राज्य लोक सेवा अधिकरण के 45वें स्थापना दिवस का आयोजन
इस अवसर पर ‘‘फोरम फाॅर स्पीडी जस्टिस‘‘ नामक पुस्तिका का हुआ विमोचन
लखनऊ, जन सामना ब्यूरो। उच्च न्यायालय इलाहाबाद के न्यायाधीश श्री एम0एन0 भंडारी ने कहा कि सिविल मैटर्स के लिए राज्य लोक सेवा अधिकरण एक उचित प्लेटफार्म है। ट्रिब्युनल कोर्ट द्वारा होने वाले फैसले काफी मायने रखते हैं।
श्री एम0एन0 भंडारी ने यह विचार आज यहां इन्दिरा भवन के सभाकक्ष में आयोजित राज्य विधिक सेवा अधिकरण के 45वें स्थापना दिवस के अवसर पर व्यक्त किया। इस मौके पर ‘‘फोरम फाॅर स्पीडी जस्टिस‘‘ पुस्तिका का विमोचन भी किया गया। उन्होंने कहा कि सरकारी सेवा संबंधी मामले काफी लम्बे समय तक विभिन्न कोर्ट में लम्बित रहते हैं, जिसकी वजह से सरकारी कर्मचारी एवं उसके परिवार को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। वहीं राज्य सरकार को सालों बाद निर्णय होने से कर्मी को बिना काम के भुगतान भी करना पड़ता है। उन्होंने अधिवक्ताओं से अपील करते हुए कहा कि केस अधिक लम्बित ना होने पाये इसके लिए पूरी तैयारी से मुकदमे को फाइल करना चाहिए।
इस अवसर पर राज्य विधिक सेवा अधिकरण के अध्यक्ष मा0 न्यायमूर्ति श्री सुधीर कुमार सक्सेना ने कहा कि यह सरकार का महत्वपूर्ण अधिकरण है, कर्मचारियों को इसके माध्यम से समय से न्याय मिल रहा है। यह अधिकरण त्वरित न्याय का पथ प्रदर्शक है। उन्होंने कहा कि अधिकरण में केवल 04 मेम्बर हैं, फिर भी यहां की न्याय प्रक्रिया त्वरित गति से होती है।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल न्यायमूर्ति श्री राकेश श्रीवास्तव ने कहा कि सेवा संबंधी मामले हर परिवार के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। उन्होंने कहा कि जब घर की नींव मजबूत होगी तभी मकान वर्षों तक चलेगा। इसी प्रकार अधिवक्ताओं की पिटीशन बहुत स्ट्रांग होनी चाहिए। वकील केस के फाउंडेशन को मजबूत बनायें। साथ ही केस की ड्राफ्टिंग पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाला समय प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने वाला है। इसलिए अधिवक्ताओं को नये युग के हिसाब से अपने आपको आगे लाना चाहिए।
न्यायमूर्ति श्री ए0आर0 मसूदी ने कहा कि कुछ कर्मचारियों का पूरा जीवन कोर्ट में ही चला जाता है। त्वरित न्याय के लिए इस अधिकरण की स्थापना की गई है। न्याय अविलम्ब हो इसके लिए सभी को समर्पण भाव से कार्य करने चाहिए। समस्याओं का सरलीकरण करके जज के सामने रखने पर न्याय शीघ्र मिलने की संभावना अधिक बढ़ जाती है।
न्यायमूर्ति श्री राजेश सिंह चैहान ने कहा कि ट्रिब्युनल कोर्ट का कान्फीडेंस हाई कोर्ट में काम आता है। राज्य विधिक सेवा अधिकरण के गठन के फलस्वरूप हाईकोर्ट पर भार कम हुआ है। न्यायाधीश श्री राजीव सिंह ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अधिकरण में एक साल के अन्दर मुकदमें निस्तारित हो जाते हैं। उन्होंने लोगों को सर्विस मैटर के लिए ट्रिब्युनल कोर्ट जाने की सलाह दी। इनके अलावा न्यायमूर्ति श्री एन0के0 जौहरी ने भी अधिकरण की सराहना करते हुए इसकी स्थापना को महत्वपूर्ण कदम बताया।
इस कार्यक्रम में बार एसोसिएशन, लोक सेवा अधिकरण के अध्यक्ष श्री आर0सी0 सिन्हा सहित अधिकरण के विभिन्न न्यायिक अधिकारी एवं कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का संचालन निबन्धक, श्रीमती प्रतिमा श्रीवास्तव ने किया।
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