मौके पर पहुंचे सीओ एवं इलाका पुलिस, क्राईम टीम जुटी मौत का कारण खोजने में
सासनी/हाथरस, जन सामना ब्यूरो। गांव जरैया में एक तीन बच्चों की मां ने अज्ञात कारणों के चलते आंगन की छत पर पडे लोहे के जाल में फांसी के फंदे पर झूलकर अपनी इहलीला समाप्त कर ली। जिससे गांव में सनसनी फैल गई। मृतका के दरवाजे पर लोगों की भीड जुट गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतका के शव का पोस्टमार्टम कराया है।
गुरूवार को ग्रामीणों के अनुसार गांव के महेश की शादी जलेसर के गांव समष पुर की बेबी से करीब आठ वर्ष पूर्व हुआ था। करीब तीन वर्ष पूर्व महेश के माता पिता की मौत हो गई। बंटवारा होने के बार महेश का बडा भाई गांव के निकट अपने खेतों में नलकूप पर मकान रहने लगा और महेश गांव में ही अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहने लगा। बताते हैं कि बोरिंग का काम करता है जो सुबह अपने काम से निकल गया। शाम को लगभग पांच बजे बेबी ने स्वंय को मकान में बंद कर लिया और आंगन में छत पर पडे जाल में दुपट्टे से फांसी का फंदा बनाया और उस पर झूल गई। उधर बच्चें रोने लगे, तो ग्रामीणों को घटना के बारे में जानकारी हुई। ग्रामीणों ने दरवाजा तोडकर जैसे ही अंदर प्रवेश किया तब तक बेबी के प्राण पखेरू उड चुके थे। ग्रामीणों ने घटना की सूचना पुलिस को दी। सूचना पाकर एसएचओ पहलावान सिंह एवं सीओ सिटी रामशब्द यादव मौके पर पहुंच गये। वहीं क्राईम इंचार्ज केलाश बाबू अपनी टीम के साथ पहुंच गये। फांसी पर लटकी बेबी की पूरी जांच की और शव को ग्रामीणों की मदद से नीचे उतारा। ग्रामीणों ने बताया कि मृतका बेबी के माता पिता की भी मौत कई वर्ष पूर्व हो चुकी है, बेबी के यहां उसके चाचा, ताउ के बच्चों का ही आना जाना है, वहीं इसकी देखभाल तथा हालचाल के बारे में जानकारी लेते है। पुलिस ने मृतका के मायके वालों को भी फोन कर दिया, तथा मृतका के शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया है।
मासूमों को नहीं पता उनकी मां कहां है-
बेबी द्वारा अपनी इहलीला समाप्त करने के बारे में तीनों मासूमों को नहीं पता, बच्चों में मां को देखकर किसी प्रकार का भय न पैदा हो जाए तो ग्रामीण एवं मृतका के परिजन बच्चों को अपने साथ नलकूप पर ले गये। जहां बच्चें अपनी मासूमियत के कारण खाना खाने और खेलते रहे। पूछने पर बच्चे कुछ भी नहीं बता सके।
चार्ज संभालते ही मिला क्राईम
सासनी। गुरूवार को एसएचओ शैलेन्द्र सिंह की विदाई समारोह कोतवाली परिसर में किया गया। जिसमें सभी की आंखे खुशी और गम से नम हो गई। एसएचओ के विदाई समारोह में पुलिस स्टाफ के साथ कस्बा एवं ग्रामीण क्षेत्रों से आए लोगों ने उनकी भूरि-भूरि प्रशंशा की। मगर शाम को नवागत एसएचओ पहलवान सिंह को क्राइम का सामना करना पडा। हालांकि पुलिस के लिए क्राइम कोई नई बात नहीं है, अभी कोतवाल कस्बा और क्षेत्र को समझ भी नही पाए कि बेबी ने आत्महत्या कर ली, जिसकी जांच के लिए एसएचओ पहलवान सिंह ने सीओ सिटी के नेतृत्व में अपनी टीम लगा दी। कि आत्महत्या का कारण क्या है।