फिरोजाबाद। विश्व स्तनपान सप्ताह के अंतर्गत आईएपी एवं आईएमए फिरोजाबाद द्वारा चलाये जा रहे जन-जागरण अभियान के तहत बुधवार को यूनिटी हाॅस्पीटल मे एक सेमिनार आयोजित की गई।
कार्यक्रम संयोजक डा. अविनाश चन्द्र पालीवाल ने बताया कि जन्म के पहले घण्टे में ही यदि नवजात शिशु को स्तनपान करा दिया जाएं तो शिशु को स्तनपान करने में कोई समस्या नहीं आती है। क्योंकि पहले एक-दो घंटे में बच्चा अधिक सक्रिय होता है और वह दूध पीने को तैयार होता है। मां का दूध तभी बनता है और बढ़ता जाता है जब शिशु बार-बार आॅचल पीता है। मां की बीमारी की अवस्था में भी शिशु को स्तनपान कराते रहना चाहिए। क्योंकि इस अवस्था में मां के शरीर में बने रोग-प्रतिरोधक तत्व स्तनपान के माध्यम से शिशु को स्वतः प्राप्त हो जाते है और उसे बीमारी से बचाते है। डा. अनीता चैरारिसा ने बताया कि छह महीने तक यदि मां केवल शिशु को अपना ही दूध पिलाये तो स्वतः ही प्राकृतिक परिवार नियोजन हो जाता है। स्तनपान गर्भावस्था में बढ़े वजन को कम कर देता है। स्तनपान से मां को एनीमिया से सुरक्षा मिलती है। कार्यक्रम में डा. गरिमा जैन, आईएमए अध्यक्ष उपेन्द्र गर्ग, सचिव डा. इन्द्रजीत चैरसिया एवं डा. डीके गुप्ता ने भी विश्व स्तनपान सप्ताह के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जन जागरण के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को स्तनपान के प्रति जागरूक बनाकर ही डायरिया, निमोनिया से होने वाली असमय मौतों में कमी लाकर हम शिशु मृत्युदर को कम कर सकते है। कार्यक्रम में हाॅस्पीटल मैजेजर मनिन्दर सिंह, वैभव जौहरी एवं समस्त स्टाफ मौजूद रहा।