Wednesday, May 1, 2024
Breaking News
Home » मुख्य समाचार » डीएम की सख्ती के बाद भी सक्रिय नहीं हुआ खाद्य सुरक्षा विभाग

डीएम की सख्ती के बाद भी सक्रिय नहीं हुआ खाद्य सुरक्षा विभाग

जिलाधिकारी ने की थी आठ खाद्य निरीक्षकों पर कार्यवाही
मथुरा: जन सामना संवाददाता। जनपद में ब्लैक गोल्ड यानी काले तेल का कारोबार बहुत पुराना और मुनाफे वाला रहा है। इस कारोबार में संलिप्त रहे कई माफिया पर सख्त कार्यवाही हुई है। लेकिन इससे भी काला है सफेद दूध का काला कारोबार। यह लोगों जिंदगी छीन रहा है, तमाम तरह की बीमारियां लोग पैसे देकर खरीद रहे हैं। लेकिन काले कारोबार को रोकने के लिए जिस विभाग पर जिम्मेदारी है वह विभाग यह कबूलने को ही तैयार नहीं कि दूध के चक्कर में बडी संख्या में लोग जहर पी रहे हैं। विभाग द्वारा कभी कभार की जाने वाली इक्का दुक्का कार्यवाही ये तो हजिर करती हैं कि सफेद दूध के कारोबार में बहुत कुछ काला है लेकिन यह कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पाती हैं। विभाग ने इस काम के लिए बदनाम हाई रिस्क एरिया भी चिन्हित किये हैं लेकिन वहां कभी कभार ही कोई कार्यवाही देखने को मिलती है। जिलाधिकारी पुलकित खरे भी इस पर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। दही, मावा, मिठाई, खीर मोहन यहां तक कि सफेद दूध मिलावट खोरों को मोटा मुनाफा पहुंचा रहा है। हाल ही में लापरवाह खाद्य सुरक्षा निरीक्षकों पर जिलाधिकारी ने कार्यवाही की है। आठ खाद्य सुरक्षा निरीक्षकों का वेतन रोका गया है। इन्हें सख्त निर्देश दिये हैं कि वह अपनी कार्यशैली में सुधार लाएं। जिलाधिकारी पुलकित खरे की अध्यक्षता में जनपदीय खाद्य सुरक्षा सलाहकार समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में हुई थी। बैठक में विभाग के अधिकारियों को डीएम ने निर्देश दिये थे कि विशेषकर दूध विक्रेताओं और दूध कारोबारियों पर नजर रखी जाए। डीएम ने निर्देश दिये कि खाद्य विक्रेताओं के नमूने की निःशुल्क जांच कराकर त्वरित रिपोर्ट प्रदान करने की व्यवस्था की जाये। खाद्य व औषधि विक्रय करने वालों के विरूद्ध न्यायालय में लंबित सभी वादों का निस्तारण कराया जाए। वैन द्वारा ज्यादा से प्रचार प्रसार तथा लोगों को जागरूक किया जाये जिससे लोगों को गुणवत्ता युक्त खाद्य वस्तु मिल सकंे। इसी बैठक में आठ खाद्य सुरक्षा निरीक्षकों का वेतन रोके जाने के निर्देश भी जारी किए गये थे। डीएम ने चेतावनी दी कि अपने कार्यों में सुधार लाएं तथा खाद्य चेकिंग अभियान में अपना कार्य पूर्ण निष्ठा के साथ निर्वहन करें। बावजूद इसके विभाग की ओर से दूधिया, दूध विक्रेता एवं अन्य दुग्ध कारोबारियों के खिलाफ काई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई है।