मथुराः श्याम बिहारी भार्गव। किशोर न्याय बोर्ड मथुरा सदस्य सतीश चंद्र शर्मा ने कहा कि 18 वर्ष से कम आयु के विधि का उल्लंघन करने के आरोपित बालक को पुलिस थाने में विधि विरुद्ध रूप से निरोध करने तथा बालकों के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं जो कि किशोर न्याय बालकों की देखरेख और संरक्षण अधिनियम 2015 की मंशा एवं प्रावधानों के विपरीत होने के साथ साथ पुलिस हेतु निर्धारित बाध्यकारी प्रावधानों की अवहेलना की श्रेणी में आते हैं। बालकों के विधि विरुद्ध निरोध से तात्पर्य 18 वर्ष से कम आयु के विधि का उल्लंघन करने के आरोपित वह बालक जिसे छोटे अपराध पेटी ऑफेंस अथवा गंभीर अपराध सीरियस ऑफिस में निरुद्ध किया गया हो। 18 वर्ष से कम आयु के विधि का उल्लंघन करने के आरोपित बालक जिसे किसी भी अपराध में 24 घंटे से अधिक समय यात्रा समय को छोड़कर पुलिस थाने पर निरोध किया गया हो। पुलिस द्वारा छोटे एवं गंभीर अपराध के प्रकरणों में विधि का उल्लंघन करने के आरोपित बालक के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज (बालक द्वारा किसी वयस्क व्यक्ति के साथ अपराध की परिस्थितियों को छोड़कर) नहीं की जाएगी। ऐसे प्रकरणों में प्रथम सूचना रिपोर्ट के स्थान पर केवल दैनिक डायरी रिपोर्ट दर्ज कर अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।
नियम 8 की पालना में आरोपित बालक को केवल जघन्य अपराधों के प्रकरणों में ही निरुद्ध किया जाएगा। शेष प्रकरणों में पुलिस द्वारा बालक के अभिभावक से वचन पत्र लेकर उसकी अभिरक्षा उनको वापस सौप दी जाएगी और प्रकरण की सूचना किशोर न्याय बोर्ड को दी जाएगी कि अभिभावक बालक को निर्धारित तिथि पर बोर्ड के समक्ष लेकर प्रस्तुत होंगे। अधिनियम की धारा 10 के परंतुक के तहत किसी भी विधि का उल्लंघन करने के आरोपित बालक को पुलिस लॉकअप अथवा जेल में नहीं रखेगी। पुलिस थानों में आरोपित बालक के साथ किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार अथवा अनुचित व्यवहार नहीं किया जाएगा। उच्चतम न्यायालय के निर्देशों की प्रभावी पालना की जाएगी।
किशोर न्याय बोर्ड द्वारा किसी भी माध्यम से पुलिस थाने में बालक के साथ दुरव्यवहार की शिकायत पर सक्रिय होकर संज्ञान लिया जाएगा। किशोर न्याय बोर्ड को किसी बालक अथवा कोई नागरिक अथवा स्वयं सेवी संगठन चाइल्डलाइन द्वारा किशोर न्याय बोर्ड के प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट या सदस्य को दूरभाष लिखित या किसी भी अन्य माध्यम से पुलिस थाने में किसी विधि का उल्लंघन करने के आरोपित बालक के विधि विरुद्ध निरोध होने की शिकायत प्राप्त हो सकेगी।
किशोर न्याय बोर्ड मथुरा के सदस्य सतीश चंद्र शर्मा ने पुलिस थानों में बालकों के साथ दुर्व्यवहार तथा विधि विरुद्ध निरोध डिटेंशन की रोकथाम की अपेक्षा सभी पुलिस थानों से की है तथा बच्चों के हितों के लिए किशोर न्याय अधिनियम एवं नियमावली के अनुरूप किए जाने की अपेक्षा की है।
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