घाटमपुर/कानपुर, शिराजी। तहसील क्षेत्र के गांवों में घूम रहे अन्ना पशु अब भी किसानों के लिए समस्या साबित हो रहे हैं। तमाम कट चुकी फसलों के बावजूद गन्ने व मूंग की फसल अन्ना जानवरों का निवाला बन रही है। जिससे किसान भुखमरी की कगार पर पहुंचना तय है। ग्राम शाकाहरी निवासी समाचार पत्र विक्रेता इंद्रपाल ने बताया की रात भर जागकर खेतों की रखवाली करना पड़ती है। और दिन में दूसरे कार्य निपटाना पढ़ते हैं। जिससे किसान मानसिक बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। वहीं जरा सा चूक होने पर अन्ना जानवर उनकी फसलें चट कर जाते हैं। और किसान बेबसी में आंसू बहता रहता है। प्रशासन की उदासीनता के चलते अन्ना पशुओं की समस्या थम नहीं रही है। कभी दूध देकर परिवारों का पेट पालने वाले पशु निस प्रयोग होने पर पशुपालकों द्वारा लावारिस छोड़ दिए जाते हैं। ऐसे भूखे प्यासे जानवर फसलों के लिए समस्या बन रहे हैं।