हाथरस। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी आज दिल्ली से करीब साढ़े ग्यारह बजे पीड़ित परिवार के घर बूलगढ़ी पहुंचे। इसके बाद उन्होंने पीड़ित परिवार से करीब 40 मिनट की मुलाकात की और उसके बाद बिना मीडिया कर्मियों से बात किये ही वह वापस दिल्ली के लिए रवाना हो गए। हालांकि उनके हाथरस आने के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत में इस सर्दी में भी गर्मी पैदा कर दी है। राहुल गांधी के अचानक आने से पुलिस और प्रशासन में हड़कंप मच गया। पीड़ित परिवार आज भी सीआरपीएफ की सुरक्षा के घेरे में रह रहा है। 4 साल पहले घटना के समय राहुल गांधी सहित विपक्षी पार्टियों के सभी नेताओं को गांव में आने जाने पर रोक लगा दी गई थी। गौरतलब है कि कोतवाली चंदपा क्षेत्र के गांव बूलगढ़ी में 14 सितंबर 2020 को गांव के ही 4 युवकों पर एक दलित बेटी के साथ दरिंदगी करने का आरोप लगा था। इसके बाद 29 सितंबर 2020 को युवती ने दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में दम तोड़ दिया था। आरोप है कि पुलिस ने बिना घर वालों की सहमति के युवती के शव का रात में ही अंतिम संस्कार दिया था। यह मामला देशभर में सुर्खियो में रहा है। सीबीआई ने अपनी जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर दी थी। यह मामला कोर्ट में चल रहा है। वहीं जनपद कोर्ट ने इस पूरे मामले में 3 आरोपियों को बरी कर दिया है और एक आरोपी संदीप को दोषी मानते हुए कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है। राहुल गांधी का हाथरस दौरा राजनीती का एक बड़ा स्टंट माना जा रहा है, पहले संभल जा कर मुस्लिम वोटरों का ध्यान अपनी ओर लेना तो चार साल पुराने केस जिसमें न्यायालय ने गैगरेप के आरोप को खारिज करते हुए जेल में बन्द तीन युवाओं को दोष मुक्त कर दिया है। यंहा भीं दलित परिवार के घर आ कर उनसे मिल दलीत वोटरों को अपनी ओर लाने का प्रयास है।
Home » मुख्य समाचार » राहुल गांधी ने जिंदा किया 4 साल बाद बूलगढ़ी कांडः अचानक पहुंचे बूलगढ़ी, बिटिया के परिवार से मिले