Friday, April 26, 2024
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दो साल पहले हुआ ओडीएफ, अभी तक नहीं मिली प्रोत्साहन राशि

लोगों को मोटिवेट कर शौचालय निर्माण कराने वाले स्वच्छाग्रही को नहीं मिली प्रोत्साहन राशि, अधिकारियों के लगा रहा चक्कर
टूंडला/फिरोजाबाद, जन सामना ब्यूरो। भारत सरकार द्वारा देश भर को खुले से शौच मुक्त करने के लिए स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालयों का निर्माण कराया गया। लोगों को शौचालय बनवाने और उन्हें प्रयोग करने के प्रति जागरूक करने के लिए पंचायतों में स्वच्छाग्रहियों की तैनाती की गई लेकिन ओडीएफ होने के बाद भी स्वच्छाग्रही को प्रोत्साहन राशि प्रदान नहीं की गई।
टूंडला ब्लाक के गांव प्रतापपुर निवासी अजीत पुत्र राधेश्याम को स्वच्छाग्रही बनाया गया था। करीब एक साल की मेहनत कर उसके द्वारा ग्रामीणों को प्रोत्साहित कर करीब सौ से अधिक शौचालयों का निर्माण कार्य पूरा कराया गया। वर्ष 2016 में विश्व बैंक की टीम ने गांव का भ्रमण किया तो अच्छी गुणवत्ता के शौचालय देख टीम गदगद हो गई थी। उस दौरान स्वच्छाग्रही को जल्द ही भुगतान कराए जाने का आश्वासन दिया गया लेकिन दो साल बाद भी वह प्रोत्साहन राशि के लिए अधिकारियों के चक्कर लगा रहा है। लोगों को मोटिवेट के जरिए शौचालय निर्माण कराने वाले स्वच्छाग्रही को 150 रुपए प्रति टाॅयलेट के हिसाब से भुगतान होना था लेकिन विभागीय अधिकारियों की मनमानी के चलते स्वच्छाग्रही को प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं किया जा सका। जिले भर में एक दो स्वच्छाग्रहियों को छोड़ किसी भी ब्लाक में कार्य कर रहे स्वच्छाग्रहियों को प्रोत्साहन राशि नहीं दी गई जबकि उनके द्वारा कार्य भी कराया गया। टूंडला ब्लाक में विभागीय अधिकारियों द्वारा एक भी स्वच्छाग्रही को प्रोत्साहन राशि प्रदान नहीं की गई। जिसके चलते स्वच्छाग्रही मोदी सरकार को कोसते नजर आ रहे हैं।