हाथरस। जनपद हाथरस में देवउठनी एकादशी का पर्व आज मनाया जायेगा। सुबह से ही बाजारों में गन्ना सिंघाड़ा व शकरकंद की खरीदारी के लिए ग्राहकों की भीड़ दिखी। सब्जी मंडी में भी फल व हरी सब्जियों की जमकर खरीदारी की गई।
देवउठनी एकादशी का पर्व आज मनाया जायेगा। सुबह से ही बाजारों में गन्ना, सिंघाड़ा व शकरकंद की खरीदारी के लिए ग्राहकों की भीड़ दिखी। सब्जी मंडी में भी फल व हरी सब्जियों की जमकर खरीदारी की गई। घरों व मंदिरों में पूजा अर्चना के लिए सुबह ही तैयारियां होने लगी थीं। देवउठान एकादशी पर गन्ना के भी भाव बढ़े दीपावली के बाद सबसे बड़ा त्योहार देवउठनी एकादशी का होता है। यह पर्व 24 एकादशी में सबसे अधिक शुभ व फलदायी माना जाता है। इसीदिन भगवान विष्णु चार माह शयन के बाद जागते हैं। देवों को जगाने के लिए शाम के समय पूजा-अर्चना की जाएगी। इसके लिए बाजारों में एक दिन पहले ही खरीदारी कर ली गई थी। शुक्रवार की सुबह भी बाजारों में ग्राहक गन्ना, शकरकंद व सिंघाड़ा की खरीदारी करते दिखे। बाजारों में शकरमंद 35 रुपये व सिंघाड़ा 30 रुपये प्रति किलोग्राम की कीमत पर बिक रहा था। वहीं गन्ना 10 रुपये से लेकर 20 रुपये प्रति पीस के हिसाब से बिक्री किया जा रहा है।
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी देव उठान एकादशी के दिन देव उठते हैं। इसीलिए इसे प्रवोधिनी या देवोत्थान एकादशी कहा जाता है। इस दिन रात्रि में घरों के बाहर और पूजा स्थल पर दीये जलाए जाएंगे। रात्रि के समय परिवार के सभी सदस्यों को भगवान विष्णु समेत सभी देवी-देवताओं का पूजन करना चाहिए। विधि-विधान से की गई पूजा फलदायी होती है।
भगवान विष्णु के शयनकाल के चार मास में विवाह आदि मांगलिक कार्य नहीं होते हैं। देवोत्थान के दिन तुलसी के वृक्ष और शालिग्राम का विवाह धूमधाम कराया जाता है। इसी के साथ मांगलिक व वैवाहिक आयोजन शुरू हो जाते हैं।