नई दिल्ली। कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी इस समय भारत के दौरे पर हैं, और यह उनकी लगभग एक दशक बाद भारत की पहली यात्रा है। शेख तमीम की यह यात्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न्योते पर हो रही है, जिसका मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश और कूटनीतिक संबंधों को बढ़ाना है।
भारत के साथ कतर के रिश्ते पिछले दशक में काफी मजबूत हुए हैं। भारत ने अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए कतर के साथ संबंधों को और बढ़ावा दिया है, खासकर कतर से LNG (Liquefied Natural Gas) के प्रमुख आपूर्तिकर्ता के रूप में। कतर मध्य पूर्व में संघर्षों में एक महत्वपूर्ण मध्यस्थ की भूमिका भी निभाता है और भारत को वैश्विक स्तर पर एक मजबूत साझेदार के रूप में पहचानता है।
आज, शेख तमीम और प्रधानमंत्री मोदी के बीच हैदराबाद हाउस में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी, पीयूष गोयल, निर्मला सीतारमण, मनसुख मंडाविया और पीके मिश्रा भी मौजूद थे। इस बैठक के दौरान व्यापार, प्रौद्योगिकी, और निवेश के क्षेत्र में कई समझौता ज्ञापनों (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। इसके अलावा, अमीर अल-थानी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे। कतर के अमीर के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में भोज का आयोजन भी किया जाएगा। कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी कल रात यानी 17 फरवरी को भारत पहुंचे थे और प्रधानमंत्री मोदी खुद प्रोटोकॉल तोड़कर दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उन्हें रिसीव करने पहुंचे थे। इस मौके पर विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मौजूद थे।
कतर के इस दौरे से भारत के उत्साह को और बल मिलता है, खासकर उस फैसले के बाद जब कतर ने हाल ही में भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अफसरों की मौत की सजा को खत्म कर दिया था, जिन्हें कतर में कथित तौर पर जासूसी के आरोप में दोषी ठहराया गया था। इनमें से सात अफसर भारत लौट चुके हैं, और आठवें अफसर को भी भारत लाने के लिए वार्ताएं चल रही हैं।
यह यात्रा भारत और कतर के बीच आर्थिक और कूटनीतिक संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। -Pic and Story by Kamal Nain Narang
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