कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। ‘‘एक जिला-एक उत्पाद’’ (ओ0डी0ओ0पी0) योजना उत्तर प्रदेश सरकार की रोजगारपरक महत्वाकांक्षी योजना है। इसके तहत जनपद के चिन्हित विशिष्ट उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने के साथ ही परम्परागत उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। सरकार ने इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए चालू वित्तीय वर्ष में 250 करोड़ रुपये के बजट का भी प्राविधान किया है।
‘‘ओ0डी0ओ0पी0 योजना के बारे में अब लोग स्वयं बात करते है, यह योजना प्रदेश में सफलता के झंडे गाड़ रही है। राज्य सरकार सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों तक इस योजना का लाभ पहुंचाने में पूरी तरह सजग और गम्भीर है। अल्प अवधि में ही इसके परिणाम भी परिलक्षित होने शुरू हो गये हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने गत वित्तीय वर्ष 2018-19 में राज्य के सात मण्डलों में राज्य स्तरीय ओ0डी0ओ0पी0 समिट का आयोजन करके 191191 लाभार्थियों को 18344.87 करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध कराया और 1610 कारीगरों को टूलकिट भी वितरित किया, इसमें ओ0डी0ओ0पी0 के 16965 लाभार्थियों में 3835.89 करोड़ रुपये का ऋण तथा अन्य योजनाओं के तहत 174226 लाभार्थियों में 14508.98 करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध कराते हुए जिले की पहचान दिलाते हुए ऐसे कुटीर उद्योग से जुड़े परिवारों को स्वरोजगार दिलाकर उनका आर्थिक विकास किया है।
भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद जी की गरिमामई उपस्थिति में इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में अगस्त 2018 में ओ0डी0ओ0पी0 समिट का वृहद स्तर पर आयोजन किया गया था। समिट में राष्ट्रपति महोदय के करकमलों से 4095 लाभार्थियों को लगभग 1006.94 करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध कराया गया। इस अवसर पर ओ0डी0ओ0पी0 उत्पादों की मार्केटिंग हेतु आनलाइन उत्पाद बेचने वाली प्रख्यात कम्पनी अमेजन से एक समझौता ज्ञापन भी हस्ताक्षरित किया गया। इसके साथ ही गुणवत्तापूर्ण उत्पादन के लिए क्वालिटी काउन्सिल आफ इण्डिया तथा पूंजी उपलब्धता हेतु एन0एस0ई0 तथा बी0एस0ई0 के साथ एम0ओ0यू0 भी किए गए। अमेजन के माध्यम से अब तक 55 लाख रुपये के ओ0डी0ओ0पी0 उत्पादों की बिक्री की जा चुकी है।
इसी प्रकार उत्पाद आधारित क्षेत्रीय ओ0डी0ओ0पी0 समिट का आयोजन राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में किया गया। जरी-जरदोजी एवं चिकनकारी को बढ़ावा देने के लिए अवध शिल्पग्राम, लखनऊ में दो दिवसीय ओ0डी0ओ0पी0 समिट का आयोजन किया गया। इसमें 7377 लाभार्थियों को कुल 1230.217 करोड़ रुपये का ऋण वितरण किया गया।
जनपद वाराणसी में सिल्क फैब्रिक्स, सूत, वस्त्र, कारपेट एवं दरी पर आधारित ओ0डी0ओ0पी0 समिट में 34431 लाभार्थियों को 2105.04 करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध कराया गया। गोरखपुर में टेरा कोटा, पाॅटरी एवं खाद्य प्रसंस्करण पर आधारित ओ0डी0ओ0पी0 समिट में 20427 लाभार्थियों में 2188.00 करोड़ का ऋण वितरण किया गया। कांच उत्पाद, हैण्डीक्राफ्ट एवं सुगन्ध पर आधारित आगरा ओ0डी0ओ0पी0 समिट में 67146 लोगों को 4536.36 करोड़ रुपये का ऋण दिया गया। इसी प्रकार मेरठ में स्पोटर््स गुड्स, टेक्सटाईल एवं वुड क्राफ्ट पर आधारित समिट में 45960 लाभार्थियों को कुल 6272.93 करोड़ का लोन बांटा गया।
ओ0डी0ओ0पी0 योजना की लोकप्रियता को देखते हुए इसे और अधिक जनप्रिय बनाने के लिए मार्जिन मनी ऋण अनुदान योजना प्रारम्भ की है। योजना के तहत परियोजना की स्थापना हेतु परियोजना लागत के अनुसार अधिकत्म 20 लाख रुपये तक मार्जिन मनी ऋण देने की व्यवस्था की गई है। गत वित्तीय वर्ष में इसके माध्यम से 916 लाभार्थियों को 3149.71 लाख रुपये मार्जिन मनी सुलभ कराई गई। इस वर्ष 1940 लाभार्थियों को 97 करोड़ मार्जिन मनी देने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रदेश सरकार ने जनपद के चिन्हित उत्पादों के उत्पादन से लेकर विपणन तक में उद्यमियों को सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है। इसके लिए सामान्य सुविधा केन्द्र प्रोत्साहन योजना शुरू की गई और सामान्य सुविधा केन्द्र स्थापित करने पर 90 प्रतिशत वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने का प्राविधान भी किया गया है। योजना के तहत उद्यमियों को कच्चा माल, डिजाइन, गुणवत्ता सुधार, अनुसंधान एवं विकास, पर्यावरण एवं ऊर्जा संरक्षण, पैकेजिंग आदि की सुविधा दी जा रही है। इसी प्रकार चिन्हित उत्पादों को एक ब्राण्ड के रूप स्थापित करने तथा राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय मेला तथा प्रदर्शनियों में प्रतिभाग करने वाले उत्पादकों, हस्तशिल्पियों, बुनकरों, कारीगरों तथा निर्यातक को आर्थिक सहायता भी देने की व्यवस्था की गई है।
ओ0डी0ओ0पी0 ब्राण्डिग ड्राफ्ट स्कीम तैयार की जा चुकी है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में लगभग 350 ओ0डी0ओ0पी0 स्टोर खोले जाने की योजना है। उद्यमियों की सुविधा के लिए ओ0डी0ओ0पी0 वेबसाईट www.odopup.in तथा हेल्पलाइन नम्बर 1800-1800-888 चैबीस घण्टे क्रियाशील हैं।
सरकार की मंशा है कि ओ0डी0ओ0पी0 योजना के माध्यम से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में वृहद स्तर पर रोजगार का सृजन करके लोगों को स्वावलम्बी बनाया जाय। निश्चित ही सरकार की प्रभावी पहल से यह योजना छोटे-छोटे उद्यमियों के लिए उनका व्यवसाय बढ़ाने और आय में वृद्धि करने में काफी सहायक साबित हो रही है। साथ ही इस योजना से जनपद के विशिष्ट उत्पाद वैश्विक स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाने में सफल होगे।