प्रयागराज, वी. डी. पांडेय। स्वास्थ्य विभाग की मौन स्वीकृति से झोलाछाप डॉक्टरों की चांदनी’ सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी झोलाछाप डॉक्टरों पर नहीं हो रही है कोई कार्यवाही। गांव हो या शहर हर जगह झोलाछाप अपनी बाजार लगाए बैठे हैं। इनके पास किसी भी तरह की कोई डिग्री नहीं होती है। उसके बाद भी यह धड़ल्ले से क्लीनिक चलाते हैं, और हर तरह के मरीजों का बेधड़क इलाज करते हैं। कभी-कभी तो इनके गलत इलाज से मरीज अपनी जान भी गंवा बैठता है। ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी प्रशासन को नहीं होती है। जानकारी होने के बावजूद भी इन झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में इनकी संख्या अधिक है ग्रामीण क्षेत्रों में बिना डिग्री के झोलाछाप डॉक्टर क्लीनिक खोलकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। इलाज नहीं कर रहे हैं। कई कई बेडो के रूम भी बनाकर उसमें मरीजों को बकायदा एडमिट भी करते हैं। और डीप आदि लगाकर उनका इलाज करते हैं। इन डॉक्टरों की ओर से ग्रामीणों को खांसी, जुकाम, बुखार, हैजा सहित अन्य सामान्य बीमारियों के इलाज के नाम पर दवाइयां दी जा रही हैं। इन से दवाइयां लेने के बाद कुछ मरीजों को स्वास्थ्य लाभ तो मिल जाता है। लेकिन अधिकांश मरीज और अधिक बीमार होकर जिला चिकित्सालय की ओर रुख करते हैं। तब तक झोलाछाप डॉक्टरों के चक्कर में फंस कर अपना समय धन और शरीर तीनों को गंवा बैठते हैं और अधिक कठिन स्थिति में पहुंच जाते हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से इन डाक्टरों के खिलाफ किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की जा रही है। जबकि खुलेआम ग्रामीण क्षेत्रों में हरा पर्दा और बेंच डालकर मुन्ना भाई एमबीबीएस डॉक्टर बन बैठे है। प्रयागराज के रामपुर करछना, सोराव, कोराव, फूलपुर शंकरगढ, मेजा, सदर के कौडि़हार सहित लगभग हर क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है। अब देखना है कि जनपद के जिम्मेदार इनके खिलाफ कार्रवाई करते हैं या यूं ही पानी पीटकर कार्य की सिद्धि करके बैठ जाते हैं।