कार्यपालिका व न्यायपालिका द्वारा कानूनों का सम्मान व क्रियान्वयन जरूरी – संविधान के अनुच्छेद 44 में यूसीसी लागू करने का उल्लेख – एड किशन भावनानी
अभी हाल ही में जिस प्रकार से आए कार्यपालिका व न्यायपालिका क्षेत्र के निर्देश व आदेशों का अगर हम अध्ययन करें, तो हम यह महसूस करेंगे कि अब वह उचित समय आ गया है कि, भारत में समान नागरिक संहिता लागू करना जरूरी हो गया है, जिसका उल्लेख भारत संविधान में पहले से ही है। भारतीय संविधान अनुच्छेद 44 राज्य नीति के निर्देशकों तथा सिद्धांतों को परिभाषित करता है इसमें समान नागरिक संहिता (UCC) शामिल है। अनुच्छेद 44 में यह उल्लेख किया गया है कि नागरिकों के लिए देश के पूरे क्षेत्र में एक समान अधिकार हो तथा समान नागरिक संहिता की रक्षा करना राज्य का प्रमुख कर्तव्य है। अभी हाल ही में न्यायपालिकाओं के जिस प्रकार जजमेंट आए हैं उसमें तो यह प्रतीत होता ही है।
लेख/विचार
चीन का नकली चंद्रमा मुश्किलें खड़ी करेगा
चीन को कभी भी हल्के मेें लेने की जरूरत नहीं है। चीन दीवार के उस पार क्या करता है, इसका दुनिया को तब पता चलता है, जब विश्व सुखद अथवा दुःखद आश्चर्य को पाता है। चीन वायरस पैदा कर सकता है। मौसम का रुख बदल सकता है। पड़ोसी देशों में पानी की प्रचंड बाढ़ ला सकता है और अकाल भी डाल सकता है। चीन अपने दुश्मन देशों के साथ मौसम का युद्ध लड़ने के लिए अपनी वैज्ञानिक सुदृढ़ता हासिल कर रहा है।
बाकी एक जमाना था, जब रूस ने स्पुतनिक नाम का उपग्रह बना कर अमेरिका सहित पूरी दुनिया को स्तब्ध कर दिया था। उसके बाद तो अमेरिका मैदान में आ गया था। अमेरिका ने अपोलो अंतरिक्ष यान छोंड़ कर मानव को चंद्रमा पर पहुंचा कर दुनिया को दंग कर दिया। उसके बाद मंगल पर चढ़ाई की प्रतियोगिता शुरू हुई। चीन ने ओलम्पिक खेल के समय शहर में बरसात न हो, इसके लिए बादलोें को दूसरे स्थान पर खींच ले जाने की टेक्नोलाॅजी ला कर विश्व को स्तब्ध कर दिया था।
पहला वैलेंटाइन डे
कमल से मेरी मुलाकात मेरी सहेली निशी के घर पर हुई थी। कमल निशी का कजिन था और वह उसके घर कुछ दिन घूमने के लिए आया हुआ था। आज हमे मिले हुए एक साल होने को आया लेकिन लगता है कि जैसे कल की ही बात है। मैं हमेशा की तरह निशी निशी चिल्लाते हुए उसके कमरे में घुसी ही थी कि निशी के कमरे में एक अनजान व्यक्ति को देखकर मैं एकदम चुप हो गई। अब वो व्यक्ति और मैं एक दूसरे को देख रहे थे कि तभी निशी आ गई। “अरे नंदिता तुम कब आई?” मैं कुछ बोली नहीं बस आंखों से उस अनजान व्यक्ति की ओर इशारा कर दिया। निशी बोली, “अरे, इनसे मिलो यह मेरे कजिन कमल हैं।” हम दोनों का परिचय हुआ। कमल ने मुस्कुराते हुए मुझे “हेलो” कहा और कमरे के बाहर चला गया।
Read More »किसानों का महत्व
हम सभी जानते है की हमारे जीवन में भाेजन का क्या महत्व है काेई भी व्यक्ति एैसा नहीं है जो बिना भोजन के रह सकता हाे पर क्या आप कभी ये साेचे है की ये भाेजन बनाने के लिए अनाज आता कहा से है और कैसे उगाया जाता है? ये सब हमारे किसान जवान की देन है जाे दिन रात एक कर के अनाज उगाते है। समाज तक पहुँचाते है चाहे धूप हाे या बारिश या फिर सर्दी की ठंड रात हाे पर वाे लगे रहते हैं। दिनाे रात एक कर के ताकि सभी तक अनाज पहुँचे और काेइ भूखा न साेय और सब जन अपना जीवन खुशी से व्यतित करे पर बदले में उनकाे मिलता क्या है? क्या आपने कभी जमीनी ताैर से साेचा है की किसान आत्महत्या क्याे कर रहा है मेरे ख्याल से “नहीं ” और अगर गलती से हा भी ताे सिर्फ दाे चार दिन के लिए वाे भी कुछ समाचार पत्राे के माध्यम से अन्यथा वाे भी नहीं, आज किसान की हालत इतनी दैनिय हाे गई है की जाे सबका पेट पालता है उसे खुद का वह परिवार का पेट पालने के लिए माेहताज हाेते जा रहा है।
चमोली ग्लेशियर हादसा, वैश्विक जलवायु परिवर्तन का आकस्मिक परिणाम
चमोली जिले में विदेशिया पिघलने की घटना अचानक नहीं हुई, इसकी पृष्ठभूमि में जलवायु परिवर्तन के घटक तत्व अंतर्निहित है| इस दुर्घटना में अभी तक 26 शव बरामद हुए हैं एवं कुल 171 लोग लापता भी हैं| ऐसा क्यों होता है की उत्तरांचल में हिमस्खलन या ग्लेशियर के पिघलने की घटना पिछले कई वर्षों से होती आ रही है| हम सोचते हैं कि प्राकृतिक आपदा है| निसंदेह यह प्राकृतिक आपदा है, पर इसके पीछे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जलवायु परिवर्तन एवं इस क्षेत्र में ऊंचाई पर बनाए गए मानव निर्मित कई बड़े बांध भी इसके जिम्मेदार हैं| ग्लेशियर के फटने से ऋषि गंगा परियोजना के रूप में जाने जाने वाले तपोवन हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर डैम पूरी तरह तबाह और ध्वस्त हो गया है| सैकड़ों लोगों की गुमशुदगी के साथ वहां के निवासी मृत्यु को प्राप्त हुए हैं|
Read More »भ्रष्टाचार मुक्त भारत के लिए कार्यपालिका, न्यायपालिका सहित हर नागरिक का योगदान जरूरी – एड किशन भावनानी
संभावित दृष्टिकोण और केवल करेंसी नोटों की बरामदगी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध कायम करने के लिए पर्याप्त नहीं – सुप्रीम कोर्ट
भ्रष्टाचार एक वैश्विक महामारी है जिससे करीब-करीब हर देश पीड़ित है। बात कहीं छोटे तो कहीं बड़े पैमाने पर है, और इसे जड़ से मिटाने के लिए हर स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं।अगर हम भारत देश की बात करें तो यहां भी इस महामारी से पीड़ित हैं। यह तो सभी जानते होंगे और प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से भी हम देखते सुनते वह पढ़ते आ रहे हैं, कि किस तरह निचले स्तर से बड़े स्तर तक इस महामारी ने घर कर लिया है। बिना भ्रष्टाचार के करीब करीब कोई काम मुश्किल से होता है। करीब-करीब हर स्तर पर इस महामारी ने पैर फैला रखे हैं। और इसका अलग अलग तरीके, कोडवर्ड, पासवर्ड, भाषा, लेखन, कलर, इत्यादि अनेक तरीकों से लेनदेन किया जाता है।
बजट 2021 और भारत की जीडीपी विकास दर में होने वाला परिवर्तन
पिछला पूरा वर्ष 2020 कोविड-19 की भेंट चढ़ गया और इसलिए 1 फरवरी 2021 को पेश होने वाला बजट मुख्यतः स्वास्थ्य पर केंद्रित रहा। इसे हम रिकवरी वाला बजट भी कह सकते हैं, क्योंकि जैसे लंबी बीमारी से रिकवर होने के लिए मरीज को अपनी डाइट का विशेष ध्यान रखना पड़ता है और अनुशासन में रहना पड़ता है उसे रिकवरी के लिए कुछ समय चाहिए होता है और इस दौरान उसकी जीवन शैली में भी बड़े बदलाव होते हैं, इसी प्रकार इस बजट में भी देश के नागरिकों के स्वास्थ्य, देश की अर्थव्यवस्था के स्वास्थ्य और देश के शहरों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया गया है। इस बार का टोटल हेल्थ बजट 2 लाख 23 हजार करोड़ रुपए है जो पिछली बार की तुलना में 137% ज्यादा है। आत्मनिर्भर भारत को आगे बढ़ाने के लिए इसमें पूरी तैयारी की गई है। कैपिटल एक्सपेंडिचर को बहुत ज्यादा बढ़ाने की बात की गई है यानी कि इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में बड़े निवेश करने की तैयारी है।
Read More »बजट 2021-2022 आत्मनिर्भर भारत का बुनियादी ढांचा साबित होगा !
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महिलाओं का शराब और सिगरेट पीना उचित या अनुचित?
नशा कोई भी हो यदि अच्छी बातों या चीजों का है तो फायदेमंद ही है और नशा बुरी बातों या चीजों का है तो स्त्री या पुरुष सबके लिए यह नुकसानदायक ही होता है। जहां तक बात है कि स्त्रियों का नशा करना कहां तक उचित है तो मैं कहना चाहूंगी कि अपने परिवार की केंद्र होती है एक स्त्री ही अपने पति और बच्चों को बुराइयों व नशा से बचाने में सक्षम होती है यदि किसी परिवार की स्त्री ही नशा से पीड़ित हो शराब या सिगरेट की आदत हो उसे तो वह अपने पति और बच्चों को नशे से बचाने में कैसे सक्षम होगी?
स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रित पंचायत चुनाव में आरक्षण के हकदार नहीं – हाईकोर्ट
भारतीय संविधान में हर मुद्दे की व्याख्या – कार्यपालिका व न्यायपालिका द्वारा सख्ती से पालन सराहनीय – एड किशन भावनानी
भारतीय नागरिकों के लिए भारतीय संविधान एक अनमोल रत्न स्वरूपी है। जिसके बल पर हर नागरिक को अनेक अधिकार मिले हुए हैं, जिनकी स्पष्ट व्याख्या भी संविधान के हर अनुच्छेद में दी है और साथ ही साथ अनेक कर्तव्य और जिम्मेदारियां भी सौंपी गई है। जिसे हर नागरिक को निभाना उसकी जवाबदारी है। भारत वर्ष के हर राज्य केंद्र व केंद्रशासित प्रदेशों की कार्यपालिकाएं संविधान को सख्ती के साथ पालन कर खूबसूरती के साथ शासन चलाने में पूरी तरह कामयाब होती हैं और अपने शासन क्षेत्र में हर व्यक्ति पर हर आदेश समानता के साथ लागू करने और कुछ वर्गों को संविधान द्वारा प्राप्त सुविधाएं और प्राथमिकताओं को सजगता के साथ लागू करने में सफल हैं। साथ ही साथ न्यायपालिका क्षेत्र भी अपना हर निर्णय संविधान में उल्लेखित नियमों विनियमों और व्याख्या के अनुसार ही देते हैं।