कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। उत्तर प्रदेश की भौगोलिक स्थिति और विशाल जनसंख्या के हर क्षेत्र में विविधता है। यहां धरातलीय क्षेत्र है जहां भिन्न जलवायु फसलें व भोजन हैं तथा विभिन्न सामुदायिक परम्परायें एवं आर्थिक परिप्रेक्ष्य है। यहां भोजपुरी, अवधी, खड़ी, बुन्देली, पश्चिमी, ऊर्दू आदि बोलियां/भाषाएं हैं तथा परिधान में भी विविधता पायी जाती है। विभिन्न संस्कृतियों एवं भौगोलिक स्थिति से उ0प्र0 एक महान विविधता बनाये हुए अपना सामूहिक विकास कर रहा है। उ0प्र0 की शिल्पकला और उद्यमिता जो प्रदेश के छोटे-छोटे कस्बों, ग्रामों और शहरों में फैली है वह अपने विशिष्ट और असाधारण उत्पाद के लिए ख्याति प्राप्त है। उ0प्र0 में जन विविधता, जलवायु विविधता, आस्थाओं और संस्कृतियों की विविधता की तरह ही यहां के उत्पादों एवं शिल्प कलाओं में भी मोहक विविधता है। प्रदेश के कई उत्पाद भौगोलिक पहचान पट्टिका धारक है। उ0प्र0 हींग, देशी घी, काँच के आकर्षक उत्पाद, चादरें, गुड़, चमड़े की बनी वस्तुएं, चिकनकारी, गेहूं डंठल शिल्प, मृत पशुओं के सींगों व हड्डियों के शिल्प, जरी जरजोदी आदि वस्तुओं के उत्पादन से संबंधित जनपद विशेषज्ञता रखते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश के समस्त जनपदों में विशेषज्ञता रखने वाले लघु एवं कुटीर उद्योग के उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए एक जनपद-एक उत्पाद कार्यक्रम लागू किया है जो आज पुष्पित और पल्लवित हो रही है। उ0प्र0 सरकार की महत्वाकांक्षी एक जनपद-एक उत्पाद कार्यक्रम का उद्देश्य है कि प्रदेश की उन विशिष्ट शिल्प कलाओं एवं उत्पादों को प्रोत्साहित किया जाय, जो देश में कहीं और उपलब्ध नहीं है। इस योजना के लागू होने से पूरे राज्य में लाखों बेरोजगारों को नौकरी, रोजगार के अवसर प्राप्त हो रहे हैं। प्रत्येक जिले का अपना उत्पाद है जिसके लिए वह प्रसिद्ध है। विश्व में जापान, थाईलैण्ड, इंडोनेशिया, फिलीपींस, मलेशिया, चीन आदि देश यह नीति अपना कर अपने देश की आर्थिक उन्नति कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने 24 जनवरी 2018 को एक जनपद-एक उत्पाद योजना का शुभारम्भ किया। इस योजना से जिलों के छोटे, मध्यम और पम्परागत उद्योगों के विकास को बढ़ावा मिल रहा है। जनपदों के उत्पादों में आगरा-चमड़ा उत्पाद, अमरोहा-ढोलक, अलीगढ़-ताला एवं हार्डवेयर, औरैया-देशी घी, आजमगढ़-काली मिट्टी की कलाकृति, अयोध्या-गुड़, अम्बेडकरनगर-वस्त्र उत्पाद, बदायूं-जरी जरदोजी, अमेठी-मूंज उत्पाद, बागपत-फोम फर्नीसिंग, बहराइच-गेहूं डंठल हस्तकला, बरेली-जरी जरदोजी, बलिया-बिन्दी, बस्ती-काष्ठकला, बलरामपुर-दाल, भदोही-कालीन, बांदा-शज़र पत्थर शिल्प, बिजनौर-काष्ठकला, बाराबंकी-वस्त्र उत्पाद, बुलंदशहर-सिरेमिक उत्पाद, चंदौली-जरी, जरदोजी, चित्रकूट-लकड़ी के खिलौने, फर्रूखाबाद-बेडशीट एवं आयरन फैब्रीकेशन वक्र्स, देवरिया-सजावट के सामान, फतेहपुर-चादर, इटावा-वस्त्र उद्योग, फिरोजाबाद-काँच की चूड़ी व सामान, एटा-घूंघरू घंटी, गौतमबुद्ध नगर-रेडीमेड गारमेंट, गाजीपुर-जूट वाल हैंगिंग, हापुड़-होम फर्निसिंग, गाजियाबाद-अधियांत्रिकी सामग्री, हरदोई-हैण्डलूम, गोण्डा-दालें, हाथरस-हींग, गोरखपुर-टेराकोटा, जालौन-हस्तनिर्मित कागज, हमीरपुर-जूता, जौनपुर-ऊनी कालीन, झांसी-साफ्ट टायल्स, कौशांबी-केला, कन्नौज-इत्र, कुशीनगर-केला, फाइबर उत्पाद, कानपुर देहात-इल्मुनियम बर्तन, लखीमपुर खीरी-जनजातीय शिल्प, कानपुर नगर-चमड़ा उत्पाद, ललितपुर-जरी सिल्क साड़ी, कासगंज-जरी जरदोजी, लखनऊ-चिकनकारी एवं जरी जरदोजी, महराजगंज-फर्नीचर, प्रयागराज-मूंज उत्पाद, मेरठ-खेल सामग्री, महोबा-गौरा पत्थर, मिर्जापुर-कालीन, मैनपुरी-तारकशी कला, मुरादाबाद-धातु शिल्प, मथुरा-सैनिटरी फिटिंग, मुजफ्फरनगर-गुड़, मऊ-वस्त्र उत्पाद, पीलीभीत-बांसुरी, प्रतापगढ़-आंवला, संत कबीर नगर-ब्रांसबेयर, रायबरेली-काष्ठकला, शाहजहांपुर-जरी जरदोजी, रामपुर-पैचवर्क, एप्लिक वर्क, जरी पैचवर्क, शामली-लौहकला, सहारनपुर-काष्ठ नक्काशी, श्रावस्ती-जनजातीय शिल्प, संभल-हस्तशिल्प, सिद्धार्थनगर-काला नमक चावल, सीतापुर-दरी, सोनभद्र- कालीन, सुल्तानपुर-मूंग उत्पाद, उन्नाव-जरी जरदोजी, वाराणसी-बनारसी रेशम साड़ी हैं। प्रदेश सरकार ने एक जनपद एक उत्पाद की वेबसाइट www.odop.in पर योजना से संबंधित सभी जानकारियां दी हैं। इसका लोगों भी भारत सरकार से पंजीकरण, 13 उत्पादों का जीआई पंजीकरण, 08 उत्पादों को जेम पोर्टल पर पंजीकरण कराते हुए राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ब्रान्डिंग की है। प्रदेश सरकार ने ओडीओपी उत्पादों की मार्केटिंग हेतु अमेजान के साथ एम0ओ0यू0 का आदान-प्रदान तथा इसका गुणवत्तापूर्ण उत्पादन हेतु क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया तथा पूंजी उपलब्धता हेतु एन0एस0ई0 तथा बी0एस0ई0 के साथ एम0ओ0यू0 हस्ताक्षरित भी कराया है। अमेजान की साइट पर एक जनपद एक उत्पाद की 11296 उत्पाद है। अमेजान के माध्यम से अब तक 55 लाख रू0 से अधिक की वस्तुओं की बिक्री हुई है। प्रदेश में उत्पाद आधारित 06 क्षेत्रीय जनपदों में समिट्स का आयोजन करते हुए संबंधित उद्योगों से जुड़े 187096 लाभार्थियों को 17338.187 करोड़ रू0 के ऋण वितरित किये गये हैं। एक जनपद-एक उत्पाद के अन्तर्गत परियोजनाओं की स्थापना हेतु परियोजना लागत के अनुसार अधिकतम रू0 20 लाख तक मार्जिन मनी ऋण अनुदान सरकार सुलभ कराती है। इस योजना के अन्तर्गत जनपद के चिन्हित उत्पादों के उत्पादन से लेकर विपणन तक के अवयवों जैसे कच्चा माल, डिजाइन, गुणवत्ता सुधार, अनुसंधान एवं विकास, पर्यावरण एवं ऊर्जा संरक्षण, पैकेजिंग वित्तीय सहायता आदि की सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने सामान्य सुविधा केन्द्र प्रोत्साहन योजना भी लागू किया है जिसका लाभ उत्पादक उठा रहे हैं। इससे जुड़े उत्पादकों, हस्तशिल्पियों, बुनकरों, कारीगरों, उद्यमियों तथा निर्यातकों को आर्थिक सहायता प्रदान करने हेतु एक जनपद-एक उत्पाद विपणन प्रोत्साहन योजना भी प्रारम्भ की गई है। इस योजनान्तर्गत कौशल विकास एवं टूल-किट भी दिये जा रहे हैं। रिटेल स्टोरी के माध्यम से बिक्री की क्षमता भी बढ़ाई जा रही है। प्रदेश सरकार की एक जनपद-एक उत्पाद योजना से प्रदेश के राजस्व में बढ़ोत्तरी, बेरोजगारों को रोजगार तथा सभी उत्पादकों का आर्थिक विकास हो रहा है।