ऊंचाहार रायबरेलीः जन सामना ब्यूरो। खेत सोना उगलता है तो किसान खुश होता है किसान का बेटा यदि अच्छा कार्य करे तो सब आश्चर्य चकित आज के युग मे होते है ऊंचाहार ब्लाक के गांव पचखरा के एक किसान के बेटा ने कुछ ऐसा ही किया जिससे उसके मेधावी होने के कारण ही उसको चक्रवती पदक से सम्मानित करने हेतु चुना गया है जिससे क्षेत्र ही नही जिला का नाम रोशन किया है। जिला रायबरेली से 40 किलोमीटर दूर ऊंचाहार है। जहां से 8 किलोमीटर दूर गांव पचखरा है।जहां का निवासी प्रेमनारायन त्रिपाठी के पास महज साडे चार बीघा खेत है पेशे से वे किसान है जिनके यहां पत्नी सुधा के आलावा पुत्र कोमलनारायन त्रिपाठी; आलोक व पुत्री शिवानी है।जिनके शिक्षा दिक्षा भी कृषि पर ही निर्धारित है जिसी से किसान अपने परिवार का खर्च व पालन पोषण भी करता है।आप भी समझ गये होेंगे कि इस महगाई के दौड मे किस तरह से परिवार को चलाया जा सकता है।लेकिन इस किसान ने अपने बाजुओं के दमपर अपने खेती के मेडगोड करके बच्चों को शिक्षा बेहतर देने के लिये जो नजीर लिखी है वह वाकई मेकाबिले तारीफ है।क्योंकि बडा पुत्र लखनऊ मे लखनऊ यूनवसिर्टी मे बीए व एम मे रक्षा अध्ययन विषय मे यूनवसिर्टी टाप किया है। जिसको लेकर उसके मेधावी पना के कारण ही उसको डाक्टरचक्रवती पदक से पुरूस्कृत करने के लिये चुना गया है। जिसको युवक ने कभी सपने मे नही सोचा था न ही किसान ने ये सोचा था कि मेरा बेटा इतना बडा नाम करेगा हलाकि ये जहां किसान के मेहनत का पैसा का कमाल है तो वहीं किसान के मेहनत के पैसा को एक एक रूपये वसूलने के लिये उसने शिक्षा के प्रति कडी मेहनत भी किया है।हलाकि इस छात्र को शिक्षित करने के लिये कई लोगों के द्वारा चंदा तक लगवाया गया है।जिसमे यदि उसके शिक्षा के प्रति बात करें तो सन् 2016 मे बीए मे 73.7प्रतिशत मत लाकर यूनवसिर्टी को टाप किया था।जबकि एम एम प्रथम वर्ष में 73.6प्रतिशत अंक पाकर यूनवसिर्टी टाप किया था।जिसको लेकर एलयू मे पिछले साल चांसलर्स सिल्वर मेडल जीता था।इस बार डा चक्रवती मेडल अपने नाम किया है।