Thursday, April 17, 2025
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ग़ज़ल

बात इसमें भला बड़ी क्या थी।
काम बिगड़ा तो रहबरी क्या थी।
खुदकुशी देखती रही दुनिया,
क्या पता उसकी बेबसी क्या थी।
खूब सबको दिखा मियाँ मैज़िक,
गेंदबाज़ी मे ताज़गी क्या थी।
बेसबब क्यूँ झगड़ पड़े आखिर,
कुछ बताओ तनातनी क्या थी।
आसमानी दिमाग़ था उसका,
उससे मेरी बराबरी क्या थी।

हमीद कानपुरी, अब्दुल हमीद इदरीसी