Tuesday, November 26, 2024
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बालक-बालिका समाज के दो समयान्तर पहिये, इनमें भेद उचित नहीः क्षेत्राधिकारी

कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। मुख्यमंत्री के निर्देशों के तहत जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह के निर्देशन में अकबरपुर बालिका इण्टर कालेज में बालिका सुरक्षा जागरूकता ‘‘जुलाई‘‘ अभियान के अन्तर्गत मालिकाओं को सशक्त बनाये जाने के उद्देश्य से कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ क्षेत्राधिकारी अकबरपुर अर्पित कपूर ने दीप प्रज्जवलित कर किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए क्षेत्राधिकारी सदर अर्पित कपूर ने कहा कि शिक्षक अपनी निजी जिन्दगी में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अच्छे शिक्षक अपने छात्र-छात्राओं के दिल में महत्वपूर्ण और पवित्र स्थान रखता है। माता-पिता के बाद शिक्षक ही बच्चों को सबसे अधिक प्रभावित करता है तथा उसके व्यक्तित्व को सही रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आप सब जानते हैं कि प्रत्येक समाज में बच्चों को दुर्व्यवहार, हिंसा और शोषण का सामना करना पड़ता है। यदि आप अपने आस-पड़ोस में झाँककर देखें, तो पाएँगे कि छोटे-छोटे बच्चे स्कूल जाने के बजाय मजदूरी के काम में लगे हुए हैं। अधिकाँश बँधुआ माता-पिता अपने बच्चों की पिटाई करते हैं। कक्षा में शिक्षक भी उनकी पिटाई करते या फिर जाति व धर्म के आधार पर उनके साथ भेदभाव किया जाता है। महिला बाल शिशु को जन्म लेने से रोका जाता है। इसके लिए उनकी गर्भ में या फिर जन्म के बाद हत्या कर दी जाती है अथवा फिर उन्हें परिवार या समाज में भेदभाव का शिकार होना पड़ता है। जन्म के बाद बालिकाओं को बाल-विवाह, बलात्कार या फिर तिरस्कार की मार अलग से झेलनी पड़ती है। हाँ, कई बच्चों की जीवन की यही सच्चाई है। इनमें से कुछ बच्चें आपकी कक्षा या स्कूल में भी होंगे। एक शिक्षक के रूप में जब आप देखते या सुनते हैं कि एक बच्चा अपमानित हो रहा है या शोषित हो रहा है, तो उस बारे में आप क्या करेंगे। उन्होंने कहा कि बालक-बालिका समाज के दो समयान्तर पहिये, इनमें किसी भी प्रकार का भेद उचित नही है। जिला प्रोबेशन अधिकारी गिरिजा शंकर सरोज ने बाल अधिकारों के विषय में भी विस्तार से बताया। संरक्षण अधिकारी दीपिका सक्सेना द्वारा 181 महिला हेल्पलाइन, 1098 चाइल्डलाइन, 101 फायर बिग्रेड, महिला शक्ति केन्द्र 1090 आदि टोल फ्री नम्बरों की जानकारी दी गयी तथा बालिकाओं की सुरक्षा हेतु उपाय बताये गये। अकबरपुर चैकी इंचार्ज द्वारा भी बालिका सुरक्षा तथा पुलिस सहायता पर बच्चों को जागरूक किया गया। कार्यक्रम में महिला कल्याण अधिकारी, जिला समन्वयक, 181 काउंसलर स्कूल की प्रधानाचार्या, अध्यापगण आदि मौजूद रहे।