Sunday, September 22, 2024
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उतना ही लें थाली में, बेकार न जाये नाली में

बचे हुए भोजन को न फेंकेंः जरूरतमंदों को दें
हाथरस, नीरज चक्रपाणि। उतना ही लें थाली में, बेकार न जाये नाली में की परिकल्पना को लेकर खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा शादी समारोहों व अन्य पार्टी तथा कार्यक्रमों में बडे पैमाने में बचने वाले खाद्य पदार्थों को फेंकने की वजाय भूखों के लिए दान करने की पहल शुरू की जा रही है जिससे कि व्यर्थ में फेंके जाने वाले भोजन को किसी भूखे को दिया जा सके और वह भूखा न सो सके।
उक्त सार्थक पहल करने को लेकर खाद्य सुरक्षा विभाग के अभिहित अधिकारी देवाशीष उपाध्याय द्वारा आज सामाजिक व स्वयंसेवी, मानवाधिकार व व्यापारिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की जिसमें उन्होंने बताया कि शादी, पार्टी व अन्य समारोहों में बडे पैमाने पर तैयार भोजन बच जाते हैं और उसे फेंक दिया जाता है। एक अनुमान के मुताबिक देश में प्रतिदिन 25 करोड लोगों को एक समय का ही भोजन नसीब हो पाता है जबकि दूसरी ओर घरों में, शादी, पार्टी व समारोहों में तैयार भोजन नाली में फेंक दिया जाता है। बचे हुए भोजन के सदुपयोग के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा गैर सरकारी संगठनों के साथ मीटिंग की।
मीटिंग में निर्णय लिया गया कि जिले के समस्त होटलों, रेस्टोरेंट, मैरिज होम आदि जहां पर किसी भी प्रकार के समारोह आयोजित होते हैं वे बचे हुए भोजन को सुरक्षित रखेंगे तथा स्वयं के स्तर पर या जिले में संचालित गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से अवशेष भोजन को जरूरतमंदों को उपलब्ध करायेंगे। अभिहित अधिकारी ने बताया कि भोजन की बर्बादी सामाजिक अपराध है और उन्होंने आमजनों से अनुरोध करते हुए कहा कि वे भोजन के संरक्षण और जरूरतमंदों को उपलब्ध कराने में सहयोग करें।
अभिहित अधिकारी देवाशीष उपाध्याय ने जिले के समस्त होटलों, गेस्ट हाउस, रेस्टोरेंट, मैरिज होम, फार्म हाउस, रिजाॅर्ट आदि के संचालकों से कहा है कि खाद्य सुरक्षा विभाग से लाइसेंस लेना अनिवार्य है और यदि कोई बिना लाइसेंस के कार्य करते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ विधिक कार्यवाही की जायेगी।
बैठक में मुख्य सुरक्षा अधिकारी हरेन्द्र सिंह, एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक ह्यूमन राइट्स के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीन वाष्र्णेय, सुनील अग्रवाल, शिव इन्द्रा सेवा समिति, निस्वार्थ सेवा समिति, लघु उद्योग भारती आदि संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद थे।