कानपुर, जन सामना संवाददाता। कानपुर दक्षिण में बर्रा 8 व वरुण विहार के बीच तीन हाईटेंशन लाइनों के कारण व जानमाल की परवाह करते हुए केडीए ने अपनी करोड़ों की कीमत वाली जमीन खाली छोड़ दी थी और उस भूमि पर हरित पट्टी का विकास किया था।
समय गुजरा और हाईटेंशन लाइनों के नीचे सरकारी मशीनरी की नकारा कार्यशैली के चलते अवैध बस्ती बस गई। वर्तमान में लगभग एक हजार परिवार बस चुके हैं। इस बस्ती में सभ्रांत कम बल्कि अराजक व अपराधी किस्म के लोग ज्यादा रहते हैं। क्षेत्रीय पुलिस भी परेशान रहती है लेकिन वह भी मजबूर है। अपनी तरफ से कुछ कर नहीं पा रही क्योकि इस बस्ती को राजनैतिक संरक्षण भी प्राप्त है और विकास कार्य भी किये जा रहे हैं।
यह भी गौरतलब हो कि जो केस्को का उपभोक्ता दो तीन माह का बिल जमा नहीं कर पाते उनका कनेक्शन काट दिया जाता है लेकिन यहाँ के निवासी लगभग 14 वर्ष से अवैध रूप से बिजली जलाते चले आ रहे हैं।
केस्को अपनी विद्युत चोरी नहीं रोक पाया। इतने वर्ष गुजरने के बाद अब केस्को अधिकारियों ने विद्युत चोरी रोकने की योजना को तैयार कर लिया और हजारों लोगों की जान की परवाह किये बिना वैध कनेक्शन जारी करना शुरू कर दिया है।
बिगत दो दिनों से केस्को गुजैनी के कर्मचारियों ने शिविर लगाकर कनेक्शन देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि अगर हाई टेंशन लाइनों के नीचे बसी बस्ती में कोई हादसा हो गया तो जिम्मेदार कौन होगा, केडीए जिसने लोगों की जानमाल की परवाह करते हुए अपनी जमीन को खाली छोड़ दिया था और अवैध बस्ती बसने तक कोई ध्यान नहीं दिया या केस्को जिसने अपना राजस्व बढ़ाने व बिजली चोरी रोकने की नाकामी छिपाने के चलते अवैध बस्ती को बैध बना कर हजारों जिंदगियों से खिलवाड़ करना शुरू कर दिया है ?