श्याम बिहारी भार्गवः मथुरा। उत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्व निदेशालय, लखनऊ (संस्कृति विभाग) द्वारा भारतीय मुद्रा परिषद का 106 वां वार्षिक सम्मेलन एवं राष्ट्रीय संगोष्ठी व मुद्रा प्रदर्शनी का तीन दिवसीय आयोजन 03 से 05 दिसम्बर के मध्य मथुरा के पांचजन्य प्रेक्षागृह डैम्पियर नगर में होगा।
वार्षिक सम्मेलन व मुद्रा प्रदर्शनी का शुभारंभ 03 दिसम्बर को पूर्वाह्न 09 बजे पांचजन्य प्रेक्षागृह में होगा। शुभारंभ सत्र के मुख्य अतिथि प्रदेश के संस्कृति व पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह हैं। विशिष्ट अतिथि प्रदेश के गन्ना मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी होंगे।
वार्षिक सम्मेलन स्थल पर प्रेक्षागृह परिसर में प्राचीन सिक्कों की प्रदर्शनी भी लगायी जाएगी। इस प्रदर्शनी में लोग प्राचीन समय के सिक्कों की जानकारी ले सकेंगे। सम्मेलन में भाग लेने देश के अनेक पुरातत्वविद मथुरा आ रहे हैं। वार्षिक सम्मेलन के मध्य में बाहर से आ रहे प्रतिनिधिगण मथुरा के राजकीय संग्रहालय, वृंदावन के वृंदावन शोध संस्थान और कुसुम सरोवर आदि स्थलों का शैक्षिक भ्रमण भी करेंगे।
उप्र राज्य पुरातत्व निदेशालय की निदेशक श्रीमती रेनू द्विवेदी ने स्कूली बच्चों के अलावा इतिहास व पुरातत्व में रुचि रखने वाले लोगों से वार्षिक सम्मेलन में तीनों दिन भाग लेने का आह्वान किया है। अधिवेशन का समन्वय व संयोजन प्रभारी क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी डा राजीव त्रिवेदी कर रहे हैं।
परिषद के राष्ट्रीय अधिवेशन में ऑस्ट्रेलिया के विद्वान प्रो. आरमंड बोपेराची, भारतीय विरासत संस्थान के उप कुलपति प्रोफेसर बी आर मणि, भारत कला भवन वाराणसी के डॉ बी डी सिंह, मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय हैदराबाद के डॉ इकराम उल हक, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के डॉ मुकेश कुमार सिंह, डा पंकज शर्मा, बसंत कन्या महाविद्यालय काशी हिंदू विश्वविद्यालय की डॉ संवेदना सिंह, प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन विश्वविद्यालय कोलकाता की डॉ स्मिता हालदार कोलकाता विश्वविद्यालय की प्रोफेसर सुष्मिता बसु मजूमदार, दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर विजय लक्ष्मी सिंह, असम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर प्रोजीत कुमार पालीत, गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय नोएडा के डॉ मुकेश कुमार वर्मा, काशी हिंदू विश्वविद्यालय की प्रो बिंदा परांजए, पटना विश्वविद्यालय की डॉ नवीन कुमार, इलाहाबाद विश्वविद्यालय की डॉ राघवेंद्र प्रताप सिंह, जौनपुर विश्वविद्यालय के संदीप सिंह, शिवांश तिवारी, पीयूष मित्र के अतिरिक्त लगभग 200 से अधिक प्रतिभागी अपना शोध प्रस्तुत प्रस्तुत करेंगे।