कविता पंतः नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में आज नई सरकार का गठन हो गया। नेशनल कान्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
नई सरकार में उमर अब्दुल्ला के अलावा पांच कैबिनेट मंत्रियों ने शपथ ली है, जिसमें सतीश शर्मा, सकीना येतू, जावेद डार, सुरिंदर चौधरी और जावेद राणा शामिल हैं। सुरिंदर कुमार चौधरी को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है जिन्होंने नौशेरा से चुनाव लड़ा और भारतीय जनता पार्टी के नेता रविंदर रैना को हराया।
समारोह में नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारुक अब्दुल्ला, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता डी. राजा समेत अनेक बड़े नेता शामिल हुए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उमर अब्दुल्ला को जम्मू-कश्मीर का मुख्यमंत्री बनने पर शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने क्षेत्र की प्रगति के लिए मिलकर काम करने का संकल्प व्यक्त किया।
शपथ ग्रहण से पहले सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा कांग्रेस पार्टी ने साफ कर दिया था कि आज उसका कोई विधायक मंत्री पद की शपथ नहीं लेगा। कांग्रेस ने दो मंत्री पदों की मांग की थी, लेकिन उसे केवल एक की ही पेशकश की गई। पार्टी का कहना है कि वह सिर्फ बाहर से समर्थन देने पर विचार कर रही है। इसके बजाय नेशनल कांफ्रेंस के विधायक ही मंत्री पद की शपथ लेंगे। हालांकि, जम्मू कश्मीर के नए मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे बहुत कुछ सीखना है। मैंने छह साल में बहुत कुछ सीखा है, कुछ गलतियां की हैं और अब मैं उन गलतियों को नहीं दोहराना चाहता क्योंकि मूर्ख ही बार-बार वही गलतियां दोहराता है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि दोनों दल पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए मिलकर लड़ाई लड़ेंगे। ‘हमें खुशी है कि हमारे गठबंधन के सहयोगी मुख्यमंत्री बन गए हैं और यह जम्मू-कश्मीर के लिए एक बड़ी सफलता है। आज लोकतंत्र बहाल हो गया और हम इसे मजबूत करने के लिए मिलकर लड़ेंगे।’’
2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद इस केन्द्र शासित प्रदेश में उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में पहली बार सरकार बनी है।
इस मौके पर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि लोगों ने बड़ी उम्मीद के साथ यह सोचकर जनादेश दिया है कि 5 अगस्त 2019 को लिए गए गलत फैसले की सदन में निंदा की जाएगी कि जम्मू-कश्मीर के लोग उस फैसले के साथ नहीं हैं। पूरे देश को एक संदेश दिया जाएगा और इसके साथ ही हमारे दैनिक जीवन की समस्याएं जैसे बिजली की कमी और अन्य समस्याओं का भी समाधान किया जाएगा।
उमर अब्दुल्ला के जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर पूर्व केन्द्रीय शिक्षा मंत्री डॉ कर्ण सिंह ने कहा कि 10 साल के बाद चुनाव हुए हैं। बिना कोई घटना के चुनाव हुए ये बहुत बड़ी बात है। जम्मू-कश्मीर के लोगों को पहली बार अपने राजनीतिक विचारों को प्रकट करने का मौका मिला। मैं इसका स्वागत करता हूं। उमर अब्दुल्ला को मेरी शुभकामनाएं। हमारी अगली इच्छा पूर्ण राज्य के दर्जे की है। वो जल्द पूरी होनी चाहिए।