रामकृष्ण अग्रवालः खागा/फ़तेहपुर। गुरुवार दोपहर तहसील परिसर स्थित किशनपुर सर्किल जंग का मैदान बन गया। जहां किसी मुवक्किल की फाइल में रिपोर्ट लगाने को लेकर उपजे विवाद के बीच वकीलों व लेखपाल के बीच जमकर हांथापाई हुई। दोनों ने एक दूसरे को पूरे तहसील परिसर में लात जूतों से दौड़ा दौड़ाकर पीटा।
जानकारी के अनुसार गुरुवार दोपहर किशनपुर सर्किल के लेखपाल विपिन यादव अपने सर्किल चेम्बर में बैठे सरकारी काम काज निबटा रहे थे। तभी अधिवक्ता अरविंद पाण्डेय ने उनसे जरिये फोन किसी मुवक्किल की फाइल में रिपोर्ट लगाने के लिए कहा। लेखपाल ने वकील की फाइल में लगे कुछ दस्तावेजों को गलत बता रिपोर्ट लगाने से इंकार कर दिया। जिस पर अधिवक्ता अरविंद पाण्डेय आक्रोशित हो गया। जिसने लेखपाल से फोन पर अभद्रता करते हुए देख लेने की धमकी दी। प्रतिउत्तर में लेखपाल ने भी अधिवक्ता के साथ गालीगलौज करते हुए देख लेने की धमकी दे डाली। जिसकी जानकारी अधविक्ता ने अपने अन्य साथियों देते हुए अपने लगभग आधा दर्जन अन्य अधविक्ता साथियो के साथ लेखपाल के सर्किल चेम्बर में पहुंच गया। जिसने लेखपाल के साथ अभद्रता शुरू कर दिया। जब लेखपाल ने इसका विरोध किया तो अधविक्ताओं ने लेखपाल को चेम्बर से घसीट कर पीटना शुरू कर दिया। हालांकि प्रतिउत्तर में लेखपाल विपिन ने भी अधिवक्ताओं को लात जूतों से पीटना शुरू कर दिया लेकिन अकेले होने की वजह से लेखपाल विपिन को घेरकर अधिवक्ताओं ने पीटना शुरू कर दिया। जिन्होंने बीच बचाव करने आये तहसील के अन्य कर्मियों को भी पीट दिया। शोर शराबा सुनकर अपने अपने कक्षों से एसडीएम नन्द कुमार मौर्य व तहसीलदार रविशंकर यादव निकल आये। जिन्होंने बीच बचाव करते हुए दोनों पक्षो को समझा बुझा मामला शांत करवा दिया। एसडीएम व तहसील के हस्तक्षेप से मामला शांत होते ही मौके की नजाकत व आक्रोशित लेखपालों के तेवरों को देखकर आरोपित अधिवक्ता अपने साथियों संग मौके से फरार हो गया।
बकौल लेखपाल संघ महामंत्री इस दौरान लेखपाल विपिन गम्भीर रूप से घायल हो गये।
तहसील अधिकारियों की दी गई सूचना पर कोतवाली प्रभारी तेज प्रताप सिंह मौके पर पुलिस फोर्स के साथ पहुँचे। जिन्होंने घायल लेखपाल को आनन फानन इलाज के लिए निजी साधन की सहायता से इलाज के लिए हरदो सीएच सी भेजवाया। घायल लेखपाल की चिंताजनक हालत को देखकर डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल के लिए रिफर कर दिया।
समाचार लिखे जाने तक आरोपित लेखपाल की हालत लगातार चिंता जनक बनी रही।
लेखपाल व अधिवक्ताओं के बीच उत्तपन्न विवाद की असली वजह समाचार लिखे जाने तक स्प्ष्ट नहीं हो पाई। न ही आरोपित अन्य अधिवक्ताओं के नाम स्प्ष्ट हो सके। जबकि आरोपित अधविक्ताओ ने घायल लेखपाल पर उनके मुवक्किल की फाइल में रिपोर्ट लगाने के एवज में एकमुश्त मोटी पेशगी रकम मांगे जाने व मुवक्किल की गरीबी व लाचारी का हवाला देते हुए रकम अदायगी कराने में असमर्थता जताए जाने पर फाइल में गलत रिपोर्ट लगाए जाने की घुड़की देते हुए अभद्रता व कानूनी ज्ञान कराये जाने की घुड़की देने का संगीन आरोप लगाया है।
पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। जिसने जांच के पहले कुछ भी बोलने से साफ इंकार किया है।
मामले के बावत कोतवाली प्रभारी तेज प्रताप सिंह ने कहा कि विवाद की कोई वजह स्प्ष्ट नहीं हो पाई है। मामले की जांच की जा रही है। दोनों पक्षो से अभी तक किसी प्रकार की कोई तहरीर नहीं दी गई है। जांच रिपोर्ट व तहरीर के आधार पर अग्रिम विधिक कार्यवाही की जाएगी।
इस सम्बंध में जब उपजिलाधिकारी नन्द कुमार मौर्य व तहसीलदार रविशंकर यादव से बात करने का प्रयास किया गया तो दोनों ही जिम्मेदार अधिकारियों के सेलफोन रिसीव न होने की वजह से उनसे बात नहीं हो सकी।
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