Sunday, May 19, 2024
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‘‘भूजल सप्ताह’’ के अन्तर्गत ‘‘जल बचायें-जीवन बचायें’’ विषयक गोष्ठी का आयोजन हुआ

कानपुर, जन सामना ब्यूरो। मुख्य विकास अधिकारी अक्षय त्रिपाठी की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में ‘‘भूजल सप्ताह’’ दिनांक 16 से 22 जुलाई,2019 के अन्तर्गत ‘‘जल बचायें-जीवन बचायें’’ विषयक गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में सम्बोधित करते हुये मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि जल का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है। जल है तो कल है, इसके बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। जल का उपयोग सिर्फ हमारे दैनिक कार्यों के लिए ही नहीं, बल्कि इसका सीधा संबंध हमारे स्वास्थ्य से भी है। अविवेकपूर्ण जल दोहन तथा उपयोग के कारण पानी की समस्या दिनोदिन बढती जा रही है। पिछले कुछ दशकों से हर वर्ष लगातार वर्षा की कमी से भी भूगर्भ जल स्तर गिर रहा है तथा जल की कमी का सामना कर रहे हैं। कुछ क्षेत्रों में प्राकृतिक जल स्रोतों के सूखने तथा भूमिगत जल स्तर अधिक जल दोहन करने के कारण भूगर्भ जल स्तर के नीचे जाने से भी पेयजल की समस्या भी हो सकती है। गर्मी के दिनों में पेयजल संकट कुछ क्षेत्रों में हो जाता है। उ0प्र0 सरकार भूजल संरक्षण एवं सचंयन के उपाय कर रही है,जिसके अन्र्तगत ग्रामों में तालाबों का जीणोद्वार एवं नये तालाबों/जलाश्यों को तैयार कर जल संचयन,रिचार्ज कूप एवं शहरी क्षेत्रों में रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम एवं वर्षा जल के संचयन कर,उपयोग करना आवश्यक है। उन्होनें कहा कि पानी के बचाने एवं वर्षा के जल संरक्षण करने के लिये जन जागरूकता की आवश्यक्ता है एवं इसके लिये सभी लोग मिल कर उपाय करें। मुख्य विकास अधिकारी अक्षय त्रिपाठी की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में ‘‘भूजल सप्ताह’’दिनांक 16 से 22 जुलाई,2019 के अन्तर्गत ‘‘जल बचायें-जीवन बचायें’’ विषयक गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में सम्बोधित करते हुये मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि जल का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है। जल है तो कल है, इसके बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। जल का उपयोग सिर्फ हमारे दैनिक कार्यों के लिए ही नहीं, बल्कि इसका सीधा संबंध हमारे स्वास्थ्य से भी है। अविवेकपूर्ण जल दोहन तथा उपयोग के कारण पानी की समस्या दिनोदिन बढती जा रही है। पिछले कुछ दशकों से हर वर्ष लगातार वर्षा की कमी से भी भूगर्भ जल स्तर गिर रहा है तथा जल की कमी का सामना कर रहे हैं। कुछ क्षेत्रों में प्राकृतिक जल स्रोतों के सूखने तथा भूमिगत जल स्तर अधिक जल दोहन करने के कारण भूगर्भ जल स्तर के नीचे जाने से भी पेयजल की समस्या भी हो सकती है। गर्मी के दिनों में पेयजल संकट कुछ क्षेत्रों में हो जाता है। उ0प्र0 सरकार भूजल संरक्षण एवं सचंयन के उपाय कर रही है, जिसके अंतर्गत ग्रामों में तालाबों का जीणोद्वार एवं नये तालाबों/जलाश्यों को तैयार कर जल संचयन, रिचार्ज कूप एवं शहरी क्षेत्रों में रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम एवं वर्षा जल के संचयन कर,उपयोग करना आवश्यक है। उन्होनें कहा कि पानी के बचाने एवं वर्षा के जल संरक्षण करने के लिये जन जागरूकता की आवश्यक्ता है एवं इसके लिये सभी लोग मिल कर उपाय करें। इस अवसर पर उन्होनें उपस्थित अधिकारियों/छात्र-छात्राओं को जल संचयन एवं जल की एक-एक बूंद का सदुपयोग करने,जल की बर्वादी नहीं करने तथा वर्षा जल के संचयन के लिये घर से लेकर ग्राम पंचायत तक लोगों को जागरूक करने की शपथ दिलायी। इस अवसर पर उन्होनें विभिन्न विद्यालयों के छात्र/छात्राओं द्वारा जल के बचाव एवं उसके संचयन के संबंध में आयोजित प्रतियोगिताओं के विजयी प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह एवं प्रमाण पत्र वितरित कियें। गोष्ठी में श्री अवधेश कुमार,अधिशासी अभियंता,भूगर्भ जल विभाग ने जनपद में भूगर्भ जल परिदृश्य के संबंध में प्रकाश डालते हुये बताया कि जनपद में अत्याधिक जल दोहन के कारण कल्याणपुर वि0ख0 जल अति दोहित हो गया है तथा तीन विकास खण्ड जल में सेमी क्रिटिकल हो गये है। अतः हमें जल के अतिदोहन को रोकने की अत्याधिक आवश्यक्ता है। इसके लिये हम दैनिक कार्यो में कम से कम जल का प्रयोग करें तथा जल का अनावश्यक दुरूपयोग नही करें। उन्होनें वर्षा जल संचयन एवं भूजल रिर्चाजिंग के संबंध में भी तकनीकी जानकारी दी। डा0 सर्वेश कुमार, एसो0प्रो0, सीएसए ने कृषि क्षेत्र में किसानों द्वारा सिंचाई के कार्यो में फसलों की सिंचाई क्यारी बना कर, एवं स्प्रिंकलर से किये जाने तथा बागवानी की सिंचाई ड्रिप विधि से किये जाने की जानकारी प्रदान की। इसके साथ कम पानी वाली फसलों का उत्पादन करनें एंव फसल चक्र में परिवर्तन करने पर जोर दिया।गोष्ठी में औद्योगिक क्षेत्रो में प्रयोग किये गये जल का शोधन करके पुनः उपयोग करने एंव रोजमर्रा एवं घरेलू कार्यो में जल की बचत किये जाने तथा सार्वजनिक नलों व लीकेज रोकने पर जोर दिया गया,जिससे कि जल की बचत की जा सकें।जल संचयन एवं जल संरक्षण हेतु जन-जागरूकता लाये जाने एवं सभी को मिलकर जल बचाव हेतु विशेष रूप से कार्य करने पर प्रकाश डाला गया।गोष्ठी में जिला विकास अधिकारी गया प्रसाद गौतम, अनूप कुमार एवं अधिशासी अभियंता, लद्यु सिंचाई सहित अन्य विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहें।