कार्यवाही करने के नाम पर अधिकारी, निजता भंग करने की कह रहे बात
ऊंचाहार/रायबरेली,पवन कुमार गुप्ता। सरकार की मुफ्त राशन की योजना का लाभार्थी अभी तक तो सारा जमाना था लेकिन सरकार और प्रशासन की रिकवरी वाली धमकियों ने अमीर और गरीब को अलग करके फर्क साफ है ये दिखा दिया। परंतु कुछ सक्षम अधिकारी अपने मित्र और हितैशियों को आज भी इस मुफ्त राशन की योजना का लाभ दिला रहे हैं।बीते दिनों जनपद के ऊंचाहार तहसील क्षेत्र के खुर्रमपुर ग्राम सभा के प्रधान को मिल रहे सरकारी राशन की मुफ्त योजना के लाभार्थी होने की जानकारी मिलने पर खबरें प्रकाशित की गई। जिसके बाद से क्षेत्रीय पूर्ति अधिकारी द्वारा इस संबंध में स्पष्ट जवाब भी नहीं दिया गया, जबकि वही कोटेदार ने कहा कि ग्राम प्रधान के द्वारा इस महीने भी पात्र गृहस्थी का राशन सरकारी दुकान से उठाया गया है।
*पात्रता सिद्ध करने के लिए जारी हुई नोटिस को सार्वजनिक करने से इंकार
अब जाकर क्षेत्रीय पूर्ति अधिकारी अविनाश पांडेय ने बताया कि ग्राम प्रधान को एक नोटिस जारी की गई है इसके माध्यम से उन्हें पात्रता सिद्ध करने के लिए एक सप्ताह का मौका दिया गया है। जिसके तहत वह मुफ्त राशन की योजना का लाभ उठा रहे हैं। परंतु यह बात बड़ी अजीब लगती है कि पंचायत चुनाव के दरमियान प्रधान द्वारा चुनाव आयोग को दिए गए अपने आय के विवरण में और मुफ्त राशन प्राप्त करने के लिए बनवाया गया आय प्रमाण पत्र में वार्षिक आय अलग कैसे होगी। वहीं जब पूर्ति अधिकारी से जारी हुई नोटिस की कॉपी मांगी गई तो उन्होंने मीडिया को देने से इनकार किया है।
*सक्षम पूर्ति अधिकारी का कथन
बता दें कि पूर्ति अधिकारी अविनाश पांडेय द्वारा बताया गया कि हमारे मानक के अनुसार पात्र गृहस्थी के मुफ्त राशन की योजना का लाभ उठाने के लिए ग्रामीण क्षेत्र के रहवासियों के परिवार की वार्षिक आय दो लाख रुपए होनी चाहिए है इसके साथ ही और भी कई चीजें इसके दायरे में आती हैं। यदि सक्षम अधिकारी का यह बयान सत्य है तो फिर आखिर क्यों गरीब वर्ग को जांच के नाम पर अवैध कार्यवाही में फंसाया जाता है और क्यों आय प्रमाण पत्र में उनसे 60000 से कम वार्षिक आय का विवरण मांगा जाता है। इससे तो आम जनता जो वास्तव में पात्र गृहस्थी की राशन की हकदार है उसे इस योजना के लाभ से वंचित रखा जाता है।