पवन कुमार गुप्ताः रायबरेली। छोटी बड़ी नदियों के साथ-साथ अब क्षेत्रीय स्तर पर भी पानी की गुणवत्ता खराब होती जा रही है। जानकारों की मानें तो रायबरेली जिले के अंदर पानी की गुणवत्ता होती जा रही है इसी के चलते अभी कुछ ही दिन पूर्व मुख्य विकास अधिकारी रायबरेली ने सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को क्षेत्र में पानी की गुणवत्ता की जांच करने के निर्देश दिए थे लेकिन कई हफ्ते बीत जाने के बाद भी क्षेत्र के अधिकारियों ने पानी की गुणवत्ता की न तो जांच की और न ही उसकी रिपोर्ट सीडीओ को सौंपी, बीते दिन जब मुख्य विकास अधिकारी रायबरेली से बात की गई तो उन्होंने भी बताया कि पानी की गुणवत्ता की जांच का निर्देश देने के बाद वह भी इस बात को भूल चुके थे कि क्षेत्रीय स्तर से, नगर और गांवों से इसकी रिपोर्ट मंगाकर शासन को भेजनी है। इस तरह सीडीओ के आदेश पूरी तरह से हवा हवाई साबित हो रहे हैं। सीडीओ की इसी लापरवाही के चलते जिले के तमाम क्षेत्र के खाद्य सुरक्षा अधिकारियो ने क्षेत्रों में करीब दो दर्जन से अधिक चल रहे आरो प्लांट इत्यादि परियोजनाओं से मनमाफिक उगाही भी करना शुरू कर दिया है।
गौरतलब हो कि एनजीटी लगातार देश और प्रदेश की तमाम सभी छोटी बड़ी नदियों पर नजर बनाए रखे हुए है और उसकी गुणवत्ता तुलना करती रहती है।
ज्ञात हो कि नदी के पानी की गुणवत्ता का आकलन पीएच, घुलित ऑक्सीजन (डीओ), बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) आदि मापदंडों के आधार पर किया जाता है।
वर्तमान में जिले के अंदर अनगिनत (करीब 3 सैकड़ा) आरो प्लांट स्थापित हो चुके हैं। जिनमें से एक आरो प्लांट का आंकड़ा लिया जाए तो करीब 5 से 6 हजार लीटर पानी की दोहन किया जाता है और यह सब क्षेत्र के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के संरक्षण में होता है। इसके चलते गांवों में भी जलस्तर और गुणवत्ता दोनों घटती जा रही है। यही नहीं अब जिले की एनटीपीसी ऊंचाहार के आवासीय परिसर के अंदर हो रही पानी की सप्लाई में गुणवत्ता कमी आ गई है। जिसके चलते एनटीपीसी ऊंचाहार परियोजना के आवासीय परिसर की आधी आबादी भी बाहर लगे आरो प्लांट में से खरीद कर आरो का पानी पी रही है और ग्रामीण गुणवत्ताविहीन पानी पी रहे।
आज खबर लिखने तक सीडीओ रायबरेली को पुनः कई बार फोन लगाया लेकिन किसी कारणवश उनका फोन नहीं उठ सका, इसलिए सीडीओ रायबरेली अर्पित जी के पक्ष को नहीं जाना जा सका।
रायबरेली नगर के खाद्य सुरक्षा अधिकारी सौरभ उत्तम से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सीडीओ के द्वारा जारी ऐसे किसी आदेश की जानकारी उनके पास नहीं जिसमें यह कहा गया हो कि water quality की जांच कर रिपोर्ट बनाई जाए और इसकी पुख्ता जानकारी आप खाद्य सुरक्षा विभाग के प्रमुख अधिकारी से करें।