सलोन, रायबरेली। आजाद भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, पत्रकार, समाज सुधारक, शिक्षा विशेषज्ञ, भारत रत्न मौलाना अब्दुल कलाम आजाद का जन्म 11 नवंबर 1888 को सऊदी अरब के मक्का में हुआ। पिता का नाम मोहम्मद खैरूद्दीन, माता का नाम आलिया था। 15 अगस्त 1947 से 2 फरवरी 1958 तक भारत के शिक्षा मंत्री रहे। मरणोपरांत 1992 में भारत रत्न से नवाजा गया। 22 फरवरी 1958 को दिल्ली में उनका निधन हुआ। 1946 से 1950 तक संविधान सभा के सदस्य रहे। प्रत्येक वर्ष 11 नवंबर को आपका जन्म राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी क्रम में आज ब्लॉक संसाधन केंद्र राजापुर माफी में अब्दुल कलाम आजाद का जन्म दिवस राष्ट्रीय शिक्षाa दिवस के रूप में मनाया गया। उनकेे चित्र पर माल्यार्पण के पश्चात बोलते हुए शिक्षक मोहम्मद कासिम हुनर ने कहा कि मौलाना अब्दुल कलाम आजाद द्वारा देश हित एवं शिक्षा के क्षेत्र मे किए गए कार्यों को भुलाया नहीं जा सकता। मौलाना आजाद ने वैज्ञानिक शिक्षा को प्रोत्साहन दिया, कई विश्वविद्यालयों की स्थापना की, उच्च शिक्षा और खोज को प्रोत्साहन दिया, स्वतंत्रता संग्राम में अपना महत्वपूर्ण योगदान भी दिया। सेवानिवृत शिक्षक मोहम्मद इस्माइल खान ने कहा कि मौलाना आजाद के आदर्शों पर चलकर हम शिक्षा के क्षेत्र में बडी सफलता अर्जित कर सकते हैं। सत्य प्रकाश भारती, तुलसीराम, अतुल कुमार पांडेय, आशुतोष मौर्या, पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ के मंत्री मोहम्मद आजम सतीश चंद्र शर्मा, अजीत सिंह, सबीहुल हसन, संजय जायसवाल, लालता प्रसाद आदि शिक्षकों ने आपके कृतों पर प्रकाश डाला। उपस्थित सभी प्रशिक्षणार्थियों ने राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के अवसर पर संकल्प लिया कि वह आउट ऑफ स्कूल बच्चों को विद्यालयी शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने का भरसक प्रयास करेंगे।