Saturday, May 3, 2025
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बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में ‘प्रख्यात व्याख्यानमाला’ का हुआ उद्घाटन

कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल ने ‘भारत का सामाजिक-आर्थिक विकास एजेंडा’ विषय पर दिया व्याख्यान
लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में शिक्षकों के लिए आयोजित ‘प्रख्यात व्याख्यानमाला’ का उद्घाटन कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल द्वारा किया गया। इस व्याख्यानमाला का आयोजन कमेटी फॉर एमीनेंट लेक्चर सीरीज के तत्वावधान में किया गया, जिसके अंतर्गत हर 15 दिन में विभिन्न क्षेत्रों के प्रख्यात व्यक्तित्व विश्वविद्यालय के शिक्षकों को विविध विषयों पर व्याख्यान देंगे। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं बाबासाहेब के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। इसके उपरांत कुलपति को आयोजन समिति की ओर से पौधा एवं “श्रीमद्भागवत गीता” भेंटकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में डीन ऑफ अकादमिक अफेयर्स प्रो. एस. विक्टर बाबू तथा समिति की अध्यक्ष प्रो. शिल्पी वर्मा भी प्रमुख रूप से उपस्थित रहीं। प्रो. शिल्पी वर्मा ने सभी उपस्थित अतिथियों एवं शिक्षकों का स्वागत करते हुए व्याख्यानमाला के उद्देश्यों एवं आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा प्रस्तुत की। कुलपति प्रो. मित्तल ने अपने व्याख्यान में “भारत का सामाजिक-आर्थिक विकास एजेंडा” विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि भारत की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विरासत अत्यंत समृद्ध रही है, और प्राचीन काल में भारत विश्व व्यापार में 25-30 प्रतिशत का योगदान देता था। लेकिन विदेशी आक्रमणों एवं उपनिवेशवाद के कारण देश की आर्थिक नींव हिल गई, जिसे अब सशक्त करने की आवश्यकता है।
उन्होंने वर्तमान आर्थिक चुनौतियों – जैसे बेरोजगारी, कृषि संकट, असंयोजित औद्योगिक ढांचा, स्टार्टअप्स की उपेक्षा आदि – पर चर्चा की और इन्हें दूर करने के लिए शिक्षा, तकनीकी नवाचार, वैश्विक साझेदारी, सरकारी नीतियों के कार्यान्वयन एवं युवाओं को उद्यमिता की ओर प्रेरित करने पर जोर दिया।
प्रो. मित्तल ने आठ प्रमुख क्षेत्रों पर बल दिया, जिनमें हरित क्रांति के नए स्वरूप, MSME सेक्टर का विस्तार, ‘लर्निंग-अर्निंग टुगेदर’ मॉडल, सांस्कृतिक संरक्षण, NRI निवेश, AI एवं रोबोटिक्स की भूमिका जैसे महत्वपूर्ण बिंदु शामिल रहे। उन्होंने कहा कि 2030 तक भारत को गैर-कृषि क्षेत्रों में प्रति वर्ष 78 लाख रोजगार उत्पन्न करने होंगे ताकि बेरोजगारी को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सके। कार्यक्रम के दौरान प्रो. मित्तल ने शिक्षकों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का भी उत्तर दिया और उन्हें समाज में परिवर्तन लाने वाले शैक्षणिक दृष्टिकोण अपनाने हेतु प्रेरित किया।
इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. अश्विनी कुमार सिंह, प्रॉक्टर प्रो. एम. पी. सिंह, डीएसडब्ल्यू प्रो. नरेंद्र कुमार सहित विभिन्न संकायों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष एवं शिक्षकगण उपस्थित रहे।