छेड़ जायेगें प्यार की वो मुहिम दोस्तो
ना कहीं गम होगा ना कोई गमजदा होगा
खिलेगीं मुस्करहटें खामोश लवों पे फिर
उतर आयेगा आसमान भी-
प्यार की तमन्ना लिये दिल में
भर लेगा जमीं को अपनी बाहों मे
और चूमेगा टूट के तब
ना रुठेगीं खुशियां किसी के नसीब से
पूरा हर दिल का हर एक अरमां होगा
होगी हरतरफ अमन और चैन की दुआएं
जुल्म और नफरत का न कहीं नामोनिशां होगा
होंगी कायम देश -दुनियां में मिसालें कुछ ऐसी
जिनके नक्शे-कदम पर चलके
जला देगें हम दिलों मे प्रेम का दिया
करेंगे रोशन नफरत भरी गलियां
रहेगा न सूनापन जहां भर के दिलों में
उजाड़ भी गुलिस्तां होगा
सिखा जायेंगे दुनिया को जीने का तरीका
कायल जिसका यह सारा जहां होगा
हम रहे या न रहे फिर “सपना”
बाद अपने बाकी अपना निशां होगा।।