Thursday, November 28, 2024
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हर दिल के अंदर मोहब्बत है-प्रिया

इलाहाबाद, जन सामना ब्यूरो। संगम नगरी में दूसरी फिल्म शूटिंग होने जा रही है। हाल ही में हर दिल के अंदर मोहब्बत का लॉन्च हुई। इस फिल्म का संगीत आज के दौर का है। संगीत में हर तरह का मिश्रण पिरोया गया है। फिल्म मोहब्बते देखी ही होगी कुछ ऐसा ही फेवर है हर दिल के अंदर मोहब्बत का भी है। उस फिल्म में कई गुना अधिक रोमांस सुन्दर फिल्माकंन बेहतरीन लोकेसन और हिट संगीत इस फिल्म में नजर आएगा।
इलाहाबाद में पहली बार फिल्म की शूटिंग होने जा रही है जिसमें संगम नगरी की रहने वाली अभिनेत्री प्रिया भारतीय है। वे बहुत जल्द ही फिल्म में भूमिका की नजर आ रही है और प्रिया की अब दूसरी फिल्म है। अगले महीने से शूटिंग है। प्रिया कहती हैं कि मुझे खुशी है कि फिल्म में काम करने का अवसर मिला है। मैं काफी समश् से सोच रही थी लेकिन अब फिल्म में जाना चाहती हूँ मेरी यही तम्मना है जो फिल्म में शूटिंग होने जा रही है इसके सचिन कुमार जो की डान्स कोरियोग्राफर हैं उन्होंने सरोज खान इश्क समुन्दर और शबीना खान के साथ तेज रफ्तार फिल्म में बत्तौर डांसर काम किया है और सचिन के साथ फिल्म में काम करने का मौका मिला है।

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संदिग्ध हालत में व्यक्ति आग से झुलसा

फिरोजाबाद, जन सामना संवाददाता। थाना उत्तर क्षेत्र के ककरऊ में एक व्यक्ति संदिग्ध हालत में आग से झुलस गया। जिसको उपचार के लिए परिजनों द्वारा जिला अस्पताल लाया गया।
थाना उत्तर क्षेत्र के ककरऊ निवासी 40 वर्षीय रामनरायण पुत्र रघुवर दयाल आज सुबह संदिग्ध हालत में घर पर खाना बनाते समय आग से बुरी तरह से झुलस गया। जिसको आग से बचाने के बाद राजेन्द सिंह नामक व्यक्ति द्वारा उपचार के लिए जिला अस्पताल लाया गया।

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क्यों न दिवाली कुछ ऐसे मनायें

दिवाली यानी रोशनी, मिठाईयाँ, खरीददारी, खुशियाँ और वो सबकुछ जो एक बच्चे से लेकर बड़ों तक के चेहरे पर मुस्कान लेकर आती है।
प्यार और त्याग की मिट्टी से गूंथे अपने अपने घरौंदों को सजाना भाँति भाँति के पकवान बनाना नए कपड़े और पटाखों की खरीददारी !
दीपकों की रोशनी और पटाखों का शोर
बस यही दिखाई देता है चारों ओर।
हमारे देश और हमारी संस्कृति की यही खूबी है।
त्यौहार के रूप में मनाए जाने वाले जीवन के ये दिन न सिर्फ उन पलों को खूबसूरत बनाते हैं बल्कि हमारे जीवन को अपनी खुशबू से महका जाते हैं।
हमारे सारे त्यौहार न केवल एक दूसरे को खुशियाँ बाँटने का जरिया हैं बल्कि वे अपने भीतर बहुत से सामाजिक संदेश देने का भी जरिया हैं।
भारत में हर धर्म के लोगों के दीवाली मानने के अपने अपने कारण हैं
जैन लोग दीवाली मनाते हैं क्योंकि इस दिन उनके गुरु श्री महावीर को निर्वाण प्राप्त हुआ था।
सिक्ख दीवाली अपने गुरु हर गोबिंद जी के बाकी हिंदू गुरुओं के साथ जहाँगीर की जेल से वापस आने की खुशी में मनाते हैं।
बौद्ध दीवाली मनाते हैं क्योंकि इस दिन सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म स्वीकार किया था।
और हिन्दू दीवाली मनाते हैं अपने 14 वर्षों का बनवास काटकर प्रभु श्रीराम के अयोध्या वापस आने की खुशी में।
हम सभी हर्षोल्लास के साथ हर साल दीवाली मनाते हैं लेकिन इस बार इस त्यौहार के पीछे छिपे संदेशों को अपने जीवन में उतारकर कुछ नई सी दीवाली मनाएँ। एक ऐसी दीवाली जो खुशियाँ ही नहीं खुशहाली लाए। आज हमारा समाज जिस मोड़ पर खड़ा है दीवाली के संदेशों को अपने जीवन में उतारना बेहद प्रासंगिक होगा।
तो इस बार दीवाली पर हम किसी रूठे हुए अपने को मनाकर या फिर किसी अपने से अपनी नाराजगी खुद ही भुलाकर खुशियाँ के साथ मनाएँ।

दीवाली हम मनाते हैं राम भगवान की रावण पर विजय की खुशी में यानी बुराई पर अच्छाई की जीत, तो इस बार हम भी अपने भीतर की किसी भी एक बुराई पर विजय पाएँ, चाहे वो क्रोध हो या आलस्य या फिर कुछ भी।
दीवाली हम मनाते हैं गणेश और लक्ष्मी पूजन करके तो हर बार की तरह इस बार भी इनके प्रतीकों की पूजा अवश्य करें लेकिन साथ ही किसी जरूरतमंद ऐसे नर की मदद करें जिसे स्वयं नारायण ने बनाया है शायद इसीलिए कहा भी जाता है कि ‘नर में ही नारायण हैं’।

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बुझते दिए बदहाल कुम्हार

⇒चाइनीज आइटमों ने किया कुम्हारों को बदहाल
⇒सरकारें भी कुम्हारों को उपेक्षित किए हैं
कानपुर देहातः संदीप गौतम। कभी दीपावली का पर्व आते ही कुम्हारों के चेहरे पर चमक देखने को मिलती थी लेकिन आधुनिकता के इस दौर में एक ओर जहां लोगों के घरों में मिटटी के दियो की जगह इलेक्ट्रानिक झालरों ने ले ली है वहीं देश में अब परम्परागत दीपावली के साथ ही कुम्हारों का वजूद भी विलुप्त होता नजर आ रहा है। जिले के अकबरपुर कस्बे में करीब पचास घर कुम्हारों के है और इस वक्त भले ही हर घर में मिट्टी की दियाली बनाई जा रही हो पर ये काम लोग सिर्फ दिवाली पर ही करते हैं वो भी सिर्फ कुछ मुनाफे की खातिर बाकी समय में ये लोग मजदूरी करके अपने परिवार का पेट पालने को मजबूर हैं। इनकी आर्थिक स्थिति साल दर साल बद से बदतर होती जा रही है।
कुम्हार के चाक पर घूमती गीली मिट्टी से परिवार पालने का दम रखने वाले लोगों के हाथ में ऐसा जादू होता है कि वे चाक पर नाचती इस मिटटी को कभी घड़े तो कभी सुराही तो कभी बच्चों के मिनी बैंक यानी गुल्लक तक बना देते हैं, वही दीपों के पर्व यानी दीपावली आने पर गीली मिट्टी हजारों दियालियों का रूप ले लेती है, लेकिन आधुनिकता की बड़ी मार दिनपर दिन इन कुम्हारों पर भारी पड़ती जा रही है।
परम्परागत दीपावली में इन मिटटी के दीपकों की जगह उललेखनीय होती थी, इन्हीं मिट्टी के दीपों में घी के दिए जलाने की परंपरा हमारे देश में थी, माना जाता है कि भगवान राम जब रावण का सर्वनाश कर पहली बार अयोध्या पहुचे थे तो अयोध्या वासियों ने भगवान राम का स्वागत मिट्टी की बनी दियाली में घी के दीप जलाकर किया था, तबसे आज तक हम दीपों के इस त्योहार को मनाते चले आए हैं।
पिछले दो दसकों से मिट्टी के दियों का चलन धीरे धीरे समाप्त हो गया है और मिट्टी की दियालियों की जगह घरों में इलेक्ट्रानिक झालरों ने ले ली है जिसमें चाइना से आई झालरों की कीमत सबसे कम होने के कारण लोगों का रुझान उसकी तरफ बढ़ता गया, आज हम अगर मिट्टी की दियालियों की बात करें तो महज 10 से 20 प्रतिशत मिट्टी की दियालियों का ही उपयोग दीपावली के दिन किया जाता है जिसकी वजह से भारत की इकोनामी का सीधा लाभ चाईना को मिल रहा है और इसकी सीधी मार इन कुम्हारों पर पड़ रही है, ऐसे में जहां एक ओर हम देश को आर्थिक चोट देकर चाईना को लाभ पहुचा रहे हैं वही हमारे देश के ऐसे कुम्हार जो इसी मिट्टी के चाक से परिवार पाल रहे थे वह इन दिनों भुखमरी का शिकार हो रहे हैं और दिवाली के अलावा बाकी दिनों में परिवार का पेट पालने के लिए मजदूरी कर रहे हैं।

पहले जरुरत इस बात की है कि आखिर एक तालाब की मिट्टी से दिए तक के सफर को भी आप जाने क्योकि कड़ी मेहनत के बाद एक कुम्हार की आमदनी कितनी होती है और उसके एवज में उसे मिलता क्या है। मिट्टी के इस सफर की शुरुवात होती है कुछ चुनिंदा जगहों से मिलने वाली मिट्टी से। पहले कुम्हारो को जो मिट्टी मुफ्त में मिलती थी उसके लिए उन्हें अब 12 से 15 सौ रूपये प्रति ट्राली रकम देनी होती है जिसके लिए एसडीएम की परमीशन भी जरुरी हो गई है, मिट्टी घर पहुचने के बाद उसे पीटा जाता है। बड़े ढेलों को पीटने के बाद इस मिट्टी को छन्ने से छाना जाता है ताकि मिटटी में एक भी कंकड़ न रह जाए, क्योकि एक भी कंकड़ आने पर बर्तन नहीं बनाए जा सकते, मिट्टी को छानने के बाद उसे बारीक पीस लिया जाता है जिसके बाद मिट्टी गीली होकर चाक पर आती है जहां उसे अलग अलग रूप दिया जाता है क्योकि इस समय दीपावली का पर्व नजदीक है लिहाजा इन दिनों दीपक की ओर इन कुम्हारों का ध्यान बढ़ जाता है, चाक पर मिट्टी जब दिए की शक्ल ले लेती है तो उसे गेरू में रंगने का काम किया जाता है जिससे दियालियो को लाल रंग मिल जाता है, इसके बाद इन दियालियों को पकाने के लिए ऐसी छोटी छोटी भट्टियों में रखा जाता है रात भर आंच में पकने के बाद दियालियां बाजार तक पहुचाई जाती हैं।

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रिटायर्ड दरोगा ने किया जीना हराम!

⇒ दबंग एवं सेक्स राॅकेट चलाने वाली महिला के घर दरोगा का है आना जाना
⇒ पीड़िता व उसके पति का दरोगा ने कर रखा जीना हराम, फर्जी मुकदमा लगाकर भिजवाया थाने
कानपुर, जन सामना ब्यूरो। एक रिटायर्ड दरोगा की सह पर क्षेत्र में सेक्स राकेट चलाने वाली दबंग महिला से क्षेत्र के निवासी परेशान है। दरोगा के बल पर वह कई काले धंधे करती है। इस दबंग महिला के यहां आने वाला दरोगा क्षेत्र की महिलाओं पर बुरी नजर ही नहीं रखता बल्कि आते जाते अश्लील टिप्पणी भी करता है। इसी प्रकार दबंग महिला के घर के सामने रहने वाली एक अन्य महिला से दरोगा ने अश्लील टिप्पणी कर दी, जब महिला व उसके पति ने इसका विरोध किया तो दरोगा गाली गलौज पर उतर आया और फर्जी मामले में फंसाने की धमकी दी। हालात बदतर तब और हो गये जब दरोगा इन पति-पत्नी के पीछे पड़ गया और पीड़िता के पति पर उल्टा फर्जी मुकदमा लिखवा दिया। अब पीड़ित पति-पत्नी अपनी फरियाद लेकर अधिकारियों के चक्कर लगा रहे है लेकिन उनकी कोई सुनवाई नही हो रही है।

मामला बर्रा थाना क्षेत्र का है। डी- 236 धर्मेन्द्र नगर निवासी पीड़ित पप्पू कठेरिया ने बताया कि वह अपनी पत्नी के साथ निवास करता है तथा उसके घर के सामने ही एक दबंग महिला रहती है जिसका एक रिटायर्ड दरोगा बृृजेन्द्र सिंह के साथ नाजायज सम्बन्ध है तथा यह महिला क्षेत्र में जरायम पेशे के साथ सेक्स राकेट चलाती है जहां कई युवक और युवतियों का आना जाना है, जिसकी जानकारी क्षेत्र के सभी लोगों को है। लेकिन कुछ कहने से कतराते हैं। पीड़ित की पत्नी ने बताया कि जब वह घर से कहीं जा रही थी तो उक्त दरोगा ने उसपर अश्लील टिप्पणी कर दी, जिसका उसने मौके पर विरोध किया, जिसपर दरोगा ने पीड़ित महिला से गाली गलौज की। आवाज सुनकर महिला का पति भी आ गया लेकिन दरोगा ने कहा कि अब वह उन्हें जीने नहीं देगा और इतने मुकदमे लगवायेगा कि चैन हराम हो जायेगा।

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महिलाओं को व्यूटी पार्लर एवं सिलाई प्रशिक्षण सोमवार से

सासनी, हाथरसः जन सामना ब्यूरो। किशनगढी जलेसर रोड सासनी स्थित केनरा बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान में महिलाओं को सोमवार से मिलेगा महिलाओं को व्यूटी पार्लर एवं सिलाई का 30 दिवसीय निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जायेगा ।

शनिवार को यह जानकारी देते हुए संस्थान के निदेशक अजीत प्रसाद ने बताया कि इसमें महिलाओं को गुजराती, बगाली, मराठी, अरेविक, मारवाडी, दुल्हन, महाराष्ठी एवं नेल आर्ट, थे्रडिंग, वैक्स, व्लीच, मेरिक्योर, पेडीक्योर, फेशियल, दुल्हन मेकप, कटिंग, बालों में मेंहदीं आदि के विशेष गुर सिखाये जायेंगें तथा महिला टेलर में महिलाओं को सलवार सूट, पेटीकोट, गाउन, शर्ट, ब्लाउज, बेस्टर्न परिधान एवं बुटीक स्तर के जिससे कि महिलाओं को रोजगारपरक बनाया जा सकें। स्कील डव्लपमेंट के गुर एन के सेंगर द्वारा दिये जायेगे। इसके साथ प्रशिक्षार्थीयों के लिऐ नि.षुल्क भोजन, तथा प्रशिक्षण से सम्बधित सामग्री प्रदान की जायेगी।

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1700 किसानों ने पाया ऋण मोचन प्रमाण पत्र

कानपुर देहातः जन सामना ब्यूरो। रसूलाबाद तहसील प्रांगढ़ में द्वितीय चरण के फसली ऋण मोचन कार्यक्रम में विधायक निर्मला संखवार ने सहित कई जनप्रतिनिधियों ने किसान 1700 किसानों को 11 करोड़ 42 लाख 23 हजार 702 रूपये का ऋण मोचन प्रमाण पत्र देकर किसानों के चेहरों पर खुशहाली लायी। विधायक निर्मला संखवार ने कहा कि लद्यु एवं सीमान्त किसानों की सबका साथ सबका विकास हित वाली सरकार द्वारा विधानसभा चुनाव से पहले जो वादे जो संकल्प किये थे उसे सरकार पूरा कर रही है। वर्तमान सरकार में खासतौर से किसानों, गरीबों के चहरों पर खुशी है उक्त बात विधायक निर्मला संखार ने ऋण मोचन के प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम के दौरान कही। तहसील रसूलाबाद में आयोजित हुये कृषक ऋण मोचन कार्यक्रम में किसानों को ऋण प्रमाण पत्र वितरित करते मुख्य अतिथि विधायक निर्मला संखवार ने कृषकों को प्रमाण पत्र बांटे। इस दौरान उन्होंने पं0 दीनदयाल उपाध्याय की जीवन शैली पर प्रकाश डाला।

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बंधक बनाकर बदमाशों ने बरपाया कहर

-पहले मधुमक्खी पालन कर्ताओं को और फिर घर में घुसकर बनाया बंधक
-सोने चांदी के जेवरात सहित लूटी नगदी
सासनी, हाथरसः नीरज चक्रपाणि। बीती रात पुलिस वर्दी धारी नकाबपोश बदमाशों ने रेलवे स्टेशन के निकट पहले तो मधुमक्खी पालन करने वालों को और फिर निकट के घर में सो रहे लेागों को बंधक बनाकर कहर बरपाया। बदमाशों ने जेवरात के साथ नगदी भी लूट ली। शोर मचाने और पुलिस के आने के बाद बदमाश भाग गये।
रेलवे स्टेशन के निकट नवादा जिला कटिहार के रहने वाले प्रदीप पुत्र भोलानाथ, कृष्णा और रिंकू मधुमक्खी पालन का काम कर रहे है। इसी से वह अपनी जीविका चला रहे है। शुक्रवार की देर रात आधा दर्जन से अधिक की संख्या में आए पुलिस वर्दीधारी नकाबपोश बदमाशों ने इन लोगों पर सोते वक्त हमला बोलकर बंधक बना लिया और इनसे बीस हजार रूपये लूट लिए। इसके बाद बदमाश मधुमक्खी पालन के निकट बने घर में घुस गये और वहां सो रहे जयपाल पुत्र चोबसिंह व उसी पत्नी सरोज देवी को दबोच लिया और बंधक बनाकर जयपाल की कपनटी पर तमंचा रख दिया। विरोध करने परबदमाशों ने मारपीट करते हुए दंपत्ति से एक चेन सोने की, कंडल, तथा चांदी की पायजेब और पैरों की अंगुलियों में पहने वाले बिछुए भी उतरवाकर ले गये।

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प्रतियोगिताओं में बच्चों ने दिखाई प्रतिभा

सासनी, जन सामना ब्यूरो। विजयगढ रोड पर स्थित यूनियन पब्लिक स्कूल में ग्रीटिगं कार्ड दीपसज्जा तथा रंगोली सजाओ मेंकिग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में कक्षा 6 से 12 तक के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।
प्रतियोगिता का शुभारंभ मां सरस्वती के छविचित्र के सामने दीप जलाकर एवं माल्यापर्णकर किया। कार्यक्र के बारे में जानकारी देते हुए स्कूल के प्रबन्धक एनपी सिंह ने कहा कि प्रतियोगिताओं के माध्यम से बच्चों की प्रतिभा मंे निखार आता है प्रतियोगिताओं में विजयी होता हुआ प्रतियोगी अपने माता पिता और गुरूजनों के साथ अपने देश और समाज का नाम ऊंचा करता है। इसलिए विद्यालयों में या सामाजिक संस्थाओं द्वारा प्रतियोगिताओं का आयोजन करना अति आवश्यक है। प्रतियोगिताओं में कु. यशी वाष्र्णेय, कु. नन्दनी, रिषभ, विधु चन्देल, सौभ्या मिश्रा, रिया ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
दीपसज्जा प्रतियोगिता में कक्षा तीन से कक्षा 6 तक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया जिसमें कक्षा 3 के शगुन, कुनाल, झलक ने प्रथम तथा द्वितीय एंव तृतीय स्थान प्राप्त किया। कक्षा 4 के तनवी नितिन, ने प्रथम द्वितीय एंव तृतीय स्थान प्राप्त किया। कक्षा 5 के युगदेव अर्जुन जादौन जतिन सेंगर ने प्रथम द्वितीय तृतीय स्थान प्राप्त किया। कक्षा 6 के महिका, वैष्णवी जादौन, काकुल वाष्र्णेय ने प्रथम द्वितीय एंव तृतीय स्थान प्राप्त किया। कक्षा 7 के शीतल , लक्ष्मी एंव रोशन नंे प्रथम द्वितीय एंव तृतीय स्थान प्राप्त किया। कक्षा 8 के प्रशंसा , मनीशा एंव सौभ्या, प्रथम स्थान प्राप्त किया। तथा छात्र-छात्राओ को पुरस्कृतकर उनका उत्साहवर्द्धन किया।

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रामेश्वर या कल्पना को चुनाव लड़ाने की मांग

हाथरस, जन सामना ब्यूरो। नगर पालिका का पद शासन से अनारक्षित हो जाने के बाद पालिकाध्यक्ष का चुनाव लडने के लिये दावेदारों की जहां भारी भीड उमड पडी है और सबसे ज्यादा दावेदार भाजपा से दिख रहे हैं वहीं आमजनों की आवाज पूर्व ऊर्जा मंत्री अनुज एवं पूर्व ब्लाक प्रमुख रामेश्वर उपाध्याय व जिला पंचायत सदस्य कल्पना उपाध्याय को लडाये जाने की उठ रही है और यह मांग आज कल भारी मतों से उठने की संभावना है।
नगर पालिका अध्यक्ष पद पर पूर्व ब्लाक प्रमुख रामेश्वर उपाध्याय या जिला पंचायत सदस्य श्रीमती कल्पना उपाध्याय को चुनाव मैदान में उतारे जाने की मांग को लेकर आज एक बैठक रामनगर कालौनी में प्रमुख शिक्षाविद् एवं महात्मा गांधी इण्टर कालेज के प्रबंधक श्री वी.एस. ग्रोवर की अध्यक्षता में सुरेश ग्रोवर के आवास पर आयोजित हुई।
बैठक में एक सूत्रीय यह प्रस्ताव पास किया गया कि जब से श्री रामवीर उपाध्याय का परिवार हाथरस नगर की सेवा में है तभी से हाथरस की तरक्की होना चालू हुआ है। शहर की तमाम सडकें व गलियां जिनका निर्माण नगर पालिका को कराना था उन सभी सडकों का निर्माण रामवीर उपाध्याय ने बसपा शासन में सरकार से विशेष फण्ड लाकर करवाया था। 24 घण्टे बिजली उन्होंने दिलवायी थी। पिछले 6 सालों से जबकि सांसद, विधायक की सीट आरक्षित हो गई तब भी उनके अनुज रामेश्वर उपाध्याय ने शहर में रहकर बिना भेदभाव के शहर की सेवा की है और सभी के दुख सुख में शामिल होते हैं।

बैठक में यह भी निर्णय किया गया कि शीघ्र शहर के प्रमुख लोग समय लेकर पूर्व ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय से मिलेंगे और मांग करेंगे कि नगर पालिका के अध्यक्ष का चुनाव रामेश्वर उपाध्याय को लडवाया जाये जिससे शहर का रूका विकास शुरू हो सके।

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