नदी के दोनों मुहाने पर लगा कूड़े का ढेर, रोजाना नदी में 30 टन फेंका जा रहा है कूड़ा
अम्बेडकरनगर, संदीप सिंह। आम जनता के साथ साथ प्रशासनिक उपेक्षा की शिकार हुई पवित्र सलिला तमसा को दाग दार करने पर लोग अमादा है। स्थित यह है कि आज उसका जल आचमन लायक भी नहीं रहा। यह अलग बात है कि इस नदी से तमाम लोगों की श्रद्धा और आस्था जुडी हुई है। इसके बावजूद भी नगर पालिका प्रशासन भी उसकी अनदेखी कर रहा है। देश भर में पौराणिक मान्यता वाली नदियों में सफाई अभियान चलाकर भले ही नदियों को साफ करने का अभियान चलाया जा रहा हो,लेकिन वह अभियान नगरपालिका अकबरपुर के लिए मायने नहीं रखता है। यंहा रोजाना नगर पालिका अकबरपुर से निकलने वाले कूड़े कचरे को तमसा नदी में फेंक दिया जा रहा है। इसकी वजह से लाखों लोगों की आस्था से जुड़ी शहर के मध्य से गुजरने वाली तमसा नदी का अस्तित्व मिटता जा रहा है। नगर के सैकड़ों नाले रोजाना इसमें गिरते हैं। नगरपालिका द्वारा नगर के कूडे को उठाकर नदी के पाटों पर डाल दिया जाता है। कुछ छोटे बडे उद्योगों का भी दूषित जल नदी में छोड़ा जा रहा है। जिला प्रशासन की अनदेखी के चलते नगर की बीचो बीच से गुजरने वाली तमसा नदी का अस्तित्व मिटता जा रहा है। नदी के दोनों किनारों पर रोजाना पालिका ने निकलने वाले करीब 30 टन कूड़े को नदी में फेंका जा रहा है। इसके अलावा दूर-दूर तक पाटों पर कूडे के ढेर के अलावा लोग नदियों के किनारे भवन बनाकर अतिक्रमण कर रहे है। पालिका से निकलने वाले कचरे को जहां नदी के किनारों पर ठिकाने लगाया जाता हैं। वहीं नदी के समीप बने अकबरपुर चीनी मिल का सारा कचरा भी इस नदी में बहाया जाता है। ऐसे में थोड़ा ही कूड़ा कचरा व प्रदूषित पानी नदी के जल को जहरीला बना रहा है।
प्रशासन नदी को बचाने के लिए नहीं कर रहा पहल
नदी के साफ-सफाई के लिए कई केंद्र व प्रदेश सरकार कई योजनाएं चला रही है। सरकारी मशीनरी भी इस सफाई को लेकर लोंगो को जागरूक कर रही है,लेकिन प्रशासन का सहयोग न मिलने तमसा नदी प्रदूषित होती जा रही है। कई बार सामाजिक सगठनों ने नदी की सफाई का अभियान चलाया, लेकिन जिला प्रशासन का सहयोग न मिलने से वह ज्यादा दिन तक नहीं चल सके। इसकी वजह से जिला प्रशासन की उदासीनता से नदी की सफाई अभियान की मुहिम परवान न चढ़ सकी। अकबरपुर के अलावा जलालपुर कस्बे के निकट तमसा नदी के पाटों पर कूडे कचरे के अलावा नदी के भू-भाग पर अतिक्रमण किया जा रहा है,लेकिन पर्यावरण के संरक्षण और नदियों की बदहाली को लेकर प्रशासन नदी के क्षेत्र को सुरक्षित करने की दिशा में कोई पहल नहीं कर रहा है।जिसके चलते मोक्षदायिनी जीवनदायिनी नदियों का जल प्रदूषित हो रहा है।