Friday, May 17, 2024
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स्वच्छ मन से स्वच्छता की ओर

स्वच्छ भारत अभियान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने शुरू किया, जिसके तहत सफाई को अत्यधिक महत्व दिया जा रहा है। यह अभियान 2 अक्टूबर 2014 को नई दिल्ली से राष्ट्रीय पिता महात्मा गांधी की जयंती के उपलक्ष में शुरू हुआ था। स्वच्छ भारत का सपना गांधी जी का था। स्वच्छ भारत अभियान में भारत सरकार की सराहनीय कोशिश है।
स्वच्छ मन से निर्मित होता है स्वच्छ एवं सुरक्षित समाज जो सफल एवं सशक्त राष्ट्र की नींव होती है।
मन स्वच्छ होगा तो ही हम अपना वातावरण, पर्यावरण, समाज स्वच्छ एवं सुरक्षित रख पाएंगे नहीं तो सिर्फ दिखावा और झूठ होगा।
अब समय है मन की स्वच्छता पर ध्यान देने की। हमारे देश में जिस तरह से अपराध बढ़ रहे हैं। उज्जैन में हाल ही में 12 साल की मासूम बच्ची क बच्ची के साथ बलात्कार हुआ यह दर्शाता है कि स्वच्छ भारत अभी भी गंदा और सुरक्षित है इसीलिए मानसिक तौर से स्वच्छ है बेहद जरूरी है । नेशनल क्राईम रिकॉर्ड्स ब्यूरो की नई रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में भारत में हर दिन औसतन 86 रेप के मामले दर्ज हुए इसका मतलब है कि हर मिनट में तीन रेप की घटनाएं हो रही है जिसमें से राजस्थान में सबसे ज्यादा रेप पाए गए । हाल ही में एनसीआरबी के अनुसार 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 428,278 मामले दर्ज किए गए जिसमें अपराध की दर 64.5 प्रतिशत थी । ऐसे अपराधों में 77.1 प्रतिशत मामलों में आरोप पत्र दाखिल किए गए। वहीं भारत में अन्य अपराध जैसे चोरी, डकैती, साइबर क्राइम, फिरौती, मर्डर, घरेलू हिंसा, यातायात नियमों का उल्लंघन, वित्तीय मामले, जमीनी मामले, नशा आदि पाए जाते हैं।
मन शरीर और पर्यावरण के बीच गहरा संबंध होता है। हमारे मानसिक स्वास्थ्य का पर्यावरण और समाज पर सीधा प्रभाव पड़ता है।स्वच्छ मन व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर पर हमारे जीवन के हर पहलू पर प्रभाव डालता है। स्वच्छ मन व्यक्तिगत विकास के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह आपके विचारों, भावनाओं, और क्रियाओं को प्रशांति और सकारात्मकता की दिशा में मदद करता है। स्वच्छ मन से हम अपनी सोच को स्वच्छ और सकारात्मक बना सकते हैं, जिससे हमारे व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में सफलता हासिल होती है।
स्वच्छ मन व्यक्तिगत स्वच्छता और सुरक्षा को बढ़ावा देता है। स्वच्छ मन व्यक्ति को स्वास्थ्यपूर्ण जीवन जीने के लिए संजीवनी हो सकता है, क्योंकि वह अपने शरीर का और अपने आस-पास के पर्यावरण का खयाल रखता है। इसके अलावा, स्वच्छ मन सामाजिक सुरक्षा को भी बढ़ावा देता है, क्योंकि यह व्यक्तियों को नैतिकता और सामाजिक सहमति का अधिकतम आदर्श देता है।
स्वच्छ मन से निर्मित होने वाला स्वच्छ और सुंदर पर्यावरण का सहायक बनता है। यह व्यक्ति को अपने पर्यावरण के साथ सजीव संबंध बनाने में मदद करता है और वह प्राकृतिक संसाधनों का सही तरीके से उपयोग करता है। स्वच्छ मन व्यक्ति भूमि, जल, और वन्यजीवों के प्रति सजग रहता है और प्रदूषण और अपशिष्ट के प्रति जिम्मेदारी निभाता है।
स्वच्छ मन से निर्मित होने वाला समाज भी स्वच्छता, सुरक्षा, और सहमति की ओर प्रबल कदम बढ़ाता है। ऐसा समाज अपने सदस्यों के बीच समरसता और नैतिकता को प्रोत्साहित करता है, जिससे समाज में अपार शांति और सौहार्द्य बना रहता है।
मन की स्वच्छता और अपराधों की कमी को प्राप्त करने के लिए इन तरीकों का पालन कर सकते हैंरू
सकारात्मक सोच: सकारात्मक सोच बनाए रखने के लिए अपने मन को सकारात्मक और उत्साहपूर्ण बनाने का प्रयास करें। सकारात्मक सोचने से आप अपने मन को नकारात्मक और संदेहपूर्ण विचारों से दूर रख सकते हैं.
मानसिक शांतिः योग और मेडिटेशन का अभ्यास करें, जो मानसिक शांति और स्वच्छ मन के लिए मददगार हो सकता है।
स्वाध्याय और आत्म-संवादः स्वाध्याय करने और आत्म-संवाद करने से आप अपने आपको और अपने मन को समझ सकते हैं। यह आपको अपने अपराधों को समझने में मदद कर सकता है और उन्हें सुधारने के लिए उत्साहित कर सकता है.
सामाजिक संबंध: स्वस्थ सामाजिक संबंध बनाएं और उन्हें मजबूत रखें, क्योंकि इससे आप अपने मन को स्वच्छ और सामाजिक जीवन में सकारात्मक तरीके से लगाने में मदद मिल सकती है.
स्वच्छ और स्वस्थ रूप से खानपानः स्वस्थ और पौष्टिक आहार खाएं, अत्यधिक तला हुआ और प्रोसेस्ड खाद्य और मिठाई की बजाय फल, सब्जियां, और पूरे अनाज का उपयोग करें।
समय प्रबंधनः अपने समय का सही तरीके से प्रबंधन करें, ताकि आप अपने लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्ध रह सकें और अपराधों को कम करने के लिए प्रतिबद्ध रह सकें।
सद्गुण को बढ़ावा दें: दया, क्षमा, संयम और सत्य के सद्गुणों को अपने जीवन में अपनाएं, जो आपको अपराधों से दूर रखने में मदद कर सकते हैं । नशीले पदार्थाे जैसे शराब, तंबाकू, ड्रग्स का सेवन कम से कम करें या बिल्कुल ही ना करें।
सेल्फ कंट्रोल एवं डिसिप्लिन का पालन करें ।
हिडन स्ट्रेस को नियंत्रित करने की कोशिश करें ।


-डॉ अमरीन फातिमा
संस्थापक -AURA
(एक समाजसेवी संस्था)

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