हाथरस, जन सामना ब्यूरो। जिला निर्वाचन अधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने कैम्पस एम्बेसडर, एसीसी कैडेट, स्काउट्स गाइड और प्रशिक्षु लेखपालों से कहा है कि वे 11 फरवरी को पोलिंग बूथ पर वोट डालने आने वाले मतदाताओं को सहायता देकर कर वोटर फै्रन्डली इलैक्शन कराने में महति भूमिका निभायें। उन्होंने फार्म 12 भरकर पोस्टल बैलेट से मतदान करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि अच्छा कार्य करने वाले तीन युवाओं को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया जायेगा।
मंगलवार को दिल्ली पब्लिक स्कूल हाथरस में मतदान के लिये नियुक्त कैम्पस एम्बेसडर, एसीसी कैडेट, स्काउट्स गाइड तथा प्रशिक्षु लेखपालों के साथ बैठक कर जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्र में चिन्हित 141 ऐसे पोलिंग बूथ को आदर्श मतदान केन्द्र बनाया गया है जहाॅ पिछले चुनावों में जिले के औसत मतदान से भी कम मतदाताओं द्वारा वोट डाले गये हैं।
डीएम ने अधिकारियों व फोर्स के साथ किया फ्लैग मार्च
हाथरस, जन सामना ब्यूरो। जिला निर्वाचन अधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह तथा पुलिस अधीक्षक दिलीप कुमार के संयुक्त नेतृत्व आज बीएसएफ तथा सशस्त्र पुलिस फोर्स ने सादाबाद नगर में फ्लैग मार्च किया। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण मतदान को प्रभावित करने की चेष्ठा करने वाले लोगों से सेन्ट्रल पैरा मिलिटरी फोर्स के जवान सख्ती से पेश आयेंगे।
मंगलवार को दोपहर जिला निर्वाचन अधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक के संयुक्त निर्देशन में सादाबाद में बीएसएफ की एक कंपनी के जवानों तथा सशस्त्र पुलिस बल ने सादाबाद में मुरसान चैराहा से जवाहर बाजार तक फ्लैग मार्च किया। अधिकारीद्वय ने स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांति पूर्ण मतदान सम्पन्न कराने के लिये प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि यहाॅ सुरक्षा के पुख्ता बन्दोबस्त सहित सभी पोलिंग बूथ पर सेन्ट्रल पैरा मिलिटरी फोर्स की तैनाती की जा रही है।
सड़क हादसों में दो की मौत, चार घायल
फिरोजाबाद, जन सामना संवाददाता। जनपद में अलग अलग स्थानों पर हुये सडक हादसों में दो लोगों की मौत हो गयी। जवकि अन्य हादसों में चार लोग घायल हो गये। घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
जिला फर्रूखाबाद के थाना कमालगंज क्षेत्र के गांव राजेपुर निवासी 50 वर्षीय रामनरेश पुत्र मुरलीधर शिकोहाबाद किसी कार्यक्रम में शामिल होने आया था। कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वह मंगलवार की प्रातः अपने घर वापस लौटने के लिये मैनपुरी चैराहे पर किसी वाहन का इंतजार कर रहा था तभी तेज गति से आ रहे वाहन ने अनियंत्रित होकर रौंद दिया।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने लिया पांचों विस का जायजा
कहा-हरीशंकर तिवारी दिन रात प्रत्याशी संग जुटे
बोले-कार्यकर्ताओं के सम्मान का रखा जायेगा ख्याल
फिरोजाबाद, जन सामना संवाददाता। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं आगरा मंडल प्रभारी सूरज सिंह यादव ने आयोजित वार्ता के दौरान बताया कि सपा-कांग्रेस गठबंधन को लेकर जिले की पांचो विधानसभा क्षेत्रों की स्थिति का जायजा लेने आये थे। पांचों विस क्षेत्र में उनके पदाधिकारी व कार्यकर्ता पूरी मेहनत से गठबंधन के प्रत्याशी को जिताने के लिये जुटे हैं।
उन्होंने आगे बताया कि वे प्रत्याशियों के जनसंपर्क में भी गये थे। वहां भी स्थिति ठीक मिली। कांग्रेस जिलाध्यक्ष हरीशंकर तिवारी फिरोजाबाद सदर सीट प्रत्याशी के साथ दिन रात सभाओं में साथ रहते हैं। हाईकमान के निर्देशों का अच्छे से पालन हो रहा है। जब पूछा गया कि गठबंधन से कई मायूस कांग्रेसियों ने पार्टी को छोड़ा तो कुछ निर्दलीय मैदान में हैं, ऐसे में पार्टी किस तरह कांग्रेसियों को एकजुट करेगी। साथ ही जिन जिलों में प्रत्याशी नहीं उतारे गये उनके लिये क्या योजना है। इस पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं का पूरा सम्मान रखा जायेगा।
छात्राओं ने भ्रमण कर ली मैट्रो के बारे में जानकारी
लखनऊ, जन सामना ब्यूरो। आज लखनऊ मेट्रो डिपो में अस्मा हुसैन इंस्टिट्यूट की लगभग 40 छात्राओं ने भ्रमण किया। इस मौके पर छात्राओं ने मेट्रो रेल के साथ साथ डिपो कण्ट्रोल सेंटर का भ्रमण किया तथा मेट्रो के चल रहे निर्माण कार्यो के बारे में पूरी जानकारी ली।
इस दौरान, मेट्रो डिपो के इंचार्ज व अन्य मेट्रो अधिकारियों ने उत्कृष्टता व अभ्यास केंद्र और डीसीसी (डिपो कण्ट्रोल सेंटर) भवन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी।
मेट्रो के रोलिंग स्टॉक एंड सिस्टम के डायरेक्टर ने मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के अभी तक के चले आ रहे कार्यो के बारे में एक विधिवत जानकारी प्रदान की।
इस मौके पर छात्राओं ने भी कई प्रश्न किये जिसमे मेट्रो रेल में महिलाओ की सुरक्षा वयवस्था को लेकर भी प्रश्न पूछे गए। इसके जवाब में मेट्रो के अधिकारियो ने उन्हें बताया कि मेट्रो रेल के हर डब्बे में एक ऐसा आधुनिक बजर लगाया गया है जिसको दबाते ही उस व्यक्ति की सीधे बात चल रहे मेट्रो रेल के ऑपरेटर व लखनऊ मेट्रो के ट्रांसपोर्ट नगर डिपो पर स्थित डीसीसी (डिपो कण्ट्रोल सेंटर) के पास देखी व सुनी जाएगी।
सरकारें कर रहीं नौनिहालों के भविष्य के साथ खिलवाड़
अधिकारियों पर चढ़ा है कुर्सी का नशा
प्राईमरी स्कूलों की हो रही दुर्दशा
कुत्तों और सुअरों के बीच बैठाकर तैयार किया जा रहा है नौनिहालों का भविष्य
शहर के कई स्कूल परिसरों में चट्टे व अवैध कब्जे
प्रधानाध्यापिका बोली कई बार कर चुके शिकायत
कानपुर, अर्पण कश्यप । लोग कहते हैं जिन्हें अपने बच्चों का भविष्य खराब करना हो तो सरकारी प्राईमरी स्कूल में दाखिला करा दो। वास्तव में बात गलत नहीं बल्कि सही है। चाहे केन्द्र सरकार हो या प्रदेश सरकार, दोनों ही सरकारें शिक्षा के क्षेत्र में सरकारी प्राईमरी स्कूलों के प्रति उदासीन हैं। हां, यह तो जरूर है कि प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों को भरपूर वेतन जरूर दिया जा रहा है लेकिन उनसे शिक्षा का कार्य नहीं बल्कि अन्य कार्य जैसे चुनावी ड्यूटियां, वोटर कार्ड बनवाने आदि का कार्य ले लिया जाता है। शायद ही कोई शहर हो जहां प्राथमिक स्कूलों में शिक्षण कार्य समुचित तरीके से किया जा रहा हो। जब सभी जगह खराब हालात हों तो फिर शहर के प्राईमरी स्कूलांे की दशा कैसे ठीक रह सकती है। हालांकि कानपुर महानगर को स्मार्ट सिटी बनाने पर पूरा जोर है लेकिन बिना सही शिक्षा के स्मार्ट सिटी कैसे बन सकता है हमारा शहर, यह एक सोचनीय तथ्य है। एक कटु सच्चाई है कि शहर के ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के प्रपाथमिक स्कूलों की दशा बहुत ही दयनीय है। वहीं अब ऐसे नजारे दिखने लगे है कि सरकारी स्कूलों का उपयोग बच्चों की पढ़ाई के लिए नहीं होता है बल्कि शहर के कई स्कूल ऐसे हैं जहां स्थानीय लोग अपनी सुविधा के लिए उनका उपयोग कर रहे हैं। कई स्कूल में तो अराजकतत्वों ने भी अपना ठिकाना बना लिया हैं।
यह हैं असली नायिकाएँ
रानी पद्मावती एक काल्पनिक पात्र है लेकिन भंसाली शायद यह भी भूल गए कि काल्पनिक होने के बावजूद रानी पद्मावती एक भारतीय रानी थी जो किसी भी सूरत में स्वप्न में भी किसी क्रूर मुस्लिम आक्रमण कारी पर मोहित हो ही नहीं सकती थी।
भंसाली का कहना है कि पद्मावती एक काल्पनिक पात्र है । इतिहास की अगर बात की जाए तो राजपूताना इतिहास में चित्तौड़ की रानी पद्मिनी का नाम बहुत ही आदर और मान सम्मान के साथ लिया जाता है।
भारतीय इतिहास में कुछ औरतें आज भी वीरता और सतीत्व की मिसाल हैं जैसे सीता द्रौपदी संयोगिता और पद्मिनी। यह चारों नाम केवल हमारी जुबान पर नहीं आते बल्कि इनका नाम लेते ही जहन में इनका चरित्र कल्पना के साथ जीवंत हो उठते है।
रानी पद्मिनी का नाम सुनते ही एक ऐसी खूबसूरत वीर राजपूताना नारी की तस्वीर दिल में उतर आती है जो चित्तौड़ की आन बान और शान के लिए 16000 राजपूत स्त्रियों के साथ जौहर में कूद गई थीं। आज भी रानी पद्मिनी और जौहर दोनों एक दूसरे के पर्याय से लगते हैं। इतिहास गवाह है कि जब अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तौड़ के महल में प्रवेश किया था तो वो जीत कर भी हार चुका था क्योंकि एक तरफ रानी पद्मिनी को जीवित तो क्या मरने के बाद भी वो हाथ न लगा सका ।
अफसरों व नेताओं का अदृश्य गठबंधन!
रियल स्टेट के क्षेत्र में अफसरों व नेताओं के अदृश्य गठबन्धन से भ्रष्टाचार नहीं रूक पा रहा है, फिर चाहे कितनों की जान चली जाये। हादसा होने के बाद वही पुराना राग उच्चाधिकारियों द्वारा अलाप दिया जाता है कि दोषियों पर जांच कर कड़ी कार्रवाई होगी और सफेदपोशों द्वारा घड़ियाली आंसू बहा दिए जाते हैं। सांत्वना व सहायता के नाम पर कुछेक कागज के टुकड़े उन परिवारों के सामने फेंक दिये जाते हैं जिनके लिए उनका अपना इस दुनियां से असमय ही अलविदा कर चुका होता है। उत्तर प्रदेश के महानगर कानपुर की बात करें तो यहां नेताओं व अफसरों के अदृश्य गठबन्धन से रियल स्टेट के क्षेत्र में भरपूर भ्रष्टाचार पनपा है और भ्रष्टाचार उन लोगों की बलि ले रहा है जो मजबूरी में अपनों का पेट पालने व दो जून की रोजी रोटी की तलाश में अपना खून पसीना बहाते हैं।
महानगर में लोगों का आवासीय सपना पूरा करने के लिए जहां कानपुर विकास प्राधिकरण का एक अपना महत्वपूर्ण स्थान है तो दूसरी ओर धनाड्य लोग भी औने पौने में निजी लोगों की जमीने हथियाकर आवासीय सपना पूरा करने का दम भरते हैं। वहीं बाहुबली लोग शहरी क्षेत्र में ऐसी जमीनों पर अपनी गि( दृष्टि जमाए रहते हैं जिनपर किसी भी तरकीब से अपना कब्जा जमाना उनका पहला लक्ष्य होता है और इसके बाद उस पर जल्द से जल्द निर्माण कर देते हैं। अब निर्माण अगर जल्दवाजी में किया जायेगा तो यह मुमकिन है कि मानकों का पालन करना संभव नही होगा और इसे संभव करने में सरकारी मशीनरी भी साथ देती है।
भाजपा प्रत्याशी सतीश महाना का करेंगे विरोधः डाॅ0 दीप कुमार शुक्ल
कानपुर, जन सामना ब्यूरो। महाराजपुर विधान सभा क्षेत्र में आने वाले योगेन्द्र विहार मुहल्ले के रहने वाले लोग इस बार भाजपा प्रत्याशी सतीश महाना का पुरजोर विरोध करेंगे, यह जानकारी देते हुए स्वतंत्र पत्रकार डाॅ0 दीप कुमार शुक्ल, धर्मेन्द्र सिंह भदौरिया, मुकेश शुक्ल, भोला शर्मा, सीएल वर्मा, राजीव कुमार, सोनू सैनी, अनुरुद्ध सिंह, सुरेन्द्र सिंह, राजेन्द्र सिंह, कल्लू भदौरिया, राधे शर्मा, भक्तिन पासवान, रूचि श्रीवास्तव, धर्मेन्द्र चैहान, विश्वजीत भदौरिया, हरिनारायण साहू, जय नारायण, पुत्तन, रमेश दुबे, ऋषि तिवारी, आशाराम, राजू सैनी, लक्ष्मण कुशवाहा, पं0 शिव नाराण शुक्ल सहित अन्य लोगों ने बताया कि योगेन्द्र विहार के ज्यादातर मतदाता इस बार विधान सभा चुनाव में वर्तमान विधायक व भाजपा प्रत्याशी सतीश महाना का खुलकर विरोध करेंगे। क्योंकि बीते पांच वर्षो में उन्होंने अपनी निधि से इस क्षेत्र में कोई भी विकास कार्य नहीं कराया। मुख्यमन्त्री कोष से हुए विकास कार्यों के पत्थरों पर उन्होंने अपना नाम जरूर लिखवा लिया है। गौर तलब हो कि पिछले चुनाव में इस क्षेत्र के निवासियों ने सतीश महाना का खुलकर समर्थन किया था। डाॅ. दीप कुमार शुक्ल ने बताया कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से लोगों से मिलकर सतीश महाना को वोट देने की अपील की थी। लेकिन वक्त गुजरा और मुहल्ले में हुई रासलीला के उद्घाटन हेतु सतीश महाना से समय लिया गया क्योंकि श्री महाना का सम्मान भी होना था।
Read More »मन उलसित भयो आज
मंद मंद पवन बहे पुष्पन सुगंध लेत
मन उलसित भयो आज आओ री, आओ री
बसंत चपल है, वसंत चंचल है, बसंत सुन्दर है, बसंत मादक है, बसंत कामनाओं की लड़ी है, बसंत तपस्वियों के संयम की घड़ी है, बसंत )तुओं में न्यारा है, बसंत अग-जग का प्यारा है।
इस ऋतु में सरसों फूलकर पूरी धरती को पीले रंग से रंग देती है। हमारे यहाँ वसंत का विशिष्ट रंग पीला होता है। पीला रंग आध्यात्म का भी प्रतीक है। कई पश्चिमी देशों में बसंत का विशिष्ट रंग हरा होता है। हरा का मतलब सर्वत्र हरियाली, प्रकृति का रंग, पर हमारे यहाँ इस मनोहारी ऋतु को आध्यात्म के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। हम भारतीय इसे सरस्वती की अभ्यर्थना से प्रारंभ करके होली के महा-उत्सव पर समाप्त करते हैं।
शीत या शिशिर की ठिठुरन भले ही हाड़ कंपाती हो किन्तु इन बर्फीली ऋतुओं के बिना भी तो प्रकृति का आँगन सूना-सूना होता है और फिर इसके बाद गाते गुनगुनाते रस के पुखराजी छींटे उड़ाते बसंत के आगमन से मौसम के आँगन का सुख दूना-दूना होता है। वसंत की रंगत ही ऐसी मनोहारी है कि कठोर से कठोर तपस्वी का ह्रदय भी पुरवैया की झकोर से बेबस हो आत्मनियंत्रण खो कर बेकाबू हो जाए। ऋषि विश्वामित्र के तपोभंग का वृतांत इसका सबसे प्रबल प्रमाण है।