– 27 सदस्यीय यूरोपीय संघ में पड़ोसी मुल्क द्वारा आवेदन का विरोध
भारत के बासमती चावल का वैश्विक निर्यात – यूरोपीय यूनियन पीजीआई टैग से खास उत्पाद के साथ क्वालिटी खुद ही जुड़ जाती है – एड किशन भावनानी
भारत एक गांव प्रधान व किसान प्रधान देश है भारत की मिट्टी ऐसी ओजस्वी है कि हीरे मोती रूपी खूबसूरत, सामर्थ, स्वास्थ्य और अपनी महक को विदेशों तक पहुंचाने वाले खाद्य पदार्थों वस्तुओं का जनन इस भारत माता की मिट्टी से होता है। न केवल इस मिट्टी से भारत में जन्मे व्यक्तित्व में निखार, संस्कार ओजस्वी तेज, आता है बल्कि इस मिट्टी के खेत खलियानों से उत्पन्न खाद्य वस्तुओं में भी गजब की महक व मिठास होती है।…बात अगर हम भारत की मिट्टी में उगे बासमती चावल की करें तो वाह!!! क्या बात है!!! भारतीय बासमती चावल का नाम सुनने से ही दूर दूर तक महक महसूस होने लगती है। भारत और पड़ोसी मुल्क के दायरे में हिमायल के कुछ खास भौगोलिक निचले क्षेत्रों में ही बासमती पैदा होती है।
Jan Saamna Office
अब घर पर ही करें वट सावित्री व्रत की पूजा, ऊंचाई में छोटे मगर हूबहू बरगद(बोनसाइ) पेड़
कानपुर नगर। वट सावित्री व्रत को उत्तर भारत के कई हिस्सों में मनाया जाता है। लेकिन शहरों में अब गली-मोहल्लों में रहने वाले दूर कॉलोनियों में जाकर बस गए है। जो महिलाएं फ्लैटों में रहने चली गई हैं वे भी कई किलोमीटर दूर वापस अपने पुराने इलाके में पूजा करने जाती है। पहले पूरे परिवार और पड़ोसी, परिचितों के साथ जिस वटवृक्ष की पूजा करते थे, लेकिन घर बदल जाने से आज भी उसी इलाके में पूजा करने के लिए जाने को मजबूर हो रहे हैं। कारण नई जगह, नई कॉलोनी में वटवृक्ष ही नहीं है, आखिर पूजा करें तो कहां करें। एक ओर जहां महिलाएं दूर-दूर से पुरानी बस्ती के वटवृक्ष की पूजा करने जाती हैं वहीं कुछ महिलाओं ने गमले में लगे वटवृक्ष (बोनसाई) को विकल्प के रूप में अपना लिया है।
Read More »प्रदेश सरकार कोरोना से बचाव व रोकथाम के लिए तेजी से करा रही है टेस्टिंग और टीकाकरण
उत्तर प्रदेश की विशाल आबादी को दृष्टिगत रखते हुए कोरोना संक्रमण से बचाव व रोकथाम के लिए प्रदेश सरकार वैक्सीनेशन पर विशेष बल दे रही है। प्रदेश में अब तक 02 करोड़ 7 लाख 11 हजार से अधिक लोगों का टीकाकरण किया जा चुुका है। इसमें 1 करोड़ 71 लाख लोगों ने पहली डोज तथा 36.55 लाख से अधिक लोगों ने दूसरी डोज का टीका लगवाया है। प्रदेश की जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए जनपदवार, रणनीति बनाई गई है। जनपदों के अधिकारी ग्रामवार रणनीति बनाकर ग्रामीणों व नगरवासियों के टेस्टिंग, टीकाकरण करा रहे है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा कोरोना के इलाज व बचाव के लिए जो रणनीति बनाई गई है, वह काफी प्रभावी रही, और कोरोना संक्रमण में तेजी से कमी आयी है।
Read More »वन विभाग द्वारा वर्ष 2021-22 में 24 लाख वृक्षों का रोपण किये जाने हेतु लक्ष्य निर्धारित
कानपुर नगर। अरविन्द कुमार यादव, प्रभागीय निदेशक/सदस्य सचिव जिला वृक्षारोपण समिति की उपस्थिति में कलेक्ट्रेट सभागार में वर्ष 2021-22 में कराये जाने वाले वृक्षारोपण के संबंध में बैठक सम्पन्न हुयी। बैठक में उन्होंने ग्राम्य विकास, पंचायत राज, राजस्व, कृषि, उद्यान एवं संबंधित विभाग के अधिकारियों को कहा कि अपने-अपने विभागों द्वारा लक्ष्य के अनुरुप वृक्षारोपण कराये जाने के लिये कार्य योजना समय से तैयार कर लें। बैठक में उन्होंने बताया कि वन विभाग द्वारा वर्ष 2021-22 में 18 लाख 66 हजार, ग्राम्य विकास विभाग 12 लाख 33 हजार, पंचायती राज विभाग 1 लाख 40 हजार, राजस्व विभाग 1 लाख 40 हजार तथा अन्य विभागों द्वारा 24 लाख वृक्षों का रोपण किये जाने हेतु लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
Read More »इस वर्ष की प्रथम पेंशन अदालत का आयोजन स्थगित
कानपुर नगर। अजय जौहरी, अपर निदेशक कोषागार एवं पेंशन/संयोजक पेंशन अदालत उ०प्र०सरकार के सेवानिवृत्त/मृत राजकीय सेवकों के सेवानवृत्तिक लाभों से संबंधित समस्याओं के समाधान हेतु मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में वित्तीय वर्ष 2021-22 में कानपुर मण्डल की प्रथम पेंशन अदालत (75वीं) का आयोजन माह जून, 2021 में किया जाना प्रस्तावित था, परन्तु कोविड-19 कोरोना संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए अध्यक्ष पेंशन अदालत/आयुक्त, कानपुर मण्डल के अनुमोदन से इस वर्ष की प्रथम पेंशन अदालत का आयोजन स्थगित कर दिया गया है।
Read More »नवागत मुख्य विकास अधिकारी ने जनपद में कार्यभार ग्रहण किया
प्रतापगढ़। नवागत मुख्य विकास अधिकारी प्रभास कुमार ने आज जनपद में पहुॅचकर कार्यभार ग्रहण किया। उन्होने बताया है कि वह बिहार में मुजफ्फरपुर के रहने वाले है। आईआईटी कानपुर से बी-टेक किया, बी-टेक करने के बाद निजी क्षेत्र में सेवा देने के बाद इनका चयन आईपीएस में हुआ। ट्रेनिंग के दौरान ही इनका चयन आईएएस में हो गया। प्रशिक्षु ट्रेनिंग इन्होने बहराइच में किया। गाजीपुर में ज्वाइन्ट मजिस्ट्रेट रहे। यहां मुख्य विकास अधिकारी के रूप में चार्जभार ग्रहण करने से पूर्व वह जनपद लखनऊ में मुख्य विकास अधिकारी थे।
Read More »विभागाध्यक्ष सभी कर्मचारियों का वैक्सीनेशन कराना करें सुनिश्चित : डीएम
कानपुर देहात। जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में टीम-9 की समीक्षा बैठक कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित हुई। इस बैठक में जिलाधिकारी ने वैक्सीनेशन को लेकर अत्यन्त नाराजगी जताई, उनका कहना था कि अभी तक सम्पूर्ण सरकारी अधिकारियों का ही वैक्सीनेशन नही हुआ है जो अत्यन्त चिन्ता का विषय है, सभी विभागों के विभागाध्यक्ष इस बात को सुनिश्चित कर ले कि उनके यहां सभी कर्मचारियों का वैक्सीनेशन हो गया है अथवा नही, वैक्सीनेशन न होने की स्थिति में कार्यालयाध्यक्ष के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी। राहत के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व साहब लाल ने बताया कि अभी तक पोर्टल पर फीड किये गये मजदूरों का अलग-अलग वर्गीकरण इस प्रकार है, नाविकों की संख्या 52 है, प्रवासी मजदूरों की संख्या 1538 है, नगर निकाय अपंजीकृत कर्मिकों की संख्या 11500 है।
Read More »विकास की बात करना बेमानी, बरसों से जर्जर सड़क पर आवागमन प्रभावित
ऊंचाहार, रायबरेली। विधानसभा चुनाव को पांच साल पूरा होने वाला है फिर से नेताओं द्वारा गांव में विकास का ढोल पीटा जायेगा। सार्वजनिक मंचों से विकास के दावे किए जाएंगे लेकिन विकास तो कहीं नजर नहीं आ रहा है। आज भी गांव की सड़कों के साथ-साथ मुख्य राजमार्ग वाली सड़कों की हालत भी दयनीय है।
हम बात कर रहे हैं ऊंचाहार से डलमऊ – लालगंज मार्ग (NH-30से SH- 38) और अचलगंज, बीघापुर से होते हुए कानपुर राजमार्ग पर दशकों से सड़क के कुल दूरी (150 किमी.) के हर हिस्से में सड़क पर गड्ढे और जलभराव से ग्रामीण और राहगीर भी परेशान हैं।
कुछ बेटियों से उनकी यातना के बारे में भी पूछो
एक अजन्मी अंतिमा की पीड़ा सुनों,
मत उम्मीद रखो मुझसे की मेरी ज़िंदगी का अनुवाद तुम्हारी भावनाओं से जुड़ा हो “मैं अजन्मी अंतिमा हूँ एक छोटा सा अदम्य आक्रोशित किरदार” और तुम मुझे कभी नहीं समझ सकते। तुम्हें मुझे पढ़ने के लिए उस क्षितिज तक जाना होगा जहाँ से मेरी लिखी हर संज्ञा को महसूस कर सको। मेरे दर्द की कथोपकथन की सघनता को थामना किसी के बस में नहीं।
दर्द की आज्ञा का पालन करते मैंने शब्दों को थोड़ा सहलाया है, रेशमी एहसास के पन्नों पर मोतीयों की तरह पिरो कर लहू की स्याही से लिखी है एक दास्ताँ कहती हूँ।
स्वदेशी की परिभाषा
स्वदेशी के नाम पर आजकल बहुत हो-हल्ला हो रहा है। जिसे देखो, वही स्वदेशी की बात कर रहा है। नेताजी के भाषणों में स्वदेशी शहद की तरह टपकता है। बाबा रामदेव जी महाराज ने तो स्वदेशी के नाम पर ही अपना सारा कारोबार खड़ा किया है। वैसे भारत में और भी बाबा हैं जो स्वदेशी की दुकान लगाए बैठे हैं, परंतु उन बेचारों का सामान रामदेव की तुलना में बेहद कम ही बिच पाता है। अधिकांशतः उनके चेले-चपाटे ही खरीदते हैं। आजकल स्वदेशी वह दुधारू गाय है, जिसका दूध हर ऐरा-गैरा निकालना चाहता है और स्वदेशी की आड़ में अपनी तिजोरियां भरना चाहता है।
स्व. राजीव दीक्षित जी ने स्वदेशी की परिभाषा कुछ इस तरह से दी थी –