Sunday, May 5, 2024
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अभी हम न करेंगे शादी बापू, दो हमें पढ़ने की आजादी

शिवली/कानपुर देहात, जितेन्द्र कुमार। आज वक्त की आवाज ने जागरूकता के क्रम में मैथा ब्लॉक के चन्द्र विद्द्या मन्दिर इंटर कालेज परिसर में बचपनं एक्प्रेस कार्यक्रम के माध्यम से बाल विवाह और बाल शिक्षा पर विशेष कार्यक्रम किया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के माध्यम से किया गया दीप प्रज्वलन में मुख्य अतिथि के रूप में समाज सेविका कंचन मिश्रा, स्कूल के प्रबंधक रामसनेही, देवीपुर की प्रधान शिवदेवी, रेडियो वक्त की आवाज की समन्वयक राधा ने किया। बाल विवाह और बाल शिक्षा पर समाज सेविका कंचन मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि हमारे पुराने समय में लोगों की धारणा थी कि 12 साल से कम उम्र में शादी करना कुंवारापन का प्रतीक माना जाता था लड़की को, लेकिन ये बहुत ही घृणित कार्य था जिससे न तो लड़की का पूर्ण शारीरिक विकास हो पाता था, और न ही मानसिक विकास, न बेटी को जिम्मेदारी की समझ होती थी, और वही धारणा आज भी हमारे समाज के कुछ लोग अपनाये हुए है। जिससे आज भी बहुत सी लड़कियां बाल विवाह के कठोर दण्ड में फंसी रहती है, कंचन मिश्रा ने कहा कि अब समय आ गया है लड़कियों को चुप्पी तोड़ने का वो घर में अपना हक और पक्ष रखे ताकि वो इस कुप्रथा से बच कर सम्पूर्ण भारत का विकास करें। साथ ही वक्त की आवाज से राधा ने कहा कि बाल विवाह एक जहरीला दर्द है। जो पूरी जिंदगी लड़कियों को सहना पड़ता है, ऐसे में लड़कियों को जागरूक होना पड़ेगा क्योंकि अगर जल्द विवाह हो गया तो न जाने कितने शारीरिक और मानसिक यातनाये भुगतनी पड़ेगी। न जाने कितनी माताओं ने अपने बच्चों को अपने ममता की गोद में ही दम तोड़ते हुए देखा गया है, और न जाने कितनी माताओं बहनों को समय से पहले मौत की गोद में सोना पड़ा और इन सबका कारण बस एक ही बाल विवाह। इसी क्रम में देवीपुर ग्राम की महिला प्रधान शिवप्यारी ने कहा कि अगर मेरा विवाह बचपनं में ही कर दिया जाता तो आज हम न तो गाँव की प्रधान बन पाती और न अपने स्कूल की प्रधानाचार्या, साथ ही देवीपुर ग्राम के रामजी ने अपने संबोधन में बताया कि जिस प्रकार एक बिना प्रशिक्षित बैल खेती की जुताई करता है तो वह एक सीध में नहीं चल पाता है और जब वह प्रशिक्षित हो जाता है तो वह एक दम सीध में जोताई करता है, ठीक इसी प्रकार हमारी बेटियां है जब वह पूर्ण रूप से शिक्षित और सही उम्र में शादी होती है तो वह अपना कर्तव्य और जिम्मेदारी निभा पाती है। कार्यक्रम की उद्घोषक के रूप में वक्त की आवाज की करिश्मा ने भी अहम भूमिका अदा की। कार्यक्रम में सैकड़ो देवीपुर के लोगों को वक्त की आवाज का खास कार्यक्रम बचपन एक्प्रेस को सुनवाया गया और साथ ही खुला मंच का आयोजन किया गया जिसमें सवाल जवाब भी किया गया। कार्यक्रम के अंत में वक्त की आवाज के आरजे हरी पाण्डेय ने सबको धन्यवाद करते हुए कहा कि प्रत्येक सोमवार को 7.15 मिनट सुबह और रविवार 7.40 सुबह बचपनं एक्सप्रेस जरूर सुने आपके अपने बाजे 91.2 एफ एम में। इस मौके पर कमलेश ने अपने लोककथा के माध्यम से सबको जागरूकता संदेश दिया। कार्यक्रम में रामबाबू, अवधेश, रामशंकर, जयराम, बसन्त लाल, शशि, गीता, अरुणा, सुलोचना, प्रियंका, सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।