जैसा कि हम जानते हैं उत्तर प्रदेश की ६९००० शिक्षक भर्ती आज करीब दो सालों से किसी न किसी विवाद को लेकर अधर में लटकी हुई है। आज ट्विटर के ट्रेंड में यह मुद्दा जोर-शोर से उठ रहा है और कुछ नकारात्मक लोगों के बीच बहुतायत सकारात्मक जवाब भी देखने को मिल रहा है। आज जहाँ कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन ने बहुतों को बेरोजगार बना दिया ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार का बेरोजगारों को नौकरी देने का फैसला वैश्विक स्तर पर उत्तर प्रदेश सरकार के सकारात्मक दृष्टिकोण एक अहम चर्चा का विषय बन चुका है जिसकी मिसाल पूरी दुनिया में दी जा रही है। वहीं इस गुणवत्तापूर्ण भर्ती से नाखुश कुछ अराजक तत्व व चंदाखोरों की वजह से इस भर्ती में लगातार बाधा भी उत्पन्न की जा रही है जबकि भर्ती की पूरी प्रक्रिया नियमावली व न्यायालय के आदेशानुसार ही चल रही है।
भर्ती में असफल हुए छात्र तथा चंदाखोरों की मिलीभगत से इस ६९००० शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में गलत नियमावली का हवाला देते हुए सोशल मीडिया पर बेतुकी बयानबाजी व नोंक-झोंक देखने को मिल रही है। जबकि न्यायालय के आदेशानुसार ही जिला आवंटन सूची को जारी करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने काउंसलिंग की प्रक्रिया जैसे ही शुरू की कुछ अराजक तत्वों ने भर्ती पर फिर से स्टे लेकर भर्ती प्रक्रिया को रोक दिया। ऐसे में आप ही बताएं कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षक चयन करना गलत है क्या? जबकि शिक्षा ही मानव को असल मानव बनाने का कार्य करती है अगर हमारे पास योग्य शिक्षक ही नहीं होंगे तो एक सुदृढ़ व सुयोग्य समाज की स्थापना कैसे होगी।
Jan Saamna Office
डरिये मत, हर ब्रेन ट्यूमर कैंसर नहीं होता -डॉo सत्यवान सौरभ
विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस प्रतिवर्ष ‘8 जून’ को मनाया जाता है। विश्व भर में हर दिन एक लाख में से दस लोग ब्रेन ट्यूमर के कारण मरते हैं। ‘विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस’ वर्ष 2000 से प्रतिवर्ष 8 जून को मनाया जाता है। इस दिवस को सबसे पहले जर्मन ब्रेन ट्यूमर एसोसिएशन द्वारा मनाया गया था। यह ब्रेन ट्यूमर के बारे में लोगों के बीच शिक्षा और जन-जागरूकता प्रसारित करने वाला एक गैर लाभकारी संगठन है।
भारत में ब्रेन ट्यूमर की व्यापकता और प्रसार बढ़ता जा रहा है। कैंसर के अध्ययन के अनुसार, ब्रेन ट्यूमर लड़कियों में सामान्यत: पाया जाता है। हालांकि स्थितियों के बीच कुछ भिन्नता हो सकती है। भारत सरकार ने ब्रेन ट्यूमर की रोकथाम, स्क्रीनिंग, रोग का जल्दी पता लगाने, निदान और देखभाल उपचार प्रदान करने के लिए अनेक उद्देश्यों की पूर्ति के साथ ‘राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण कार्यक्रम’ शुरुआत की है।
छू लेने दो अब मुझे शिखर
रिश्तों का जंजाल हटा, हो जाऊं मुखर, हो जाऊं प्रखर,
अनुबंधों के कटिबन्ध हिले, छू लेने दो अब मुझे शिखर।
सम्बन्धों के लिए समर्पण ही, कर गया छलावा संग मेरे,
मैं रही सरलऔर सहज सदा, बिछे कपट जाल सम्मुख मेरे।
सम्बन्धों पर विश्वास सुदृढ, मेरी आँखों को भिगो गया,
नित धूल झौकता आंखों में, जीवन कटुता में डुबो गया।
अब सम्बंध सुहाते नहीं मुझे, हो गयी वितृष्णा इन सबसे,
अपनों ने ही किये प्रपंच, तो करूं शिकायत अब किससे।
खुद से ना कोई उपालम्भ, हर फर्ज निभाया शिद्दत से,
अपने ही छलते रहे सदा, खुद अपनी अपनी फितरत से।
रही अडिग जीवन पथ पर, बाधाएं विचलित कर न सकी,
हर मार्ग मिला, हर लक्ष्य मिला, सफलता ने मानों राह तकी।
कुसुम सिंह अविचल
नोडल अधिकारी ने ग्राम भगवतपुर में प्रवासी श्रमिकों से मुलाकात कर व्यवस्था देखी
खाकी की मौजूदगी में हुआ किसानों, मजदूरों पर दबंगों के अत्याचार का तांडव!
– यूपी में पनप रहा जंगलराज, सामंती वर्चस्व में किसानों-मजदूरों के घरों को किया तबाह
– प्रतापगढ़ के गोविन्दपुर में महिलाओं, बुजर्गों और बेटियों पर कहर बरसाया दबंगों ने
– सूबे के एक मंत्री की सह पर दबंगों के हौसले बुलंद, पुलिस देखती रही तमाशा, आयोग के हस्तक्षेप से दर्ज हो सकी एफआईआर
पंकज कुमार सिंह-
प्रतापगढ़/लखनऊ/कानपुर। कोविड-19 से फैली महामारी के बीच जहां सूबे की भाजपा सरकार गरीब मजदूर, किसानों की मदद करने का दावा ठोंकती नजर आती है वहीं मजदूर, किसानों पर दबंगों का कहर ढहता भी दिखता है। प्रदेश के कई जिलों से ज्यादती की खबरें रोज आना आम हो गया है वही ताजा मामला प्रतापगढ का है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दबंग सामंतशाही गुण्डे पुलिस की मौजूदगी में महिलाओं, बुजुर्गों और बेटियों पर इस कदर कहर ढाते हैं कि सुनकर रूह कांप उठे। लेकिन शासन-प्रशासन के शीर्ष अफसर मौके का मुआयना और पीड़ितों की व्यथा सुनने की वजाय एसी की ठण्डक में मस्तियाते रहते हैं। पीड़ितों की एफआईआर दर्ज नहीं होती अपितु उल्टा पीड़ितों को उठाकर हवालात में डाल दिया जाता है। यह खबर है जनपद प्रतापगढ के कोतवाली पट्टी के गांव गोविन्दपुर की है। जहां गत 21 मई को किसान नन्हेंलाल वर्मा के खेत में जानवर फसल को नुकसान पहुंचा जा रहे थे। जनवरों के खेत में घुसने पर नन्हें लाल ने आपत्ती जताते हुए अनिल तिवारी, भोला तिवारी से शिकायत की तो वह दबंगई पर उतारू हो गए। पीङित नन्हें लाल ने थाने में शिकायत करने की बात कही तो दबंगो को यह नागवार गुजरी और लड़ने पर उतारू हो गए।
नहीं रहें वरिष्ठ साहित्यकार शान्ति स्वरूप बौद्ध
देश के बड़े शीर्ष प्रकाशन सम्यक प्रकाशन के संस्थापक थे शान्ति स्वरूप बौद्ध
देश के नेताओं, शासन प्रशासन के लोगों न जताया शोक दी श्रद्धान्जलि
पंकज कुमार सिंह-
नई दिल्ली/कानपुर। देश विदेश के नामचीन साहित्यकार, चित्रकार, प्रकाशक और वक्ताओं में शुमार बौद्धाचार्य शान्ति स्वरूप बौद्ध ने शनिवार को सुबह तकरीबन सात बजे दिल्ली के एक अस्पताल में अन्तिम सांस ली। बेटे कपिल स्वरूप बौद्ध ने जन सामना को बताया कि उन्हें कुछ दिन पहले निमोनियां और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत थी। कोविड-19 के एहतियातन उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह अपने पीछे परिवार में एक बेटी और चार बेटों, बहुओं व पत्नी सहित भरापूरा परिवार छोङ गए हैं। 2 अक्टूबर 1949 को जन्में वह तकरीबन सत्तर वर्ष की उम्र के थे।
शान्ति स्वरूप बौद्ध के निधन की खबर सुनकर लोग अवाक रह गए। देश विदेश से लोगों ने उन्हें श्रद्धान्जलि दी। तमाम राजनेताओं शासन प्रशासन के लोगों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है उनका अन्तिम संस्कार शनिवार को सांय पांच बजे दिल्ली के निगम घाट पर किया गया।
कोरोना पॉजीटिव रिपोर्ट आने से मचा हड़कंप, गांव किया गया सील
शिवली/कानपुर देहात, जितेन्द्र कुमार। मैथा तहसील क्षेत्र की ग्राम सभा मदारपुर स्थित अपने घर पहुंचे व्यक्ति की देर रात कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर जिम्मेदार लोगों के हाथ पैर फूल गए। कोरोना पॉजिटिव मिलने की खबर मिलते ही शनिवार सुबह से ही एसडीएम मैथा समेत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने गांव में डेरा जमा लिया। मदारपुर गांव ने कोरोना पॉजिटिव पहुंचने पर पूरे गांव को हॉटस्पॉट घोषित कर सील कर दिया गया है। वही पूरे गांव को सेनीटाइज करवाने का काम भी शुरू कर दिया गया है। कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति को उपचार के लिए गजनेर सीएचसी अस्पताल भेज दिया गया है जबकि उसके परिजनों को भी क्वॉरेंटाइन करने के लिए क्वॉरेंटाइन सेंटर भेजा गया है। मदारपुर गांव में कोरोना पॉजिटिव के मिलने से ग्रामीणों के बीच जबरदस्त भय व्याप्त हो गया है। ग्रामीण अपने आप को असुरक्षित महसूस करने लगे हैं।
Read More »जिलाधिकारी ने निराश्रित बेसहारा गोवंश संरक्षण के सम्बंध में समीक्षा बैठक की
कानपुर नगर, जन सामना ब्यूरो। जिलाधिकारी डॉ0 राम तिवारी ने कलेक्ट्रेट सभागार में एस0पी0सी0ए0 तथा निराश्रित बेसहारा गोवंश संरक्षण के सम्बंध में समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि समस्त अस्थाई गोवंश आश्रय स्थलों को स्वावलंबी बनाया जाए और उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत की जाए, जिसके लिए गौशाला सोसाइटी कानपुर की तर्ज पर सभी का डेवलपमेंट किया जाए ताकि गोवंश संरक्षण स्थल भी स्वावलंबी बन सके। बैठक में उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि समस्त न्याय पंचायतों में गोवंश संरक्षण स्थल बनाए जाने हैं, जिसके लिए समस्त उप जिला अधिकारी भूमि का चिन्हाकन कराते हुए उनमें अस्थाई गोवंश आश्रय स्थल बनाए और उन्हें चारों तरफ गहरी खाई खोदे तथा उसके चारों तरफ वृहद वृक्षारोपण कराते हुए इनमें पाकड़, पीपल, बरगद आदि के वृक्ष भी लगाए ताकि वहां छांव बनी रहे।
Read More »कुम्हारी कला के अंतर्गत कारीगर एवं शिल्पियों को निःशुल्क टूल किट्स दिया जायेगा
इच्छुक उद्यमी अपना आवेदन पत्र 18 जून तक करें जमा- जिला ग्रामोद्योग अधिकारी
प्रयागराज, जन सामना ब्यूरो। राम औतार यादव, जिला ग्रामोद्योग अधिकारी प्रयागराज द्वारा अवगत कराया गया है कि उ0प्र0 माटी कला बोर्ड, लखनऊ द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 में जनपद प्रयागराज को कुम्हारी कला के अन्र्तगत मिटटी कला से सम्बन्धित कार्य करने वाले प्रजापति समाज के कारीगर एवं शिल्पियों को निःशुल्क टूल किटस वितरण एवं प्रशिक्षण दिलाये जाने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। इच्छुक उद्यमी अपना आवेदन पत्र संलग्नको (आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, ग्राम प्रधान द्वारा मिटटी का कार्य करने से सम्बन्धित प्रमाण पत्र, शैक्षिक योग्यता) के साथ आवेदन पत्र भरकर कार्यालय जिला ग्रामोद्योग अधिकारी, 59 नया कटरा प्रयागराज में किसी भी कार्य दिवस में दिनाॅक-18 जून, 2020 तक जमा कर सकते हैं।
राजकीय यूनानी मेडिकल कालेज ने आयुष जोशांदा का किया निःशुल्क वितरण
प्रयागराज, जन सामना ब्यूरो। राजकीय यूनानी मेडिकल कालेज एवं चिकित्सालय के प्रोफेसर डा0 मो0 आसिफ हुसैन उस्मानी ने अवगत कराया कि प्रधानाचार्य प्रोफेसर अनवार अहमद ने आयुष मन्त्रालय एवं निदेशक यूनानी डा0 मो0 सिकन्दर हयात् सिद्दीकी और उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार यूनानी औषधियां का नुस्खा को 27 मई से जनमानस में निःशुल्क वितरण हेतु संस्था में कार्यरत् एक समिति का गठन करते हुये प्रोफेसर नजीब हन्जला अम्मार को यह जिम्मेदारी सौपी है। प्रधानाचार्य के अनुसार 27 मई से 6 जून तक प्रयागराज की जनता को 6193 उक्त यूनानी औषधियों के पैकेट जिसमें उन्नाब, बेही दाना, सपिस्ताॅ है निःशुल्क उपलब्ध कराये जा चुका है और यह क्रम निरन्तर जारी रहेगा।