Thursday, November 28, 2024
Breaking News

प्रधान संगठन ने थानाध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई की मांग की

फिरोजाबाद। अखिल भारतीय प्रधान संगठन ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर पूर्व प्रधान के साथ अभद्रता एवं अपमानित करने वाले थानाध्यक्ष के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग है। अन्यथा संगठन आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा।
अखिल भारतीय प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष रामनिवास यादव ने कहा कि विगत दिनों थानाध्यक्ष लाइनपार द्वारा पूर्व प्रधान कुरी कूपा प्रेमचंद को थाने में बुलवाकर उनके साथ अभद्रता कर अपमानित करने का काम किया गया। जो निंदनीय होने के साथ-साथ कानून अपराध भी है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधान द्वारा यदि जुआ होने की शिकायत की भी गई है, तो इसमें गलत क्या है, क्योंकि कि जुआ समस्त अपराधों की जननी है। जीतने वाले शराब पीकर उत्पाद मचाते हैं और सरेआम कानून की धज्जियां उड़ाते हैं। और हारने वाले चोरी, लूट आदि अपराधिक कृत्य करते हैं।

Read More »

रामलीला मेला कमेटी संयोजक बने रामनरेश कटारा व रामबरात के अमित गुप्ता

फिरोजाबाद। जिलाधिकारी डॉ उज्जवल कुमार ने रामलीला का संकुशल सम्पादन हेतु तदर्थ प्रशासनिक श्री सनातन धर्म रामलीला महोत्सव समिति का गठन किया है। जिसमें रामनरेश कटारा को मेल कमेटी का संयोजक बनाया हैं। वहीं रामबारात का संयोजक अमित गुप्ता व सहसंयोजक लकी गर्ग को बनाया है। इसी के साथ उमाकांत पचौरी, नरेन्द्र शर्मा, दीपक गुप्ता, शैलेन्द्र गुप्ता को मेला कमेटी का सदस्य, श्रंगार कमेटी में नीरज चतुर्वेदी को संयोजक, डॉ उपेन्द्र शर्मा, विभाषु चतुर्वेदी को सदस्य, लीला कमेटी का संयोजक विनोक कुमार मम्मा, गुडडू मिश्रा व शिवम मिश्रा को सदस्य, व्यवस्था कमेटी में कन्हैयालाल गुप्ता को संयोजक, सुनील वशिष्ठ, पुष्पेन्द्र पाल सिंह, सुरेन्द्र सिंह राठौर को सदस्य के अलावा अन्य लोगों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

Read More »

पंचायत भवन निर्माण के औचक निरीक्षण में मिली भारी अनियमितता

बागपत। उत्तर प्रदेश में बागपत के रटौल नगर पंचायत कार्यालय के निर्माणाधीन भवन का शनिवार को जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उनको निर्माण में भारी अनियमितता मिली, जिस पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताते हुए अवर अभियंता के खिलाफ कार्यवाही की संस्तुति विभागीय अधिकारियों से की है।
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि जनपद में खेकड़ा क्षेत्र के कस्बा रटौल में नगर पंचायत भवन का निर्माण 147.86 लाख रुपये की लागत से कार्यदाई संस्था सीएडडीएस यूनिट मेरठ द्वारा किया जा रहा है। यह निर्माण कार्य 5 जनवरी 2022 से प्रारंभ हुआ था और जुलाई 2023 तक संपूर्ण होना था। उन्होंने बताया, कार्य भी समय से संपूर्ण नही हुआ और निर्माण की गुणवत्ता भी अत्यधिक खराब है। उन्होंने बताया कि भवन में छत पर जाने वाला जीने का दरवाजा लकड़ी का लगाया गया था जो बहुत ही कमजोर प्रदर्शित हो रहा था। दरवाजे में हैंडल भी बहुत ही हल्के तरीके के लगाए गए हैं। भवन से उतरने वाले बारिश के पानी के लिए बिना सोचे समझे पाइप लगाया गया है जो काफी अव्यवस्थित तरीके से प्रदर्शित हो रहा है। जिलाधिकारी ने कार्य दाई संस्था को सुधार करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि घटिया निर्माण कार्य का आंकलन लोक निर्माण विभाग द्वारा कराया जाएगा।

Read More »

चण्डीगढ़ में पुरस्कृत होंगे अरूण नैथानी

नई दिल्ली। वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार अरुण नैथानी को साहित्यिक संस्था ‘आधारशिला साहित्यम’ द्वारा आयोजित कहानी प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार के लिए चुना गया है। उन्हें यह पुरस्कार उनकी कहानी ‘शेरू लौट आया’ के लिए दिया जाएगा। पुरस्कार स्वरूप उन्हें 3100 रुपये नकद, स्मृति चिन्ह, अंगवस्त्र तथा प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। आधारशिला साहित्यिक संस्था की अध्यक्ष डा. अनिता ‘सुरभि’ ने बताया कि ये पुरस्कार संस्था की ओर से विशेष रूप से आयोजित एक कार्यक्रम में प्रदान किए जाएंगे। पुरस्कार वितरण समारोह 21 अक्तूबर को प्रातः 11 बजे पंजाब कला भवन, चंडीगढ़ में होगा और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हरियाणा साहित्य अकादमी के निदेशक चंद्र त्रिखा होंगे। इस कहानी प्रतियोगिता में देशभर से अनेक कहानीकारों ने अपनी कहानी भेजी थी, जिनमें से द्वितीय पुरस्कार के लिए दिल्ली की अपूर्वा चौमाल, तृतीय पुरस्कार के लिए बीकानेर के इंद्रजीत कौशिक तथा सांत्वना पुरस्कारों के लिए करणीनगर, बीकानेर की आशा शर्मा तथा चंडीगढ़ की मनजीत शर्मा का चयन किया गया है। कहानी प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में साहित्यकार सुधीर बवेजा, श्रीमती लीना दरियाल ‘सत्यम’, श्रीमती मुक्तावली बवेजा तथा श्रीमती चंचल शामिल रहे।

Read More »

महिला आरक्षण बिल क्यों जरूरी ?

महिला आरक्षण विधेयक पर यूं तो 45 साल पहले 1974 में सवाल उठ चुका था और महिला आरक्षण बिल पहली बार 1996 में देवगौड़ा सरकार ने 81वें संविधान संशोधन विधेयक के रूप में संसद में पेश किया था और उसके बाद कम से काम 10 बार यह बिल पेश किया गया लेकिन आपसी सहमति न होने के कारण और महिलाओं को आरक्षण की जरूरत ही क्या है ? इस विचार के मद्देनजर इस बिल को मान्यता नहीं मिली। यहां तक कि इस बिल को लेकर मारपीट तक की नौबत आ गई थी। शरद यादव यहां तक कह चुके थे कि, ‘इस बिल से परकटी महिलाओं को ही फायदा होगा।’
2010 में जब राज्यसभा में यह बिल पास हुआ तो करण थापर ने एक प्राइम टाइम बहस में कहा कि, ‘महिलाओं को सशक्त बनाना तो ठीक है लेकिन इसके लिए आरक्षण की जरूरत क्या है?’ इन सब बातों के बीच में एक सवाल मेरे मन में भी आया कि महिलाओं को आरक्षण की जरूरत क्या है? जब हम बराबरी की बात करते हैं तो महिलाओं को आरक्षण क्यों चाहिए? जब इतना माद्दा है कि आप अपने आपको काबिल साबित कर सकती हैं तो आरक्षण क्यों? और यूं भी आरक्षण द्वारा चुनकर आई हुई महिलाएं सिर्फ राजनीतिक मोहरा भर होती है। हमारे विविधता वाले देश में जात-पात का मुद्दा बहुत बड़ा है जिसे राजनेताओं ने अपने राजनीतिक हित के लिए उत्थान के नाम पर ‘आरक्षण’ की बैसाखी थमा रखी है। जब तक आरक्षण रहेगा तब तक जाति रहेगी,जब तक जाति रहेगी तब तक कुछ लोगों की राजनीति रहेगी और जब तक उनकी राजनीति रहेगी तब तक आरक्षण रहेगा।

Read More »

डॉक्टर गरिमा गुप्ता को किया गया सम्मानित

कानपुर नगर। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में कार्यरत सह आचार्य डॉक्टर गरिमा गुप्ता को उच्चतम शोध कार्य के लिए प्रतिष्ठित फेडरेशन ऑफ ऑबस एंड गायनी समिति (FOGSI) दवारा राष्ट्रीय पुरस्कारFOGSI MOVICOL AWARD 2023  से सम्मानित किया गया।बताया गया है कि थ्व्ळैप् द्वारा डॉ0 गरिमा गुप्ता का शोध कार्य सबसे अच्छा घोषित किया गया। इसमें देश के विभिन्न प्रदेशों के शोध कार्य भेजे गये थे। मेडिकल कालेज, कानपुर की डॉ0 गरिमा गुप्ता सह आचार्य, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में JIPMER Pondicherry को हराकर यह पुरस्कार जीता है। शोध में मातृगर्भावस्था में पेस्टिसाइड्स के प्रभाव पर विस्तार से अध्ययन किया गया है और इसमें महत्त्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की गई है। यह शोध उन गर्भवती महिलाओं पर ध्यान देने का प्रयास करता है जिन्हें कृषि उत्पादों से संपर्क हो सकता है और इसके परिणामस्वरूप उनकी स्वास्थ्य पर कैसे प्रभाव पड़ सकता है। इस शोध की मुख्य शोधकर्ता डॉ गरिमा गुप्ता ने पाया कि रक्त में कीटनाशक का स्तर अधिक होने से गर्भवती महिलाओं में प्रीकल्पशिया और इक्लैपशिया ( गर्भवती में बीपी का बहुत अधिक बढ़ना) की समस्या अधिक रूप से देखी जाती है। यह भी पाया गया है कि कीटनाशक का अनुवांशिक स्तर पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है। इस शोध के अन्य शोधकर्ता आचार्य रेनू गुप्ता एवं सह आचार्य डॉ पाविका लाल एवं जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर आनंद भी है।

Read More »

कांग्रेस ने पत्रकारों के यहां छापेमारी के विरोध में सौंपा ज्ञापन

हाथरस। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय राय के निर्देश पर जिलाध्यक्ष चंद्रगुप्त विक्रमादित्य एवं शहर अध्यक्ष विनोद कुमार कर्दम के नेतृत्व में महामहिम राष्ट्रपति महोदय के नाम संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से ओ.सी.कलेक्ट्रेट को सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि देश भर में न्यूज एजेंसियों तथा पत्रकारों के विरुद्ध केंद्र सरकार के इशारे पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा न्यूज क्लिक के संस्थापक और प्रधान संस्थापक एवं अन्य पत्रकार साथियों के घरों पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा छापेमारी की गई। छापेमारी के दौरान कुछ पत्रकारों के मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक सामान जब्त कर लिए गए तथा तोड़फोड़ की गई। साथ ही कुछ पत्रकार साथियों की गिरफ्तारी की गई। केंद्र सरकार द्वारा अलोकतांत्रिक कार्यवाहियों के विरोध में ज्ञापन दिया गया।
जिलाध्यक्ष चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने कहा कि इस तरह की कार्यवाही किसी भी स्थिति में स्वस्थ लोकतान्त्रिक परम्पराओं के विरुद्ध है।यह प्रेस की आजादी पर हमला है। प्रेस मीडिया को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में देखा जाता है, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के माध्यम से कराया जा रहा यह कृत्य स्पष्ट तौर पर लोकतंत्र को कमजोर करने का षडयंत्र है।

Read More »

तहसील परिसर में अधिवक्ता व लेखपाल के बीच जमकर मारपीट

रामकृष्ण अग्रवालः खागा/फ़तेहपुर। गुरुवार दोपहर तहसील परिसर स्थित किशनपुर सर्किल जंग का मैदान बन गया। जहां किसी मुवक्किल की फाइल में रिपोर्ट लगाने को लेकर उपजे विवाद के बीच वकीलों व लेखपाल के बीच जमकर हांथापाई हुई। दोनों ने एक दूसरे को पूरे तहसील परिसर में लात जूतों से दौड़ा दौड़ाकर पीटा।
जानकारी के अनुसार गुरुवार दोपहर किशनपुर सर्किल के लेखपाल विपिन यादव अपने सर्किल चेम्बर में बैठे सरकारी काम काज निबटा रहे थे। तभी अधिवक्ता अरविंद पाण्डेय ने उनसे जरिये फोन किसी मुवक्किल की फाइल में रिपोर्ट लगाने के लिए कहा। लेखपाल ने वकील की फाइल में लगे कुछ दस्तावेजों को गलत बता रिपोर्ट लगाने से इंकार कर दिया। जिस पर अधिवक्ता अरविंद पाण्डेय आक्रोशित हो गया। जिसने लेखपाल से फोन पर अभद्रता करते हुए देख लेने की धमकी दी। प्रतिउत्तर में लेखपाल ने भी अधिवक्ता के साथ गालीगलौज करते हुए देख लेने की धमकी दे डाली। जिसकी जानकारी अधविक्ता ने अपने अन्य साथियों देते हुए अपने लगभग आधा दर्जन अन्य अधविक्ता साथियो के साथ लेखपाल के सर्किल चेम्बर में पहुंच गया। जिसने लेखपाल के साथ अभद्रता शुरू कर दिया। जब लेखपाल ने इसका विरोध किया तो अधविक्ताओं ने लेखपाल को चेम्बर से घसीट कर पीटना शुरू कर दिया। हालांकि प्रतिउत्तर में लेखपाल विपिन ने भी अधिवक्ताओं को लात जूतों से पीटना शुरू कर दिया लेकिन अकेले होने की वजह से लेखपाल विपिन को घेरकर अधिवक्ताओं ने पीटना शुरू कर दिया। जिन्होंने बीच बचाव करने आये तहसील के अन्य कर्मियों को भी पीट दिया।

Read More »

गुमनाम नायकः पत्रकार और उनके परिवार !

पत्रकारिता एक महान पेशा है जो कहानियों को आकार देने, सच्चाई को उजागर करने और परिवर्तन को प्रज्वलित करने की शक्ति रखता है। जबकि पत्रकार केंद्र में हैं, हम अक्सर उनकी कलम और कैमरे के पीछे के गुमनाम नायकों- उनके परिवारों- को नज़रअंदाज कर देते हैं। इस लेख का उद्देश्य पत्रकारों के सामने आने वाली अनोखी चुनौतियों और उनके परिवारों द्वारा प्रदान किए गए अटूट समर्थन पर प्रकाश डालना है।
अनिश्चितता के बीच डटे रहना: पत्रकार अनिश्चितताओं से भरे करियर को अपनाते हैं। अनियमित कामकाजी घंटों से लेकर अप्रत्याशित कार्यों तक, उनके परिवार उनके जीवन की बदलती लय के अनुरूप ढलकर ताकत के स्तंभ बन जाते हैं। वे लंबे समय तक खड़े रहते हैं और निरंतर गति के बावजूद स्थिरता प्रदान करते हैं।
जिम्मेदारी का भार: पत्रकार अपने कंधों पर सच्चाई का भार रखते हैं, क्योंकि वे भ्रष्टाचार को उजागर करने, बेजुबानों को आवाज देने और सत्ता में बैठे लोगों को जवाबदेह ठहराने का प्रयास करते हैं। उनके परिवार उनके मिशन के महत्व और उसके साथ आने वाले बलिदानों को समझते हैं, अटूट समर्थन और समझ प्रदान करते हैं।
अनदेखे जोखिमों के साथ रहनाः संघर्ष क्षेत्रों में रिपोर्टिंग करना, खतरनाक विषयों की जांच करना और शक्तिशाली संस्थाओं का सामना करना पत्रकारों को अंतर्निहित जोखिमों का सामना करना पड़ता है। पत्रकारों के परिवार अपने प्रियजनों की सुरक्षा के लिए निरंतर चिंता और चिंता में रहते हैं, सच्चाई की अग्रिम पंक्ति से उनकी सुरक्षित वापसी के लिए प्रार्थना करते हैं।
अशांत समय में भावनात्मक समर्थन: पत्रकार अक्सर मानवीय पीड़ा, त्रासदी और आघात के गवाह होते हैं। इससे होने वाला भावनात्मक प्रभाव बहुत अधिक हो सकता है। ऐसे समय में, उनके परिवार एक सुरक्षित आश्रय प्रदान करते हैं – एक सुनने वाला कान, सहारा लेने के लिए एक कंधा और आराम का एक स्रोत। तूफान के बीच उनका अटूट समर्थन जीवन रेखा बन जाता है।
काम और पारिवारिक जीवन में संतुलन: पत्रकारिता की मांगलिक प्रकृति काम और पारिवारिक जीवन के बीच संतुलन को बिगाड़ सकती है। अनियमित कार्यक्रम, छूटे हुए पारिवारिक कार्यक्रम और समय-सीमा और गुणवत्तापूर्ण समय के बीच निरंतर बाजीगरी रिश्तों में तनाव पैदा कर सकती है। फिर भी, उनके परिवार समझदार बने हुए हैं और पेशे की अनूठी मांगों को अपना रहे हैं।
व्यावसायिक कलंक का सामना करनाः पत्रकारों को अक्सर अपने काम के लिए आलोचना, धमकियों और सामाजिक कलंक का सामना करना पड़ता है। इन चुनौतियों का सामना करने में, उनके परिवार उनके अभयारण्य बन जाते हैं, उन्हें आश्वासन देते हैं और उनके मिशन के महत्व की याद दिलाते हैं। अपने प्रियजनों के काम में उनका दृढ़ विश्वास प्रेरणा का स्रोत है।

Read More »

संचारी रोगों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए स्वच्छता पर ध्यान दें प्रधानः सीडीओ

रायबरेली। मुख्य विकास अधिकारी पूजा यादव ने ग्राम प्रधानों से अपील की है कि संचारी रोगों तथा दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण तथा त्वरित एवं सही उपचार के दृष्टिगत पूर्व के वर्षों की भांति इस वर्ष भी 03 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2023 तक एवं दस्तक अभियान 10 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2023 तक व्यापक अभियान चलाया जाये। अभियान के दौरान प्रधान अपनी ग्राम पंचायत में नोडल होगें और उनका दायित्व होगा कि जनसम्पर्क तथा जनजागरण के दौरान ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम निगरानी समितियों के माध्यम से दिमागी बुखार एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों तथा जल जनित रोगों के विषय में निरंतर जागरूकता स्थापित रखना है तथा ग्राम स्तर पर साफ-सफाई, हाथ धोना, शौचालय की साफ-सफाई तथा घर से जल निकास हेतु जन-जागरण के लिए प्रचार-प्रसार किया जाये।
मुख्य विकास अधिकारी ने अपील में कहा है कि वेक्टर कन्ट्रोल के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा फण्ड से एनटी लार्वा छिड़काव की व्यवस्था, स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध करायी गयी हाई रिक्स क्षेत्रों की सूची में उल्लिखित स्थानों पर सघन वेक्टर नियन्त्रण एवं संवेदीकरण गतिविधियां सम्पादित कराये। जलाशयों एवं नालियों की नियमित सफाई कराये।

Read More »