रायबरेलीः पवन कुमार गुप्ता। गीता नर्सिंग होम और मेगाशाप को जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने बंद करने का निर्देश दिया है। नगर मजिस्ट्रेट ने बताया कि दोनों ही संस्थान बिना पार्किंग के संचालित हो रहे थे। बता दें कि विगत दिनों जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने देर रात शहर के विभिन्न स्थलों का निरीक्षण किया था और शहर की हालातों में सुधार करने का आश्वासन दिया था। शहर की स्थितियों का जायजा लेने के बाद आज रविवार को जिलाधिकारी हर्षिता माथुर के निर्देश पर नगर मजिस्ट्रेट प्रकाश चंद्र ने शहर के कैनाल रोड पर स्थित गीता नर्सिंग होम और मेघाशॉप को बंद करने का आदेश दिया है। नगर मजिस्ट्रेट ने बताया कि दोनों ही संस्थान बिना पार्किंग के संचालित हो रहे थे। इसके अतिरिक्त उन्होंने यह भी बताया कि बिना पार्किंग के संचालित होने वाले अन्य संस्थाओं को भी चिन्हित करके उन पर कार्रवाई की जाएगी। यदि संस्थान आदेश का अनुपालन नहीं करते हैं तो उन पर आईपीसी की धारा 188 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। इसके लिए शहर कोतवाल और सदर तहसीलदार को निर्देशित भी किया गया है। नगर मजिस्ट्रेट ने बताया कि बिना पार्किंग के चलने वाले संस्थानों की वजह से रोज जाम की समस्या उत्पन्न होती है। जिससे आम लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसी के अंतर्गत जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है कि जो भी संस्थान बिना पार्किंग के चल रहे हैं, उन पर प्रशासनिक कार्रवाई की जाए। जिले की नवांगतुक जिलाधिकारी हर्षिता माथुर का बिना पार्किंग के चल रहे संस्थानों को बंद करने का निर्देश, शहर से अतिक्रमण हटाने की दृष्टि से सराहनीय है, इससे अन्य संस्थान भी सबक लेंगे। परंतु गौरतलब है कि रायबरेली शहर में चाहे सिविल लाइंस चौराहा हो या बरगद चौराहे से लेकर कलेक्ट्रेट को जाने वाला मार्ग हो, इन सब पर बिना पार्किंग वाले अनगिनत संस्थान मौजूद हैं। जिन पर भी जिलाधिकारी का ध्यान देना आवश्यक है। बता दें कि सिविल लाइन चौराहे पर स्थित चावला रेस्टोरेंट जिसके सामने लगभग सुबह 11 बजे से लेकर रात के 11 बजे तक हाइवे पर वाहन खड़े किए जाते हैं जिससे हाईवे पर भी अतिक्रमण होता है। वहीं बरगद चौराहे के नजदीक और रेलवे क्रॉसिंग नजदीक खुले बटोही रेस्टोरेंट के पास भी पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है और सड़क पर ही वाहन खड़े किए जाते हैं। यही नहीं कलेक्ट्रेट रोड स्थित महिला थाना के समीप, डिग्री कॉलेज के सामने खुले बटी रेस्टोरेंट पर भी दिन भर और शाम को वाहनों द्वारा सड़क पर बेतहाशा अतिक्रमण होता है। इसके साथ ही जिले के प्रशासन की नजरों से यह सब संस्थान ओझल हैं कार्यवाही तो दूर की बात। फिलहाल जिलाधिकारी के निर्देश पर बिना पार्किंग के चल रहे संस्थानों पर हुई कार्यवाई से अन्य संस्थान सबक लेंगे। परंतु सवाल अब भी वही है कि क्या एकमात्र नर्सिंग होम और एक मेगाशॉप पर कार्यवाही करने से शहर के अन्य संस्थान सबक ले सकेंगे जबकि हकीकत परखी जाए तो अधिकांश संस्थान के पास पार्किंग जोन बनाने का कोई विकल्प भी नहीं है तो क्या इन सब पर प्रशासन कार्यवाई कर सकेगा? यह तो आने वाला समय तय करेगा।
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