से अवगत भी कराएं।

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क्या वाकई में महिलाएं सशक्त हो चुकी हैं ….?

⇒घूंघट में ही दिन गुजार रही ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं
पवन कुमार गुप्ता, रायबरेली। सरकार और प्रशासन महिला सशक्तिकरण पर जोर दे रहा है और आज तो अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं भी दी जा रही हैं। किंतु विचारणीय है कि क्या ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं भी समाज के विकास का हिस्सा बन चुकी हैं या नहीं या फिर शहरी क्षेत्र की माहिलाएं ही सशक्त हुई हैं और ग्रामीण क्षेत्र में आज भी महिलाएं घूंघट की आड़ में ही दिन गुजार रही हैं।
हालात तो यह हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी महिलाएं पुरुषों के इशारे पर ही काम कर रही है। जिले भर में विगत कई वर्षों से महिलाओं ने राजनीति में भी कदम तो रखा है लेकिन उसमें से कुछ महिलाओं ने ही अपने बलबूते पर पहचान बनाई है, बाकी तो कठपुतली की भांति कार्य कर रही हैं। इन महिलाओं को पुरुषों ने राजनीति में केवल अपना मोहरा बनाया है और चाल वह स्वयं से चल रहे हैं।
महिलाओं ने राजनीति में कदम तो रखा है लेकिन प्रशासनिक अधिकारी ही उन्हें उसका हकदार नहीं मानते हैं और न ही उन्हें वरीयता देते हैं। उक्त विचारों का संबंध रायबरेली जिले की महिला ग्राम प्रधानों से भी है जिन्हें जनता ने चुन तो लिया,परंतु आज तक कभी उन्हें घूंघट से बाहर नहीं देखा ।

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गंधर्व विवाह

पता नहीं यह मंदिर मुझे क्यों अच्छा लगता था मुझे और यह भी नहीं जानती थी कि यहां बैठकर मुझे शांति क्यों मिलती है? यहीं पर गीत गुनगुनाते हुए भगवान के लिए फूलों की माला बनाना मुझे अच्छा लगता है। मां बाबूजी सुबह – सुबह आकर मंदिर की साफ सफाई में लग जाते हैं। आंगन साफ करना, पौधों में पानी डालना, फूलों का कचरा समेटना उनका यही काम था। मैं भी मां के साथ-साथ मंदिर चली आती थी। पहले पहल तो यूं ही साथ में आ जाती थी लेकिन अब यह बोलकर साथ आती हूं कि तुम्हारे काम में हाथ बंटा दूंगी तो काम जल्दी निपट जाएगा। यहीं पर काम करते-करते मैं छोटी से बड़ी हो गई थी। सभी से मेरी अच्छी जान पहचान हो गई थी। मंदिर में पुजारी मेरे हाथ की बनी माला सामने से मुझसे मांग कर चढ़ाते थे क्योंकि मैं माला बहुत सुंदर बनाती थी। मैं माला की टोकरी मंदिर के सीढ़ियों के पास रख देती थी। पंडित जी पानी के छींटे मारकर टोकरी अंदर ले लेते थे और भगवान को चढ़ा देते थे। यह मंदिर मुझे अब अपना घर जैसा ही लगने लगा था। एक दिन ना आऊं तो कुछ अधूरा सा लगता था।

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जयगुरुदेव आश्रम में आयोजित हुआ तीन दिवसीय होली मेला सत्संग

⇒तीसरे दिन पंकज महाराज ने किया अनुयायियों को संबोधित
मथुरा। जयगुरुदेव आश्रम में तीन दिवसीय होली मेला सत्संग में होली के अवसर पर पंकज महाराज ने अपने संबोधन में ‘जयगुरुदेव’ नाम, मानव तन और गुरु की महत्ता को बताते हुये शाकाहार और बच्चों में अच्छे संस्कार को इस समय की मांग बताई। तजो मन यह सुख दुःख का धाम पंक्ति को उद्धृत करते हुये बताया कि संत महात्माओं ने इस संसार को सुख दुख की नगरी कहा है। यहां कभी किसी को न हमेशा सुख मिलता है और न ही हमेशा दुख। सुख दुख के मसले पिछले जन्मों के पाप पुण्य के कारण मिलता है। यदि हमारा ध्यान, मालिक यानि गुरु के चरणों में लगा रहेगा तो उससे जीवन में सुख जरूर मिलेगा जिस प्रकार अनेक सुराखों से बहते हुए पानी से खेत की सिंचाई सम्भव नहीं है उसी प्रकार जब तक हमारा ध्यान दुनिया में फैला रहेगा, सुख नहीं मिलेगा। ‘हरि मंदिर यह शरीर है, ज्ञान रतन प्रकट होय की व्याख्या करते हुये बताया कि संतों महात्माओं ने इस पंच भौतिक शरीर को मन्दिर और कुदरती काबा कहा है। कलयुग में कबीर साहब पहले संत थे।

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नेह रंगोत्सव में बच्चों संग खेली होली, बांटी मिठाई

मथुरा। आदर्श संस्कार शाला और रमन आइडियल पब्लिक स्कूल द्वारा संयुक्त रूप से जरूरतमंद परिवारों के बच्चों संग होली कार्यक्रम ‘नेह रंगोत्सव’ का आयोजन किया गया । आयोजन में बच्चों को होली मौके पर मिठाई, रंग, गुलाल, पिचकारी, टोपी, मास्क, बिस्कुट, नमकीन, कुरकुरे, टॉफी आदि की हैपीनेस किट का वितरण किया गया। धौली प्याऊ, हनुमान नगर स्थित राधे मोहन ग्रीन होटल परिसर में आयोजित नेह रंगोत्सव में समाजसेवियों ने बच्चों संग होली खेल कर उत्सव मनाया। कार्यक्रम का उदघाटन संयुक्त रूप से गोपाल दीक्षित गुरुजी, विकास पराशर एड., अनिल अग्रवाल, साधना पराशर, सीमा यादव द्वारा माता सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन के जिलाध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने कहा कि होली सद्भावना और स्नेह का त्योहार है। योगाचार्य गोपाल दीक्षित ने कहा कि शिक्षा के साथ संस्कार होना आवश्यक है।

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फालैन में फिर धधकती होलिका से सकुशल निकला पंडा

मथुरा। भक्त प्रहलाद की भक्ति भगवान के प्रति अगाध एवं निरछल मानी गई है। ब्रज की माटी तो इसी से प्रेरित होकर आस्था की उसी अग्निपरीक्षा की सैकड़ों वर्षों से गवाह रही है। गांव फालैन का मोनू पंडा बुधवार की भोर बेला में उसी भक्तिरस में डूबकर धधकती होलिका में जा कूदा। फिर सकुशल बाहर निकलकर आस्था की लकीर को और लंबा कर दिया।
मंगलवार को गांव फालैन में शाम जैसे जैसे रात्रि की ओर बढ रही थी, वैसे वैसे प्रहलाद कुंड के किनारे मंदिर पर मंत्रोच्चारण की ध्वनि तेज होती जा रही थी। शुभ मुहूर्त के तहत तीन बजते ही मोनू पंडा ने पंडितों के सानिध्य में पूजा शुरू कर दी। पूजा के बीच हर पल दीपक के जरिए दहकते अंगारों से निकलने की अनुमति मांगी जा रही थी।

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