उरी में सैनिकों के शिविर पर किए गए आंतकी हमले के दौरान शहीद हुए जवानों के परिवारों में जहां शोक की लहर है तो देशभर आम जन के बीच आक्रोश देखा जा रहा है। सामाजिक संगठनों के साथ चाहे आम हो या खास सभी पाक की इस कायराना हरकत का विरोध करते हुए पाक का पुतला फूंक कर अपने अपने स्तर से पाक के प्रति नाराजगी जाहिर कर रहे हैं तो देश के सभी राजनैनिक दलों ने भी इस हमले के प्रति पाक को करारा जवाब देने की राय व्यक्त की है। वहीं सोशल मीडिया पर अगर नजर डाली जाए तो चाहे आम हो या खास सभी ने एक ही स्वर में हां की है कि अब पाक को करारा जवाब ही दिया जाये न कि शोक संवेदना व्यक्त कर इतिश्री कर ली जाए। केन्द्र सरकार से देश के युवाओं ने यही कहा कि अब बहुत हो चुका है, आए दिन हमारे देश के जांबाज आये दिन शहीद हो रहे हैं और हम संवेदना देते रहते हैं। अब संवेदनाओं की बात नहीं बल्कि ठोस कार्रवाई करने का वक्त है। हालांकि केन्द्र सरकार ने पाक को अन्तराष्ट्रीय स्तर पर अलग थलग करने की बात कही है लेकिन देश के लोग अब इसे सही नहीं मानते उनका मानना है कि यह तो दशकों से कहा जा रहा है और नतीजा शून्य ही है। करारा जवाब देने की बात तो सभी सरकारें करती चली आई लेकिन वास्तविकता यही है कि पाक को करारा जवाब नहीं दिया गया। अगर भारत सरकार वास्तव में पाक को करारा जवाब देती तो शायद यह दिन देश को नहीं देखने पड़ते।
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