Sunday, November 24, 2024
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जीवन का रंग, नेचर के संग को भी खूबसूरत चित्रों के माध्यम से जाना

2016-09-24-6-sspjsकानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। देवसमाज विद्यालय अकबरपुर में तीन दिन से चल रहे सत्संग समारोह में आज हिसार से आए योगाचार्य राधेश्याम ने कहा कि संस्कार और अनुशासन परिवार, समाज व देश को महान बनाता है। अनुशासन के बिना एक पल जिन्दगी की कल्पना कोरा स्वप्न लगता है। स्कूल के साथ ही घर पर माता पिता, अभिभावक का परिवेश अनुशासन सिखाने का एक सशक्त माध्यम है। उन्होंने योग के माध्यम से स्वस्थ्य रहने के गुर बताये तथा कहा कि प्रतिदिन 30 मिनट योग या मार्निंग वाॅक करने से शरीर को स्वस्थ्य रखा जा सकता है क्योंकि स्वस्थ्य शरीर में स्वस्थ्य मस्तिश्क वास करता है।
     हरियाणा सिरसा से नैतिक शिक्षा विशेषज्ञ मेहर सिंह ने स्कूली बच्चों से पूछा कि एक्सीडेन्ट से बचाव करने के लिए क्या मन्दिर, मस्जिद या गुरूद्वारे आदि बनाना जरूरी है। इस पर सभी बच्चों ने एक स्वर में कहा कि नहीं इसके लिए गाड़ी चलाने के नियम, स्पीड बे्रकर, सिग्नल, कम गति से वाहन को चलाने तथा दुर्घटना के होने वाले कारणों को जानना जरूरी है। मेहर सिंह ने कहा कि हर घटना के पीछे कोई कारण होता है। उसका निवारण किया जाना अति आवश्यक है। बच्चों को शारीरिक श्रम के बारे में बताया कि वे घर के छोटे मोटे कामों में माता पिता का हाथ बटायें। घर में झाडू़ या पोंछा लगाकर, घर की साफ सफाई करके भी बच्चे हाथ बंटा सकते हैं। मुख्य अतिथि के रूप में आये सहायक निदेशक सूचना प्रमोद कुमार ने कहा कि बच्चों का पठन-पाठन ठीक होने के साथ ही बच्चों को घरेलू, पारिवारिक व सामाजिक कार्यों में बढ़चढ़कर हिस्सा लेने की प्रवृत्ति डालना जरूरी है। शिक्षक माता-पिता व अभिभावक बच्चों को शिक्षा में अव्वल बनाने के साथ ही समाज के एक जिम्मेदार नागरिक की तरह कर्तव्यों का निर्वहन करना भी अत्यन्त आवश्यक है। पाठ्य पुस्तकों से चहुंमुखी विकास होता है परन्तु अच्छी शिक्षा के साथ संस्कार भी होना जरूरी है। उन्होंनें कहा कि अभिभावक व शिक्षक बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में सरकार द्वारा दी जा रही लाभपरक कल्याणकारी योजनाओं को भी बतायें ताकि बच्चों को इस क्षेत्र में भी ज्ञान रहे।
    देवसमाज समिति के प्रबन्धक के0 एस0 चैहान ने विशेष सत्संग समारोह में बताया कि सत्संग समारोह का मुख्य उद्देश्य समाज में भाईचारा व पे्रम बढ़ाना है। परस्पर एक दूसरे को समझें। आदर्श विचार व संस्कार से ही सुखशान्ति व आदर्श घर परिवार सम्भव है। मनुष्य को धर्म के माध्यम से धर्मभीरू न बनाकर आदर्शशैली के गुण सिखाने चाहिए जिससे उसका सर्वांगीण विकास सम्भव हो सके। सत्संग में स्कूली बच्चों ने चित्रों के माध्यम से खूबसूरत रंग नेचर के संग वन्य जीवों, पक्षियों आदि को भी जाना। बच्चों ने चित्तीदार मुनियां, बनूना, छोआ, बंसथा, शकरखोरा, हुदहुद पक्षी के साथ ही उड़ता पचीरा आदि पक्षियों को भी जाना कि यह पक्षी अपनी खूबसूरती की वजह से लोगों को आकर्षित करती है तथा जीवन के रंग नेचर के संग विभिन्नता में एकता व जैव विविधिकरण का सन्देश देते हैं। इस मौके पर जंगबहादुर सिंह, बेनी प्रसाद शर्मा, नैतिक राम ने भी अपने-अपने विचार रखे। प्रधानाचार्य सुभाष शर्मा, रेखा गुप्ता, समाज सेविका बलबीर सिंह भी उपस्थित रहे।