हाथरस। विश्व हिंदू परिषद के जिला मठ मंदिर प्रमुख के आह्वान पर हाथरस के विद्वतजनों की बैठक आगरा रोड मंगल भवन के सामने आहूत की गई। जिसमें शहर के धार्मिक विद्वान शामिल हुए एवं सभी ने हिन्दू, हिन्दुत्व और धार्मिक मान्यताओं व परम्पराओं पर हुए हमलों पर गहरा रोष प्रकट करते हुए अपने अपने विचार प्रकट किए एवं कठोरतम कानूनी कार्यवाही की मांग की।विहिप के जिला प्रमुख मठ मंदिर एवं धर्माचार्य पं. मनोज द्विवेदी द्वारा सर्वप्रथम संगठन की पद्धति के अनुसार श्री हनुमान चालीसा का पाठ, राम नाम महामंत्र, परिचय एवं बैठक के विषय पर आगंतुक अतिथियों का स्वागत अभिनंदन किया गया। राष्ट्र की अस्मिता एवं सनातन सभ्यताओं व मान बिंदुओं के साथ हो रहे षड्यंत्र एंव पूरे देश के भीतर एवं बाहर से परोक्ष रूप से एक समुदाय द्वारा उकसावे एवं शांतिप्रिय माहौल को कटु एवं कलुषित बनाकर गृह युद्ध की ओर ले जाने का कुचक्र रचा जा रहा है। सभी ने गहरा रोष प्रकट करते हुए सावधान रहने हेतु सभी राष्ट्रवादी देशवासियों को आगाह किया और बताया कि श्री हनुमान जन्मोत्सव एवं श्री राम जन्म महामहोत्सव के पावन पर्व व शोभायात्रा हमारी धरोहर आस्था के आयाम, आयोजन हमारी सनातन संस्कृति है। हमारी सभ्यता व अस्मिता हैं, आदर्श हिन्दुत्व व समरसता के प्राण हैं।वक्ताओं ने कहा कि राजस्थान व जहांगीरपुरी दिल्ली आदि कई स्थानों पर पूर्व नियोजित षड्यंत्र, यकायक विधर्मियों की भारी भीड़ द्वारा हर्षोल्लास के कार्यक्रम व आयोजकों पर प्राणघातक हमला हुआ। पुलिस प्रशासन पर पथराव कर कानून व्यवस्था को तार तार किया गया। जोकि गम्भीर चिंता व जांच का विषय है। आरोपियों पर सख्त कठोरतम कानूनी कार्यवाही सुनिश्चित हो ताकि ऐसी पुनरावृत्ति न हो।
चिंतन मंथन सभा में विचार प्रकट करने वाले विद्वानों में भागवताचार्य विशाल बल्लभ मिश्र ने कहा कि जननी जन्म भूमिश्च स्वर्गा दपि गरीयसी। पंडित राजमोहन श्रोतिय व पं. होतीलाल शर्मा ने असतो मा सद्गमय तमसो मा ज्योतिर्गमय मृत्योर्मामृतम गमय का संदेश दिया।
पं. रामबाबू शर्मा ने कहा कि हमारी संस्कृति वसुधैव कुटुंबकम अतिथि देवो भव एवं सर्वे भवंतु सुखिनरू और जियो और जीने दो की परिकल्पना से ओतप्रोत है। इसके बाद भी ऐसे षड़यंत्र चिन्ता एवं रोष का कारण बनते हैं। जो हमारी राष्ट्र की मूल भावना अनेकता में एकता को चोट पहुंचा रही है।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे पं. कृष्ण बल्लभ मिश्र ने गहरा रोष प्रकट करते हुए कहा कि उपद्रवियों को कठोरतम सजा के साथ-साथ सरकार द्वारा उन्हें मिलने वाली समस्त रियायत व सुविधाओं को समाप्त कर आजीवन कारावास दिया जाना चाहिए। अन्यथा उग्र आंदोलन हेतु धर्माचार्य समाज को विवश होना पड़ेगा।
बैठक में उत्तम पचौरी, पं. रूपकिशोर तिवारी, पं. पवन शर्मा, प्रवीन शास्त्री, पं. गौरीशंकर उपाध्याय, पं. प्रभुदयाल शर्मा, मनोज कुमार शर्मा, पं. दाऊदयाल शर्मा, चंचल पंडित, सत्यप्रकाश शर्मा, बृजेश लाला, लल्ला गुरु, नंद किशोर पंडित, परमानंद, मुकुंद आदि उपस्थित थे। अंत में पथ संचलन करते गगनभेदी नारों के साथ भारत माता की जय व वंदे मातरम के जयघोष व उद्घोष हुए।
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