फिरोजाबाद: जन सामना संवाददाता। रामलीला मैदान में चल रही श्रीमद् भागवत कथा एवं ज्ञान यज्ञ में कथावाचक ने श्री कृष्ण बाल लीलाओं के साथ गोवर्धन पर्वत, माखनचोरी की कथा सुनाते हुए गोपियों का श्री कृष्ण के प्रति प्रेम की चर्चा सुनकर श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। कथाव्यास ने कहा कि परमात्मा की भक्ति सच्चे प्रेम के द्वारा ही संभव है। कथा पांडाल में भजनों पर महिला पुरूष थिरकते रहे।
अभा सोहम् महामंडल के तत्वाधान में हो रही श्रीमद् भागवत कथा में कथा व्यास रामगोपाल शास्त्री ने भगवान श्रीकृष्ण के बालरूप की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि कंस द्वारा नंदगांव में भेजे गए विभिन्न राक्षसों का नरसंहार करने के बाद गोवर्धन लीला की कथा सुनाते हुए कहा कि भगवान ने इंद्र के अहंकार को दूर करने के लिए और ब्रजमंडल वासियो की सुरक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर सात उठाया था। बाद में इंद्र को अपनी भूल का पश्चाताप हुआ। हमें भी जीवन में अहंकार से दूर रहकर सच्चे और स्वच्छ मन से भगवानके साथ-साथ प्राणी मात्र की सेवा करनी चाहिए। कथा व्यास ने कहा इस प्रकार तन वही सफल है जो परमात्मा का चिंतन मनन करें और आंख भी वही सफल है जो परमात्मा का दर्शन करें।