कानपुर, महेंद्र कुमार। सदियों से ही देश में जादू टोना, झाड़फूंक जैसे अंधविश्वास चलते आ रहे है। चार दिन में परेशानियों से छुटकारा, गारंटी से वशीकरण, ऐसे विज्ञापन से भरी आपको कई दीवारों नजर आएँगी जो अंधविश्वास को बढ़ावा देती है। इन सब के बीच एक ऐसा धंधा भी है जो अंधविश्वास पर टिका होने के बावजूद अंधविश्वास नहीं लगता, ये धंदा है घरों और दुकानों में निम्बू मिर्च लटकाने का। इंसान आज कितना भी अपने आपको मॉडर्न मानने लगे पर कंही न कंही वो भी इस अंधविश्वास में फंसे नजर आते है और इसका अंदाजा दुकानों में और घरों लटकने वाले निम्बू – मिर्चे को देखकर ही लगाया जा सकता है।
दर्जनों की संख्या में निम्बू मिर्च लगाने वाले आप को शहर में नजर आते होंगे जिनका काम शहर की दुकानों और घरों के दरवाजों पर निम्बू मिर्च लगाना होता है और लोग इसे ख़ुशी से अपने घर या दुकान में बंधवा लेते है और बदले में इन्हे कुछ रुपये देते है। ऐसे ही एक दुकानदार का कहना है कि घर और दुकानों को बुरी नजर से बचने के लिए इंसान बहुत सारे तरीको को अपनाते हैं इसमें से ही एक यह भी है, माना जाता है कि नींबू का खट्टा और मिर्च का तीखा स्वाद बुरी नजर वाले व्यक्ति की एकाग्रता भंग कर देता है। जिससे वह अधिक समय पर घर या दुकान को नहीं देख पाता है। जिससे दुकान को नजर नहीं लगती है, और ये कोई महंगा उपाय भी नहीं इसलिए ही वह अपनी दुकान पर कई वर्षो से इसे टंगवाते आ रहे है। ताकि किसी को बुरी नजर और बुरी बला दोनों से बचाया जाये, और ऐसा वह अपने व्यापार को बुरी नजर से बचाने के लिए करते है।
यूँ तो घरों के दरवाजे और दुकान के शटर पर लटकते निम्बू मिर्चे उन्हें बुरी नजर और बुरी बला से बचाने के लिए ही लटकाये जाते है पर यह कहना गलत नहीं होगा कि अंधविश्वास से जुड़ा यह व्यापार धीरे – धीरे कई परिवारों के पेट पालने का साधन भी बनता जा रहा है|