घाटमपुर/कानपुर, शिराजी। तहसील क्षेत्र के ग्राम गड़ा था कटरी कांटर अमिरतेपुर कोटरा मकरंदपुर अकबरपुर बीरबल मऊ नखत, निमधा, महुआपुरवा, आदि इलाकों में जमुना नदी की बाढ़ का पानी भरने से ग्रामीणों का जीवन अस्त व्यस्त हो गया था। आज पानी का स्तर कुछ कम होने से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली वहीं ग्राम गढ़ाथा निवासी राजेंद्र शर्मा ने बताया कि उनकी परचून की दुकान के अंदर पानी भर जाने से सारा सामान बर्बाद हो गया है। इसी गांव के सुरेश शर्मा ने बताया कि उनकी कपड़े की दुकान में पानी भरने से हजारों रुपए का कपड़ा बर्बाद हो गया है। इनकी तरह और भी तमाम दुकानदार व घरों में पानी भरने से गृहस्थी का सामान कपड़े बिस्तर अनाज खाने पीने की चीजें बर्बाद हो गई है। ग्राम गढ़ाथा निवासी किशन सविता रामस्वरूप जुग्गीलाल आदि द्वारा बताया गया की हम लोगों के मकान व बस्तियां गहरे स्थानों में है। बावजूद इसके नाव व सहायता हमारे इलाके में नहीं भेजी जाती है। और प्रशासनिक सहायता भी ना के बराबर पहुंच रही है। जबकि ऊंचे स्थान पर रहने वाले असरदार लोग प्रशासन शासन की आ रही आंशिक सहायता का लाभ ले रहे हैं। खाने पीने की व्यवस्था प्रशासन द्वारा हुई है। लेकिन पशुओं के सामने चारे का गंभीर संकट है। गढ़ाथा में 5 नावों में से 4 नाव स्वामी अव्यवस्था के चलते अपनी नावे लेकर जा चुके हैं। केवल एक नाव के सहारे गांव के लोग अपना सामान ढो रहे हैं। दलित व पिछड़ी जातियों के लोगों का आरोप है कि हम लोगों के इलाके में नाव व सहायता नहीं भेजी जा रही है। जबकि हम लोगों के पास कोई संसाधन भी नहीं है। बारिश व बाढ़ के कारण कच्चे व कमजोर मकान गिरने शुरू हो गए है। जिससे जनधन की हानि का खतरा पैदा हो गया है।