राजीव रंजन नाग: नई दिल्ली। विपक्षी गठबंधन (इंडिया) में पार्टियों के बीच चल रही दरार बढ़ती दिख रही है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और समाजवादी पार्टी (एसपी) जैसी पार्टियों ने अडानी के कथित वित्तीय घोटाले और संसद के कामकाज से जुड़े मुद्दों पर अलग-अलग रुख अपनाया है।
उधर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता मणिकम टैगोर ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी को विपक्षी इंडिया ब्लॉक का नेता नियुक्त करने के टीएमसी के प्रस्ताव को पूरी तरह से खारिज कर दिया। टीएमसी के सुझाव के बारे में पूछे जाने पर टैगोर ने कहा, “यह एक अच्छा मजाक है।”
बनर्जी को इंडिया ब्लॉक प्रमुख के रूप में नियुक्त करने का प्रस्ताव पार्टी सांसद कीर्ति आज़ाद ने उठाया, जिन्होंने कहा कि बंगाल की सीएम इंडिया ब्लॉक का नेतृत्व करने के लिए एक बेहतर चेहरा हैं और आम और विधानसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन के खिलाफ उनका रिकॉर्ड बेहतरीन रहा है।
वहीं, भाजपा ने इंडिया ब्लॉक पर निशाना साधते हुए कहा कि यह गठबंधन दुश्मनों के एक समूह से ज़्यादा कुछ नहीं है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध करने के लिए एक साथ आए हैं। मुख्य रूप से कांग्रेस पर निशाना साधते हुए भाजपा ने कहा कि सभी विपक्षी सहयोगी ग्रैंड ओल्ड पार्टी से नाखुश हैं।
भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने विपक्ष की एकता पर कटाक्ष करते हुए कहा, “राहुल गांधी के करीबी सहयोगी कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने टीएमसी के इस सुझाव को ‘मजाक’ बताया कि ममता बनर्जी को इँडिया गठबंधन का संयोजक बनाया जाए। टीएमसी 2026 के बाद ममता बनर्जी के लिए नौकरी की तलाश कर रही है। इससे पहले, भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी (आप), तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और शिवसेना (यूबीटी) के बाद अब समाजवादी पार्टी (एसपी) कांग्रेस पर निशाना साध रही है।
उन्होंने पॉडकास्ट इंटरव्यू का एक वीडियो क्लिप जारी किया था जिसमें अखिलेश यादव ने दावा किया है कि कैसे कांग्रेस ने उनसे सवाल पूछने के लिए मध्य प्रदेश में पत्रकारों को उनके पीछे भेजा। टीएमसी, एसपी ने विपक्ष के विरोध प्रदर्शन को छोड़ दिया। इससे पहले आज, बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी और अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली एसपी ने गौतम अडानी रिश्वत मामले को लेकर संसद परिसर में विपक्ष के संयुक्त विरोध प्रदर्शन से अपने को अलग कर लिया। विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस के कुछ सहयोगी जहां विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए, वहीं समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव और तृणमूल के नेता अनुपस्थित रहे।